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Home Insurance Claim: बाढ़ से नुकसान के बाद सर्वेयर के निरीक्षण से पहले मरम्मत करने पर दावा हो सकता है खारिज

पॉलिसीधारक बाढ़ से हुए नुकसान पर मकान बीमा दावा करते समय सर्वेयर के निरीक्षण का इंतजार करें और सही दस्तावेज जमा करें, वरना दावा अस्वीकार हो सकता है।

Last Updated- August 17, 2025 | 10:16 PM IST
GST 2.0 rates for insurance
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

हाल की बाढ़ ने उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों में मकानों को तबाह कर दिया है। बाढ़ से संबंधित नुकसान का दावा करने के लिए मकान बीमा पॉलिसीधारकों को इन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

शुरुआती कदम

अगर जरूरी हो तो सुरक्षित स्थान पर चले जाएं और खतरे से बचने के लिए बिजली बंद कर दें। अनलॉकिंग द पावर ऑफ योर क्रेडिट स्कोर के लेखक अरुण राममूर्ति ने कहा, ‘बीमाकर्ता के टोल-फ्री नंबर पर कॉल करें अथवा उसकी ऐप या वेबसाइट का इस्तेमाल करें। अगर आप बीमाकर्ता को जल्द सूचना देते हैं तो आगे विवादों से बचने में मदद मिलेगी।’ दावे की संदर्भ संख्या को नोट कीजिए। साथ ही क्षतिग्रस्त क्षेत्रों, परिसंपत्तियों और जल स्तर की स्पष्ट तस्वीरें खींच लें और उसका वीडियो भी बना लें। इंश्योरेंस समाधान की सह-संस्थापक और मुख्य परिचालन अधिकारी शिल्पा अरोड़ा ने कहा, ‘बीमा दावा करते समय मकान की पुरानी तस्वीरों के साथ-साथ सभी ओर से ली गई नई तस्वीरें और वीडियो भी जमा कराएं ताकि प्राकृतिक आपदा के कारण हुए नुकसान को स्पष्ट रूप से दिखाया जा सके।’

अगर बीमा के कागजात खो जाते हैं तो पॉलिसीधारक के पंजीकृत संपर्क विवरण का उपयोग करके बीमाकर्ता आसानी से पॉलिसी विवरण प्राप्त कर सकते हैं। पहचान और पते का प्रमाण भी जमा करें। राममूर्ति ने कहा, ‘अगर खरीद बिल या चालान उपलब्ध नहीं हैं तो क्षतिग्रस्त वस्तुओं की सहायक तस्वीरों के साथ एक लिखित घोषणा पत्र भी जमा करना चाहिए। कुछ बीमाकर्ता वस्तुओं की तस्वीर आदि वैकल्पिक प्रमाण भी स्वीकार कर लेते हैं।’ श्रीराम जनरल इंश्योरेंस के कार्यकारी निदेशक और मुख्य अंडरराइटिंग अधिकारी शशिकांत दाहुजा ने कहा, ‘प्रमुख दस्तावेजों को हमेशा डिजिटल रूप में रखें क्योंकि हार्ड कॉपी के मुकाबले उनके नष्ट होने की संभावना नगण्य होगी।’

साइट निरीक्षण

खास तौर पर बड़े दावे के लिए बीमा कंपनी के सर्वेयर द्वारा साइट का निरीक्षण अनिवार्य होता है। आनंद राठी इंश्योरेंस ब्रोकर्स के वरिष्ठ उपाध्यक्ष शंकर राम अन्नूर ने कहा, ‘सर्वेयर का निरीक्षण पूरा होने तक कोई भी बदलाव न करें या कोई भी सामान न हटाएं।’ आगे होने वाले नुकसान को रोकने के लिए केवल अस्थायी मरम्मत ही करें।

निपटान की समय-सीमा

अगर आपकी पॉलिसी रिइंस्टेटमेंट आधार पर है तो उसे बहाल करने की जरूरत होगी। साथ ही दावे का निपटान करने से पहले बिल और चालान प्रदान किए जाने चाहिए। इंश्योरेंस ब्रोकर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईबीएआई) के विशेषज्ञ हरि राधाकृष्णन ने कहा, ‘कभी-कभी दावे का निपटान बाजार मूल्य या मूल्यह्रास के आधार पर किया जाता है। इसे एक महीने के भीतर किया जा सकता है।’

शर्तों का रखें ध्यान

एक मानक होम इंश्योरेंस पॉलिसी भारत गृह रक्षा में बाढ़ को भी कवर किया गया है। मगर होम इंश्योरेंस में कई चीजें कवर नहीं की जाती हैं। दाहुजा ने कहा, ‘अगर पॉलिसी शर्तों में स्पष्ट रूप से उल्लेख न किया गया हो तो सोना-चांदी या बिना तराशे हुए कीमती पत्थरों, पांडुलिपियों, प्रतिभूतियों, सिक्कों, कागजी मुद्रा, चेक, वाहनों और विस्फोटक पदार्थों के नुकसान को आम तौर पर कवर नहीं किया जाता है।’

अप्रत्यक्ष नुकसान और जानबूझकर की गई क्षति को भी कवर नहीं किया जाता है। राधाकृष्णन का कहना है कि परिसर आवासीय होना चाहिए और ग्राहक के पास स्वामित्व या टाइटल होना चाहिए। भुगतान पर कोई सीमा नहीं है। अरोड़ा ने कहा, ‘भुगतान की जाने वाली अधिकतम रकम पॉलिसी की बीमा राशि और पॉलिसी की शर्तों में बताई गई बाढ़ या प्राकृतिक आपदा कवरेज सीमाओं पर निर्भर करती है।’ मगर उप-सीमाएं, डिडक्टिबल और एक्सक्लूजन आपके भुगतान को प्रभावित कर सकते हैं।

इन गलतियों से बचें

मकान के मालिक की ओर से कई गलतियां दावे को प्रभावित कर सकती हैं। अरोड़ा ने कहा, ‘कई मकान मालिक मकान में बदलाव का खुलासा नहीं कर पाते हैं। वे बीमा कंपनी को सूचित करने में भी देरी करते हैं या पर्याप्त दस्तावेज जमा नहीं कराते हैं।’ अन्नूर ने कहा कि घर में खतरनाक सामग्री रखने से भी आपके दावे अस्वीकार हो सकते हैं।

अगर दावे हो जाए खारिज

अगर कोई बीमाकर्ता बाढ़ के कारण हुए नुकसान के दावे को स्वीकार नहीं करता है तो अन्नूर ने बताया कि पहले बीमाकर्ता की शिकायत निवारण प्रकोष्ठ से संपर्क करें। अपने दावे के समर्थन में प्रमाण प्रस्तुत करें और बताएं कि आप दावे को खारिज किए जाने का विरोध क्यों कर रहे हैं। इसके अलावा आप भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण के पोर्टल बीमा भरोसा पर भी शिकायत दर्ज कर सकते हैं।  

First Published - August 17, 2025 | 10:16 PM IST

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