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कम रिस्क, तगड़ा मुनाफा! क्या Dividend Yield Funds से आप बना सकते हैं बड़ा पैसा?

क्या ये फंड आपकी इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजी में फिट बैठते हैं? जानिए इसके फायदे, नुकसान और टैक्स बेनेफिट्स।

Last Updated- February 20, 2025 | 7:23 PM IST
Mutual Fund

बाजार में जबरदस्त उतार-चढ़ाव हो रहा है, लेकिन Dividend Yield Funds (DYF) अभी भी निवेशकों की पहली पसंद नहीं बन पाए हैं। जनवरी 2025 में इन फंड्स में सिर्फ ₹214 करोड़ की इनफ्लो आई, जो इक्विटी-ओरिएंटेड स्कीम्स में सबसे कम रही। हालात ऐसे हैं कि ये कैटेगरी पुरानी होने के बावजूद ₹31,049 करोड़ के सबसे छोटे AUM (एसेट्स अंडर मैनेजमेंट) के साथ टिकी हुई है।

ये फंड्स कम निवेश क्यों खींच रहे हैं, और क्या वाकई ये बाजार में स्थिरता देने में मदद कर सकते हैं? अगर हां, तो क्या आपको इसमें निवेश करना चाहिए? आइए, जानते हैं।

क्या होते हैं Dividend Yield Funds?

Dividend Yield Funds का काम ऐसी कंपनियों में निवेश करना होता है, जो नियमित रूप से अपने मुनाफे का एक हिस्सा डिविडेंड के रूप में देती हैं। इस तरह से, अगर किसी स्टॉक की कीमत ₹100 है और वह ₹2 का डिविडेंड देता है, तो इसका यील्ड 2% होगा। ये फंड्स आमतौर पर FMCG और IT सेक्टर की उन कंपनियों में निवेश करते हैं, जो हर साल अच्छे डिविडेंड देती हैं।

बाजार गिरने पर बचाएंगे ये फंड्स?

बाजार में हलचल मची हो तो सबसे बड़ा डर होता है – शेयर गिर जाएंगे! लेकिन Dividend Yield Funds यहां पर एक सुरक्षा कवच (Safety Net) की तरह काम करते हैं। UTI म्यूचुअल फंड के फंड मैनेजर अमित प्रेमचंदानी के मुताबिक, जिन कंपनियों का डिविडेंड यील्ड ज्यादा होता है, वे गिरावट के समय ज्यादा नुकसान नहीं झेलतीं।

वजह? क्योंकि निवेशकों को डिविडेंड मिलता रहता है, जिससे स्टॉक की वैल्यू ज्यादा गिरने की संभावना कम होती है। कुल मिलाकर, बाजार गिर भी जाए, तो भी डिविडेंड से आपको कुछ ना कुछ रिटर्न मिलता रहेगा।

टैक्स में भी फायदे का सौदा

शेयरों से मिलने वाले डिविडेंड पर निवेशकों को उनकी इनकम टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स देना पड़ता है। लेकिन अगर कोई निवेशक Dividend Yield Fund (DYF) में पैसा लगाता है, तो उसे टैक्स तभी देना होगा जब वह अपनी यूनिट्स बेचता है। अगर यह फंड एक साल से ज्यादा होल्ड किया गया है, तो इस पर सिर्फ 12.5% का लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगेगा, जो सीधे डिविडेंड पर लगने वाले टैक्स से काफी कम है।

लेकिन हर चीज के दो पहलू होते हैं

Dividend Yield Funds जहां रिस्क कम और स्थिर रिटर्न देते हैं, वहीं इनके कुछ नुकसान भी हैं।

  • हाई-ग्रोथ कंपनियों का फायदा नहीं मिलता – ज्यादातर तेजी से बढ़ती कंपनियां मुनाफा कमाकर उसे नए बिजनेस में लगाती हैं, बजाय डिविडेंड देने के। इसका मतलब है कि Dividend Yield Funds में पैसा लगाने वाले हाई-ग्रोथ कंपनियों के बड़े मुनाफे से चूक सकते हैं।
  • कुछ सेक्टर्स में फंसा रहता है पैसा – FMCG, IT और कुछ अन्य पारंपरिक सेक्टर्स में ही ये फंड्स फोकस करते हैं, जिससे पोर्टफोलियो ज्यादा डायवर्सिफाई नहीं होता।

किन निवेशकों के लिए सही हैं ये फंड्स?

अगर आप शेयर बाजार की तेजी और मंदी से बचना चाहते हैं, लेकिन फिर भी इक्विटी में निवेश करने का विचार कर रहे हैं, तो Dividend Yield Funds आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकते हैं। ये फंड उन निवेशकों के लिए आदर्श हैं, जो लॉन्ग-टर्म नजरिया रखते हैं और कम से कम 5 साल तक निवेश बनाए रखने के इच्छुक हैं।

इसके अलावा, ऐसे निवेशक जो बाजार की अस्थिरता से बचना चाहते हैं, लेकिन फिर भी इक्विटी में अपनी हिस्सेदारी रखना चाहते हैं, उनके लिए भी यह एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है। खासतौर पर वे लोग, जो हर साल थोड़ा-थोड़ा डिविडेंड और सुरक्षित निवेश चाहते हैं, उन्हें यह फंड ज्यादा पसंद आ सकता है।

Wallet Wealth के सीईओ S Sridharan का मानना है कि अगर कोई निवेशक अपने पोर्टफोलियो का 30% तक हिस्सा Dividend Yield Funds में लगाता है, तो यह एक अच्छा बैलेंस बना सकता है। इससे न केवल बाजार के उतार-चढ़ाव से सुरक्षा मिलती है, बल्कि नियमित डिविडेंड के जरिए एक स्थिर रिटर्न भी मिलता है।

First Published - February 20, 2025 | 7:19 PM IST

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