जैसे-जैसे 2025 नजदीक आ रहा है, सोना और चांदी निवेश के लिए बेहतरीन विकल्प बने हुए हैं। दुनिया में आर्थिक और राजनीतिक अस्थिरता के चलते सोने की मांग बढ़ रही है। चीन जैसे देश ज्यादा सोना खरीद रहे हैं और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद है। 2024 में सोने ने 20.8% का शानदार रिटर्न दिया और ₹79,700 के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। स्टॉक्सकार्ट के सीईओ प्रणय अग्रवाल के मुताबिक, 2025 में सोने के दाम 15-18% तक और बढ़ सकते हैं।
चांदी की मांग भी बढ़ रही है, खासकर इलेक्ट्रिक वाहनों और ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट्स के चलते। सोने का सपोर्ट स्तर ₹68,500-₹65,000 है और यह ₹88,500-₹92,000 तक जा सकता है। वहीं, चांदी का सपोर्ट ₹78,000-₹82,000 है और यह ₹1,12,000-₹1,16,000 तक बढ़ सकता है।
प्रणय अग्रवाल का सुझाव है कि निवेशकों को अपनी पोर्टफोलियो में 5-8% सोना और 10-15% चांदी शामिल करनी चाहिए। ये दोनों मेटल लंबी अवधि में अच्छे रिटर्न दे सकते हैं और महंगाई, राजनीतिक संकट और शेयर बाजार की अस्थिरता से बचाव कर सकते हैं।
सोना और चांदी अभी भी सुरक्षित निवेश के लिए लोकप्रिय बने हुए हैं, खासकर जब बाजार आर्थिक और राजनीतिक चुनौतियों का सामना कर रहा है। हाल की तेजी के बाद अब इनकी मांग पर कुछ असर पड़ा है। संघर्ष वाले क्षेत्रों में शांति और अमेरिका-चीन तनाव में कमी ने इनकी मांग को थोड़ा कम किया है। लेकिन चीन ने फिर से सोने की खरीद शुरू की है और ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद से 2025 में सोने और चांदी की मांग फिर बढ़ सकती है।
एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज की रिसर्च एनालिस्ट रिया सिंह का कहना है, “पिछले हफ्ते सोने और चांदी के बाजार में ज्यादा हलचल नहीं हुई। सोना $2,665 से $2,600 के बीच और चांदी $31.40 से $29.68 के बीच रही। यह निवेशकों के सतर्क रुख को दिखाता है। गोल्ड-ETF से लगातार निकासी भी इसे कमजोर बना रही है।”
उन्होंने यह भी कहा कि इस सप्ताह सोना और चांदी में हल्की बढ़त की उम्मीद दिख रही है, जो बाजार में सुधार का संकेत हो सकता है।
सोने की कीमतों में हाल की तेजी अब थोड़ी धीमी पड़ने लगी है। इसकी वजह रूस-यूक्रेन और इजराइल-हिजबुल्ला जैसे संघर्ष क्षेत्रों में शांति के प्रयास हैं। जिन्होंने सोने की सुरक्षित निवेश के रूप में मांग को कम किया है। साथ ही, राष्ट्रपतिचुने गए डॉनल्ड ट्रंप की कूटनीतिक पहल ने बाजार की अस्थिरता को घटाया है, जिससे सोने की मांग में कमी आई है।
हालांकि, दुनिया में भू-राजनीतिक हालात अभी भी अनिश्चित हैं। सीरिया में विद्रोहियों द्वारा दमिश्क पर कब्जा और राष्ट्रपति बशर अल-असद के निर्वासन ने रूस और ईरान जैसे देशों पर दबाव बढ़ा दिया है। ऐसी परिस्थितियों में निवेशक फिर से सोने और चांदी की ओर रुख कर सकते हैं।
सोने की मांग में नई उम्मीद
इन परिस्थितियों के बीच चीन ने छह महीने बाद फिर से सोने की खरीद शुरू कर दी है। चीन का यह कदम अन्य देशों को भी सोने की ओर आकर्षित कर सकता है और इसकी मांग को बढ़ा सकता है। चीन का केंद्रीय बैंक (PBOC) अब आर्थिक ग्रोथ पर ध्यान दे रहा है और ब्याज दरों में संभावित कटौती से सोने की खरीद को और बढ़ावा मिल सकता है।
इसके अलावा, अमेरिका-चीन के बीच बढ़ते तनाव, जैसे चीन द्वारा अमेरिकी कंपनी एनवीडिया पर जांच ने व्यापार से जुड़े जोखिमों को बढ़ा दिया है। इन हालात में सोना और चांदी सुरक्षित निवेश के रूप में और अधिक महत्वपूर्ण हो सकते हैं।
सोना और चांदी का टेक्निकल आउटलुक
सोना:
सोने के लिए तत्काल रेजिस्टेंस $2,670–$2,700 पर है। अगर यह $2,700 से ऊपर जाता है, तो यह $2,900 तक पहुंच सकता है। नीचे की तरफ, इसे $2,600–$2,580 पर सपोर्ट मिलेगा, जो इसे तेज गिरावट से बचा सकता है।
चांदी:
चांदी का सपोर्ट स्तर $29 पर है। जब तक यह $30 से ऊपर ट्रेड कर रही है, इसका रुझान सकारात्मक रहेगा। चांदी के लिए लक्ष्य $32.29–$33 तक रखा गया है, और यह समर्थन स्तर इसे आगे बढ़ने के लिए मजबूत आधार देता है।