ATM New Rules From May: अगर आप ATM से अक्सर कैश निकालते हैं या बैलेंस चेक करते हैं, तो ये खबर आपके लिए जरूरी है। 1 मई 2025 से ATM ट्रांजैक्शन पर लगने वाले चार्ज बढ़ने जा रहे हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के प्रस्ताव को मंजूरी के बाद अब दूसरे बैंक के ATM से ट्रांजैक्शन करना और भी महंगा पड़ेगा।
ये नए चार्ज उन ट्रांजैक्शन पर लागू होंगे जो ग्राहकों के मासिक फ्री लिमिट से ज्यादा होंगे। मेट्रो शहरों में 5 और नॉन-मेट्रो क्षेत्रों में 3 फ्री ट्रांजैक्शन की सीमा है।
ATM नेटवर्क ऑपरेटर और व्हाइट लेबल ATM कंपनियों ने इंटरचेंज फीस बढ़ाने की मांग की थी, क्योंकि उनके लिए मेंटेनेंस और ऑपरेशनल खर्च बढ़ गए हैं। NPCI ने इस मांग को RBI के सामने रखा, जिसे मंजूरी दे दी गई।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, FY14 में भारत में डिजिटल पेमेंट्स का कुल मूल्य ₹952 लाख करोड़ था, जो FY23 में बढ़कर ₹3,658 लाख करोड़ हो गया। इससे पता चलता है कि देश तेजी से कैशलेस इकॉनमी की ओर बढ़ रहा है।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने अपने ग्राहकों के लिए ATM ट्रांजैक्शन लिमिट और चार्ज में बदलाव किए हैं। ये नए नियम 1 फरवरी 2025 से लागू हो चुके हैं। वहीं, 1 मई 2025 से RBI के निर्देशानुसार कैश निकालने पर ज्यादा चार्ज देना होगा।
ATM चार्ज के अलावा, अप्रैल 2025 से क्रेडिट कार्ड यूजर्स को भी कुछ बदलावों का सामना करना पड़ेगा। Axis Bank ने Vistara के Air India में मर्जर के बाद अपने Vistara Credit Card के बेनिफिट्स में बदलाव करने का ऐलान किया। ये नए नियम 18 अप्रैल 2025 से रिन्युअल पर लागू हो गए हैं।
बैंकिंग एक्सपर्ट सुनील पंत के मुताबिक, “डिजिटल पेमेंट्स के चलते ATM से होने वाले ट्रांजैक्शन की संख्या घट रही है, लेकिन एक बार में निकाली जाने वाली रकम बढ़ी है। इससे साफ है कि छोटे लेनदेन UPI जैसे प्लेटफॉर्म्स पर शिफ्ट हो गए हैं, जबकि बड़ी रकम की जरूरत के लिए लोग अभी भी ATM का इस्तेमाल कर रहे हैं।”
उन्होंने बताया कि 2020 में औसतन ₹5,000 की निकासी होती थी, जो 2024 में बढ़कर ₹5,500 हो गई है। इसका मतलब है कि चार्ज बढ़ने के बावजूद लोगों के व्यवहार में ज्यादा बदलाव नहीं आया है। उन्होंने यह भी कहा कि, “ग्रामीण क्षेत्रों में जहां बैंकिंग सुविधाएं सीमित हैं, वहां अभी भी छोटे ट्रांजैक्शन के लिए ATM पर निर्भरता है। लेकिन कुल मिलाकर इसका ग्राहकों की संतुष्टि या पारंपरिक बैंकिंग सिस्टम पर ज्यादा नकारात्मक असर नहीं दिखेगा।”