International Women’s Day 2025: भारत आज यानी 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मना रहा है। इस अवसर पर भारत में महिलाओं की बढ़ती आर्थिक भागीदारी को म्युचुअल फंड निवेश में आए बदलाव से समझा जा सकता है। AMFI और क्रिसिल की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में महिलाओं की म्युचुअल फंड में हिस्सेदारी दोगुनी होकर कुल व्यक्तिगत निवेशकों के 33% AUM तक पहुंच गई है। यानी हर ₹100 में से ₹33 की निवेशक महिलाएं हैं। खासतौर पर, महिलाएं अब इक्विटी को प्राथमिकता दे रही हैं, जहां उनकी हिस्सेदारी 43.3% से बढ़कर 63.7% हो गई है।
हालांकि, महिलाओं ने डेट फंड्स से दूरी बनाई है, जबकि हाइब्रिड फंड्स में उनका निवेश स्थिर बना हुआ है। दिलचस्प रूप से, गोल्ड ETF में महिलाओं का निवेश चार गुना बढ़ा है, जो उनकी बदलती निवेश रणनीति को दर्शाता है। आयु वर्ग के आधार पर भी इक्विटी की लोकप्रियता बनी हुई है, जिसमें युवा निवेशक अधिक आक्रामक दृष्टिकोण अपना रही हैं, जबकि वरिष्ठ महिलाएं बैलेंस्ड पोर्टफोलियो की ओर बढ़ रही हैं।
एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) और क्रिसिल की लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक, हाइब्रिड म्युचुअल फंड्स में महिला निवेशकों का आवंटन पिछले वर्षों में लगभग 20% के स्तर पर स्थिर बना हुआ है। दूसरी ओर, डेट AUM का आवंटन मार्च 2019 में 22.7% था, जो मार्च 2024 में घटकर 10.7% रह गया है।
इसके अलावा, महिलाओं में पैसिव इन्वेस्टिंग का रुझान भी बढ़ा है। 2019 में इंडेक्स फंड और ईटीएफ में उनकी हिस्सेदारी 2.5% थी, जो 2024 में बढ़कर 4.1% हो गई। खास बात यह है कि महिलाओं का पैसिव गोल्ड निवेश चार गुना बढ़कर 5.2% से 24.9% तक पहुंच गया, जो यह दिखाता है कि वे इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से गोल्ड निवेश को ज्यादा प्राथमिकता दे रही हैं।
विभिन्न उम्र की महिलाओं के निवेश पैटर्न को देखने पर दिलचस्प रुझान सामने आते हैं। हर आयु वर्ग में इक्विटी सबसे पसंदीदा निवेश विकल्प बना हुआ है। सबसे कम उम्र की महिला निवेशकों (25 साल से कम) के कुल निवेश का 69.3% हिस्सा इक्विटी में जाता है। वहीं, सबसे ज्यादा उम्र की महिलाओं (58 साल से अधिक) का 53.3% निवेश इक्विटी में है। इससे साफ है कि हर उम्र की महिलाएं इक्विटी को प्राथमिकता दे रही हैं।
हाइब्रिड म्युचुअल फंड में महिलाओं का निवेश उम्र बढ़ने के साथ बढ़ता है। 25 साल से कम उम्र की महिलाओं में यह 13.7% है, जबकि 58 साल से अधिक उम्र की महिलाओं में यह बढ़कर 26.6% हो जाता है। यह दर्शाता है कि उम्रदराज महिला निवेशक बैलेंस और डायवर्स निवेश विकल्पों को अधिक प्राथमिकता देती हैं।
पैसिव म्युचुअल फंड (MF) स्कीम्स में महिलाओं का निवेश सभी आयु वर्गों में लगभग स्थिर बना हुआ है। प्रत्येक आयु समूह में कुल AUM का 4-5% हिस्सा पैसिव म्युचुअल फंड स्कीम्स में निवेश किया जाता है।
महिलाओं का लार्ज कैप फंड्स (Large-cap funds) में निवेश कम हुआ है। मार्च 2019 में उनके कुल इक्विटी AUM का 19.2% हिस्सा लार्ज कैप फंड्स में था, जो मार्च 2024 में घटकर 13.3% रह गया।
वहीं, स्मॉल कैप फंड्स (Small-cap funds) में महिलाओं का निवेश बढ़ा है। मार्च 2019 में जहां उनका 6.2% इक्विटी AUM स्मॉल कैप फंड्स में था, वहीं मार्च 2024 में यह बढ़कर 10.2% हो गया। यह दर्शाता है कि महिलाएं छोटे कंपनियों की ग्रोथ पोटेंशियल का फायदा उठाने की कोशिश कर रही हैं।