Loan Fraud: आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में पैसों की जरूरत कभी भी पड़ सकती है। जब भी हमें अचानक पैसे की जरूरत होती है, और हमारे पास तभी पैसा नहीं होता है तो हम लोन की ओर बढ़ते हैं। लेकिन लोन देने वाले ज्यादातर बैंक और दूसरे वित्तीय संस्थानों में इसे लेने के लिए एक प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है, जिसके लिए आपको कई डॉक्यूमेंट्स देने पड़ेंगे। साथ ही इसमें समय भी लग सकता है और आपको बताना भी पड़ता है कि आप लोन क्यों ले रहे हैं। ऐसे में लोग जल्दी और आसानी से लोन लेने के लिए मोबाइल ऐप्स की ओर रुख कर रहे हैं। ये ऐप्स आपको कुछ ही मिनटों में लोन देने का वादा करते हैं, वो बिना किसी डॉक्यूमेंट के। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये सुविधा आपकी जिंदगी को मुश्किल में भी डाल सकती है? कई लोग इन क्विक लोन ऐप्स के चक्कर में फंसकर अपनी जिंदगी बर्बाद कर चुके हैं। ऊंची ब्याज दरें, लोन धमकियां, और निजी डेटा का गलत इस्तेमाल—ये कुछ ऐसी चीजें हैं जो इन ऐप्स के साथ जुड़ी हैं। इस स्टोरी में एक्सपर्ट की मदद से जानने की कोशिश करेंगे कि ये लोन ऐप्स कैसे एक ट्रैप बन जाते हैं और इससे बचने के लिए आपको क्या करना चाहिए।
क्विक लोन ऐप्स की चमक-दमक शुरू में बहुत आकर्षक लगती है। ये ऐप्स आपको प्ले स्टोर या इंटरनेट पर आसानी से मिल जाते हैं। आपके फोन भी कई बार ऐसे एड देखने को मिले होंगे, जिसमें बताया जाता है कि “बिना किसी डॉक्यूमेंट के 5 मिनट में लोन लें” या “इमरजेंसी में तुरंत पैसा आपके खाते में।” लेकिन हकीकत इससे बहुत अलग है।
Voice of Banking के फाउंडर और बैंकिंग एक्सपर्ट अश्विनी के मुताबिक, ये ऐप्स लोगों को आसान लोन का लालच देकर फंसाते हैं और फिर उनसे भारी ब्याज वसूलते हैं। कई बार तो ब्याज दरें 100% से भी ज्यादा होती हैं, जो आपको कर्ज के दलदल में धकेल देती हैं। यानि जितना आपने लोन लिया है उसका दोगुना पैसा आपको चुकाना होगा।
ये ऐप्स आपसे लोन लेने के लिए आपकी निजी जानकारी मांगते हैं, जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, फोन नंबर, और बैंक डिटेल्स। इतना ही नहीं, ये आपके फोन के कॉन्टैक्ट्स, फोटो, और मैसेज तक की परमिशन लेते हैं। अगर आप लोन की किस्त समय पर नहीं चुका पाते, तो ये लोग आपको धमकियां देना शुरू कर देते हैं। वे आपके दोस्तों और रिश्तेदारों को फोन करके बदनाम करने की धमकी देते हैं या आपकी फोटो को सोशल मीडिया पर डालने की बात कहते हैं। इस तरह ये ऐप्स आपको मानसिक और आर्थिक दोनों तरह से परेशान करते हैं।
लोन ऐप्स का जाल इतना चालाकी से बुना जाता है कि लोग शुरू में समझ ही नहीं पाते कि वे मुसीबत में फंस रहे हैं। लेकिन कुछ संकेत हैं जो आपको सचेत कर सकते हैं। वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत कराड़ ने संसद में एक प्रश्न का में कहा था कि सितंबर 2022 से अगस्त 2023 के बीच गूगल ने अपने प्ले स्टोर से करीब 2,200 फर्जी लोन ऐप्स को हटाया। ये वो ऐप्स थे जो लोगों को ठग रहे थे। अगर कोई ऐप आपसे बहुत ज्यादा परमिशन मांग रहा है, जैसे आपके फोन के कैमरे या कॉन्टैक्ट्स तक पहुंच, तो ये खतरे की घंटी है।
इसके अलावा, अगर लोन की शर्तें साफ नहीं हैं या ब्याज दरें छुपाई जा रही हैं, तो आपको सावधान हो जाना चाहिए। कई बार ये ऐप्स छोटी रकम का लोन देते हैं, लेकिन कुछ ही दिनों में उसका ब्याज इतना बढ़ जाता है कि आपको दोगुना पैसा चुकाना पड़ता है। अगर आपको लोन चुकाने के बाद भी बार-बार धमकी भरे कॉल्स या मैसेज आ रहे हैं, तो समझ लीजिए कि आप एक ट्रैप में फंस चुके हैं। ऐसे में तुरंत कदम उठाना जरूरी है, वरना ये परेशानी आपकी जिंदगी को और मुश्किल बना सकती है।
अब सवाल ये है कि इस जाल से बचा कैसे जाए? सबसे पहली और आसान बात, किसी भी अनजान ऐप से लोन लेने से बचें। अगर आपको पैसों की जरूरत है, तो बैंक, अपने दोस्तों, या रिश्तेदारों से मदद लें। भले ही बैंक से लोन लेने में थोड़ा समय लगे, लेकिन ये सुरक्षित होता है और ब्याज दरें भी कम होती हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और अन्य वित्तीय नियामकों को ऐसे फर्जी लोन ऐप्स पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। इसका मतलब है कि सरकार भी इस समस्या को गंभीरता से ले रही है, लेकिन लोगों को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी।
अश्विनी राणा कहते हैं, “किसी भी ऐप को डाउनलोड करने से पहले उसकी समीक्षा जरूर पढ़ें। प्ले स्टोर पर यूजर्स के रिव्यू देखें कि कहीं कोई शिकायत तो नहीं है। साथ ही, ये जांचें कि क्या वो ऐप RBI से मान्यता प्राप्त संस्था से जुड़ा है। अगर आपको कोई ऐप संदिग्ध लगे, तो तुरंत पुलिस या साइबर क्राइम सेल में शिकायत करें। अपनी निजी जानकारी, जैसे आधार नंबर या बैंक डिटेल्स, किसी भी अनजान ऐप के साथ शेयर न करें। अगर गलती से आपने ऐसा कर दिया है, तो अपने बैंक को तुरंत सूचित करें ताकि कोई ठगी न हो सके।”
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अश्विनी राणा कहते हैं, “इस समस्या से निपटने के लिए सरकार भी कड़े कदम उठा रही है। लेकिन लोगों के बीच जागरूकता की कमी है, इसलिए ये ऐप्स लोगों को अपने ट्रैप में फंसा ले रहे हैं। इससे बचने के लिए अधिक से अधिक जागरूकता अभियान चलाना होगा। जब तक ये पूरी तरह खत्म नहीं होते, लोगों को सतर्कता बनाए रखनी होगी।”