केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने 10 लाख रुपये से अधिक कीमत वाले कई लग्जरी सामानों पर अब टैक्स कलेक्टेड ऐट सोर्स (TCS) लगाने का दायरा बढ़ा दिया है। इसके साथ ही गुरुवार को इस संबंध में एक विस्तृत FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल) भी जारी किया गया।
नई व्यवस्था मंगलवार (22 अप्रैल) को अधिसूचित की गई थी और यह आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 206C(1F) में किए गए संशोधन के तहत लागू होगी। इसके तहत 10 लाख रुपये से ज्यादा कीमत वाले विशेष हाई-वैल्यू आइटम्स पर 1 फीसदी TCS अनिवार्य कर दिया गया है।
पहले यह प्रावधान केवल 10 लाख रुपये से अधिक कीमत वाले मोटर वाहनों पर लागू होता था। लेकिन अब फाइनेंस (संशोधन) अधिनियम, 2024 के तहत इस दायरे में अन्य महंगे सामानों को भी शामिल कर दिया गया है।
₹10 लाख से महंगे लग्जरी सामानों पर अब लगेगा TCS, सरकार ने जारी की लिस्ट
अगर आप ₹10 लाख से ज्यादा कीमत वाले लग्जरी सामान खरीदने की सोच रहे हैं तो अब आपको अतिरिक्त टैक्स देना पड़ सकता है। वित्त (संशोधन) अधिनियम, 2024 के तहत इनकम टैक्स एक्ट 1961 की धारा 206C(1F) में बड़ा बदलाव किया गया है। इस बदलाव के जरिए अब सिर्फ महंगी कारों पर ही नहीं, बल्कि कुछ और महंगे सामानों पर भी टैक्स कलेक्शन एट सोर्स (TCS) लगाया जाएगा।
यह भी पढ़ें: Form 16 और AIS में गड़बड़ी तो नहीं है? ITR फाइल करने से पहले कर ले ये जरूरी काम, वरना विभाग भेज सकता है नोटिस
किन सामानों पर लगेगा नया TCS?
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने 22 अप्रैल 2025 को अधिसूचना संख्या 36/2025 के जरिए उन लग्जरी सामानों की सूची जारी की है, जिनकी कीमत ₹10 लाख से अधिक होने पर बिक्री के समय TCS लिया जाएगा। यह सूची इस प्रकार है:
पहले क्या था नियम?
पहले धारा 206C(1F) के तहत केवल ₹10 लाख से अधिक मूल्य की मोटर गाड़ियों पर ही TCS लागू होता था। अब नए संशोधन के बाद सरकार ने और भी कई महंगे सामानों को इस दायरे में शामिल कर दिया है।
कब से होगा लागू?
सरकार द्वारा अधिसूचना जारी करने के साथ ही ये नए प्रावधान प्रभावी हो गए हैं। अब इन महंगे सामानों की बिक्री पर विक्रेता को ग्राहक से TCS वसूलकर सरकार को जमा करना होगा।
यह भी पढ़ें: ₹50,000 से ज्यादा किराया दे रहे हैं? 30 अप्रैल तक करना होगा ये जरूरी काम, नहीं तो लगेगा जुर्माना
सरकार ने लक्जरी सामानों की खरीद पर 1% टीसीएस (Tax Collected at Source) लगाने का फैसला किया है। ये नए नियम 22 अप्रैल 2025 से प्रभावी होंगे।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
वेद जैन एंड एसोसिएट्स के पार्टनर अंकित जैन का मानना है कि यह कदम उल्टा असर डाल सकता है। उन्होंने कहा, “₹2 लाख से अधिक की खरीद पर पहले से पैन डिटेल्स देना अनिवार्य था। अब टीसीएस जोड़ने से उपभोक्ता हतोत्साहित हो सकते हैं, जिससे फॉर्मल रिटेलरों से GST संग्रह घट सकता है और ग्रे मार्केट को फायदा मिल सकता है।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि, “मोटर व्हीकल्स पर टीसीएस लागू करने का अनुभव बताता है कि इससे टैक्स चोरी पकड़ने में खास सफलता नहीं मिली है।”
सिरिल अमरचंद मंगलदास के पार्टनर कुनाल सावनी ने कहा, “यह टैक्स नीति में एक बड़ा बदलाव है, जो पारदर्शिता बढ़ाने की दिशा में उठाया गया कदम है। अब बिजनेस को अपने सिस्टम अपडेट करने होंगे, रिकॉर्ड सही रखना होगा और समय पर टीसीएस जमा करना अनिवार्य होगा। नियमों का पालन नहीं करने पर आयकर कानून के तहत पेनल्टी, ब्याज और कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।”
यह भी पढ़ें: Old vs New Tax Regime: ITR फाइल करने से पहले जानिए कौन-सा टैक्स सिस्टम आपके लिए है बेहतर
डेलॉइट इंडिया के पार्टनर आलोक अग्रवाल ने कहा, “कुछ नोटिफाइड आइटम्स पर ₹10 लाख की लिमिट काफी ऊंची है, इसलिए बहुत ज्यादा ट्रांजैक्शन या व्यक्तियों पर इसका असर नहीं पड़ेगा। लेकिन सरकार का मकसद लक्जरी सामान पर बढ़ते खर्च को देखते हुए टैक्स नेट को और गहरा करना है। ऐसे में शुरू में उन हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स (HNIs) से ज्यादा सवाल पूछे जा सकते हैं जो ये महंगे सामान खरीदते हैं, लेकिन टैक्स रिटर्न फाइल नहीं करते या अपनी वास्तविक इनकम सही से नहीं दिखाते।”