प्रतीकात्मक तस्वीर
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने ‘कम जोखिम’ वाले ग्राहकों के मामले में सभी नियंत्रित इकाइयों को सभी लेनदेन की अनुमति देने के लिए कहा है। आरबीआई ने इन इकाइयों को नो-योर कस्टमर (केवाईसी) भी अद्यतन करने के लिए कहा है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि इन इकाइयों को केवाईसी अद्यतन करने की तारीख नजदीक आने के एक साल के भीतर या 30 जून 2026 तक (जो भी पहले हो) यह काम पूरा कर लेने के लिए कहा है।
बैंकिंग नियामक की नजर में आया है कि नियमित अंतराल पर केवाईसी अद्यतन नहीं हो रहा है। यह समस्या प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के उद्देश्य से खोले गए बैंक खातों के साथ भी देखी गई है। इसे देखते हुए ही आरबीआई ने केवाईसी अद्यतन के संबंध में निर्देश जारी किया है।
इस सप्ताह के शुरू में वित्तीय स्थायित्व एवं विकास परिषद की बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि वित्तीय क्षेत्र में केवाईसी प्रक्रिया निर्बाध बनाने के लिए परिषद को सक्रिय कदम उठाना चाहिए। उन्होंने वित्तीय क्षेत्र के नियामकों को वित्तीय क्षेत्र में पड़े उन रकम (बैंक फिक्सड डिपॉजिट, शेयर आदि) के संबंध में आवश्यक कदम उठाने के लिए कहा जिन्हें लेकर दावे नहीं किए जा रहे हैं। वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि ऐसी रकम वाजिब लोगों तक पहुंचाने के लिए सभी आवश्यक उपाय किए जाने चाहिए।
आरबीआई ने कारोबारी प्रतिनिधियों को केवाईसी अद्यतन की प्रक्रिया पूरी करने की अनुमति दे दी है। आरबीआई ने इस संबंध में जारी एक अधिसूचना में कहा, ‘केवाईसी के तहत दी गई सूचनाओं में किसी तरह का बदलाव नहीं होने या पते में किसी तरह के बदलाव के मामले में बैंक प्रतिनिधि ग्राहकों से स्व-घोषणा ले सकते हैं।’