प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
देश में अभी इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने का दौर चल रहा है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने ITR फाइलिंग की अंतिम तारीख 15 सितंबर तय की है। लेकिन इसकी के साथ देश में साइबर अपराधी भी सक्रिय हो गए हैं, जो इनकम टैक्स रिफंड के नाम पर लोगों को फर्जी ईमेल या मैसेज भेजकर ठगने की कोशिश कर रहे हैं। इन ईमेल या मैसेज में दावा किया जा रहा है कि आपको तुरंत टैक्स रिफंड मिलेगा, लेकिन इसके लिए ‘मैनुअल वेरिफिकेशन’ जरूरी है। इसके लिए ठग ईमेल या मैसेज में एक लिंक देते हैं जिसपर क्लिक करते ही यूजर एक नकली वेबसाइट पर पहुंच जाता है, जो असली टैक्स पोर्टल जैसी दिखती है। वहां मांगी गई जानकारी जैसे बैंक डिटेल्स, पासवर्ड, OTP आदि सीधे साइबर ठगों के हाथ लग जाती है।
सरकार ने ऐसे स्कैमर्स के खिलाफ चेतावनी जारी की है और लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने स्पष्ट किया है कि वह कभी भी ईमेल, कॉल या SMS के जरिए संवेदनशील जानकारी नहीं मांगता। ऐसे ईमेल मिलने पर उन्हें रिपोर्ट करने और डिलीट करने की सलाह दी गई है।
साइबर अपराधी टैक्सपेयर्स की भावनाओं का फायदा उठाते हैं। ITR फाइल करने के बाद टैक्सपेयर्स की निगाहें रिफंड पर रहती हैं और ठग इसी मौके का फायदा उठाते हैं। ये लोग इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के नाम से ईमेल भेजते हैं, जिसमें लिखा होता है कि आपको 60,000 रुपये तक का रिफंड मिलने वाला है। इन ईमेल में अक्सर “मैनुअल वेरिफिकेशन” की बात कही जाती है और दावा किया जाता है कि 25,000 रुपये से ज्यादा के रिफंड के लिए RBI या PMLA नियमों के तहत अतिरिक्त पुष्टि जरूरी है।
इन मेल में एक लिंक होता है, जिस पर क्लिक करने के लिए कहा जाता है। यह लिंक एक फर्जी वेबसाइट पर ले जाता है, जो बिल्कुल इनकम टैक्स पोर्टल जैसी दिखती है। इस वेबसाइट पर लोग अपने बैंक खाते, क्रेडिट कार्ड या पासवर्ड जैसी संवेदनशील जानकारी डाल देते हैं, जिसे साइबर ठग चुरा लेते हैं। कई बार इन लिंक्स में मालवेयर भी होता है, जो आपके डिवाइस को नुकसान पहुंचा सकता है।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने साफ किया है कि वह कभी भी ईमेल, फोन कॉल या मैसेज के जरिए पासवर्ड, OTP, बैंक खाता नंबर या आधार जैसी निजी जानकारी नहीं मांगता। अगर आपको कोई ऐसा ईमेल मिले, जिसमें रिफंड का वादा हो और लिंक पर क्लिक करने या अटैचमेंट खोलने के लिए कहा जाए, तो सतर्क हो जाएं। असली सरकारी ईमेल हमेशा .gov.in डोमेन से आते हैं। फर्जी ईमेल में अक्सर स्पेलिंग की गलतियां, अजीब फॉर्मेटिंग या गलत भाषा का इस्तेमाल होता है। अगर आपको कोई संदिग्ध मेल मिले, तो उसे तुरंत webmanager@incometax.gov.in या incident@cert-in.org.in पर फॉरवर्ड करें। इसके बाद उस मेल को डिलीट कर दें। डिपार्टमेंट ने यह भी सलाह दी है कि रिफंड की स्थिति जानने के लिए हमेशा आधिकारिक वेबसाइट www.incometax.gov.in पर जाएं।
इस तरह की ठगी से बचने के लिए कुछ आसान कदम उठाए जा सकते हैं। सबसे पहले, किसी भी अनजान ईमेल का जवाब न दें और न ही उसमें दिए गए लिंक पर क्लिक करें। अगर गलती से आपने लिंक पर क्लिक कर लिया है, तो बैंक खाता या क्रेडिट कार्ड जैसी कोई भी निजी जानकारी न डालें। अपने डिवाइस को सुरक्षित रखने के लिए एंटी-वायरस सॉफ्टवेयर और फायरवॉल का इस्तेमाल करें और इन्हें नियमित रूप से अपडेट करते रहें।
अगर आपको लगता है कि आपने गलती से किसी फर्जी लिंक पर क्लिक कर दिया है, तो तुरंत अपने पासवर्ड बदलें और अपने बैंक इसकी सूचना दें। इसके अलावा, रिफंड की स्थिति जांचने के लिए हमेशा इनकम टैक्स की आधिकारिक वेबसाइट पर अपने पैन या आधार नंबर के साथ लॉगिन करें। वहां आप अपने रिटर्न की स्थिति आसानी से देख सकते हैं।