केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने 30 अप्रैल 2025 को अधिसूचना संख्या 41/2025 के तहत एसेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए ITR-3 फॉर्म अधिसूचित कर दिया है। नए फॉर्म में कुछ अहम बदलाव किए गए हैं, जिन्हें टैक्सपेयर्स को ध्यान में रखना जरूरी है।
क्या हैं नए ITR-3 फॉर्म के मुख्य बदलाव:
- कैपिटल गेन की नई रिपोर्टिंग: अब शेड्यूल-कैपिटल गेन में 23 जुलाई 2024 से पहले और बाद में हुई पूंजीगत आय को अलग-अलग दिखाना होगा। यह बदलाव वित्त विधेयक 2024 में किए गए संशोधनों के अनुसार है।
- शेयर बायबैक पर घाटे की छूट: 1 अक्टूबर 2024 के बाद अगर किसी शेयर बायबैक में घाटा हुआ है और उससे जुड़ी डिविडेंड इनकम ‘अन्य स्रोतों से आय’ के रूप में दिखाई गई है, तो वह घाटा अब कैपिटल लॉस के रूप में क्लेम किया जा सकेगा।
- एसेट और लायबिलिटी रिपोर्टिंग सीमा बढ़ी: अब केवल उन्हीं टैक्सपेयर्स को संपत्ति और देनदारियों की जानकारी देनी होगी जिनकी कुल आय ₹1 करोड़ या उससे अधिक है।
- सेक्शन 44BBC जोड़ा गया: यह क्रूज़ व्यवसाय से जुड़ा नया प्रावधान अब ITR-3 में जोड़ा गया है।
- डिडक्शन की रिपोर्टिंग में पारदर्शिता: धारा 80C और धारा 10(13A) जैसे प्रावधानों के तहत ली गई कटौतियों की जानकारी अब अधिक स्पष्ट और विस्तृत रूप में देनी होगी।
- TDS शेड्यूल में नया कॉलम: शेड्यूल-TDS में अब काटे गए टैक्स का सेक्शन कोड भी भरना जरूरी होगा।
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ITR 3 फॉर्म: किन लोगों को भरना चाहिए ये इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म? जानिए आसान भाषा में
इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने वालों के लिए ITR 3 फॉर्म खास महत्व रखता है, खासकर उनके लिए जो बिजनेस करते हैं या किसी प्रोफेशन से कमाई कर रहे हैं। आयकर विभाग इस फॉर्म के जरिए टैक्सपेयर की पूरी वित्तीय जानकारी जुटाता है ताकि टैक्स अनुपालन बेहतर हो सके।
कौन भर सकता है ITR-3 फॉर्म?
ITR फॉर्म 3 ऐसे व्यक्ति या हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) भर सकते हैं जो निम्नलिखित शर्तों को पूरा करते हैं:
- कंपनी के डायरेक्टर हों या कोई बिजनेस करते हों
- भारत में निवासी (resident) या अनिवासी (non-resident) दोनों हो सकते हैं
- पेंशन से आय हो रही हो
- किराये से मकान की आय हो (एक या एक से ज्यादा मकानों से)
- अनलिस्टेड कंपनियों के शेयरों में निवेश किया हो
- बिजनेस या प्रोफेशन से आय हो रही हो, जिसमें सैलरी, कमीशन, ब्याज, बोनस या मेहनताना भी शामिल है
इसके अलावा, जिनकी आय में ये स्रोत शामिल हों, वो भी ITR-3 फॉर्म भर सकते हैं:
- किसी या एक से ज्यादा मकान से आय
- लॉटरी, रेस या जुए जैसी वैध गतिविधियों से आय
- पूंजीगत लाभ (Capital Gains) यानी शॉर्ट टर्म या लॉन्ग टर्म इनकम
- व्यक्ति या HUF द्वारा स्वामित्व वाले प्रोप्राइटरशिप बिजनेस से आय
- विदेश में मौजूद संपत्तियों से आय
कौन नहीं भर सकता ITR-3 फॉर्म?
अगर कोई व्यक्ति या HUF किसी पार्टनरशिप फर्म में पार्टनर के तौर पर बिजनेस या प्रोफेशन से कमाई कर रहा है, तो वह ITR-3 नहीं भर सकता। ऐसे टैक्सपेयर को ITR-2 फॉर्म भरना होगा।
ITR-3 फॉर्म भरने की आखिरी तारीख और जरूरी दस्तावेज: जानिए पूरी जानकारी
अगर आप बिजनेस या प्रोफेशन से कमाई करते हैं और ITR-3 फॉर्म फाइल करना चाहते हैं, तो आपके लिए यह जानकारी जरूरी है।
ITR-3 फाइल करने की आखिरी तारीख:
- जिन लोगों के खातों का ऑडिट नहीं होता, उनके लिए आखिरी तारीख 31 जुलाई है।
- जिनके खातों का ऑडिट जरूरी होता है, उनके लिए 31 अक्टूबर तक रिटर्न फाइल करना जरूरी है।
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ITR-3 फॉर्म भरने के लिए जरूरी दस्तावेज:
- पैन कार्ड (PAN)
- आधार कार्ड (Aadhaar)
- बैंक अकाउंट की डिटेल्स
- फॉर्म 16 (अगर लागू हो)
- निवेश से जुड़ी जानकारी
- बुक्स ऑफ अकाउंट्स (लेखाजोखा)
टैक्स फाइलिंग के वक्त ये सभी दस्तावेज तैयार रखें ताकि रिटर्न भरने में कोई दिक्कत न हो।
First Published - May 2, 2025 | 10:43 AM IST
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