Income Tax: केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने उन टैक्सपेयर्स और व्यवसायों को राहत दी है, जिन्हें उन मामलों में अतिरिक्त टैक्स और पेनल्टी भरने के नोटिस मिले थे, जहां उन्होंने ऐसे लाभार्थियों पर सामान्य दर से स्रोत पर कर कटौती (TDS) या संग्रह (TCS) किया था जिनका पैन आधार से लिंक न होने के कारण निष्क्रिय हो गया था।
इनकम टैक्स अधिनियम के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति का पैन आधार से लिंक नहीं है और वह निष्क्रिय हो चुका है, तो उस स्थिति में उस पर TDS या TCS की 20% की उच्च दर लागू होती है।
हालांकि, अब CBDT ने यह स्पष्ट किया है कि यदि कर काटने या संग्रह करने वाले कुछ शर्तों को पूरा करते हैं, तो उन्हें differential टैक्स और उस पर लगने वाली पेनल्टी से छूट दी जाएगी।
दरअसल, कई करदाताओं ने यह शिकायत की थी कि उन्हें आयकर विभाग से ऐसे मामलों में डिमांड नोटिस मिल रहे हैं, जहां उन्होंने सामान्य दर पर TDS/TCS काटा, लेकिन बाद में पता चला कि प्राप्तकर्ता का पैन निष्क्रिय था।
खेतान एंड कंपनी के पार्टनर आशीष मेहता का कहना है, “CBDT का यह सर्कुलर उन करदाताओं के लिए बड़ी राहत लेकर आया है, जिन्हें केवल इसलिए टैक्स डिमांड का सामना करना पड़ा क्योंकि पैन निष्क्रिय होने के कारण कम दर पर TDS/TCS कट गया था।”
यह राहत उन मामलों में दी जाएगी जहां:
लेन-देन 1 अप्रैल 2024 से 31 जुलाई 2025 के बीच हुआ हो, और
भुगतान पाने वाले (Payee) ने अपना PAN 30 सितंबर 2025 तक सक्रिय (operative) करवा लिया हो।
ऐसे मामलों में कम TDS कटौती के कारण जो टैक्स डिमांड नोटिस जारी किए गए हैं, वे रिटर्न में संशोधन या पुनः प्रक्रिया के बाद रद्द कर दिए जाएंगे।
उदाहरण से समझिए:
मान लीजिए, व्यक्ति A ने मई 2024 में B से ₹1 करोड़ की संपत्ति खरीदी और नियम के अनुसार ₹1 लाख (1%) TDS काटा। लेकिन अगर B का PAN उस वक्त अक्रियाशील (inoperative) था, तो A को 20% (₹20 लाख) TDS काटना चाहिए था। इस आधार पर विभाग ₹19 लाख की टैक्स डिमांड भेजता।
अब नई सर्कुलर के अनुसार, अगर B 30 सितंबर 2025 तक अपना PAN सक्रिय कर लेता है, तो A को यह ₹19 लाख की डिमांड नहीं भरनी होगी।
अगर भुगतान प्राप्त करने वाला व्यक्ति निर्धारित समय में PAN और आधार को लिंक कर लेता है, तो कम TDS कटौती पर कोई ब्याज या जुर्माना नहीं लगेगा।
विशेषज्ञों की सलाह:
भुगतान से पहले यह जांचें कि संबंधित व्यक्ति का PAN-आधार लिंक है या नहीं (चाहे वह कर्मचारी हो, किरायेदार या संपत्ति विक्रेता)।
लेन-देन से पहले पेयी को PAN अपडेट करवाने की सलाह दें ताकि उच्च TDS या TCS से बचा जा सके।
निर्धारित समयसीमा का ध्यान रखें ताकि भविष्य में राहत का लाभ उठाया जा सके।
विशेषज्ञ मेहता कहते हैं, “कर्मचारियों, मकान मालिकों, प्रॉपर्टी खरीददारों और छोटे व्यापारियों के लिए यह एक सावधानी भरा कदम है जिससे वे टैक्स नोटिस की परेशानी से बच सकते हैं।”