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RIL के शेयर धड़ाम! 52-सप्ताह के निचले स्तर पर, एक हफ्ते में 5% तक की गिरावट के पीछे क्या है वजह

बांबे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर RIL अपने 52-सप्ताह के सबसे निचले स्तर 1210.15 रुपए पर पहुंच गया, जो 8 जुलाई 2024 को छुए गए अपने रिकॉर्ड उच्च स्तर 1608.95 रुपए से 24% कम है.

Last Updated- December 20, 2024 | 5:45 PM IST
Reliance
रिलायंस इंडस्ट्रीज (प्रतीकात्मक तस्वीर)

रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) के शेयर शुक्रवार को इंट्रा-डे कारोबार में BSE पर 1.7 फीसदी की गिरावट के साथ 52 सप्ताह के निचले स्तर 1210.15 रुपए पर पहुंच गया। यह अपने पिछले दिन की लगभग 2 फीसदी की गिरावट को और बढ़ाता है।

एक हफ्ते में बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) के लिहाज से देश की सबसे मूल्यवान कंपनी के शेयर मूल्य में 5 फीसदी की गिरावट आई है।

इस सप्ताह में RIL के बाजार पूंजीकरण में 85,525 करोड़ रुपये की गिरावट देखी गई है। इसकी तुलना में इसी समय में BSE सेंसेक्स में 4.4 फीसदी की गिरावट आई है। 8 जुलाई 2024 को जब RIL अपने रिकॉर्ड स्तर 1608.95 रुपये पर पहुंचा था, उससे 24 प्रतिशत नीचे आ चुका है।

विश्लेषकों का मानना है कि रिटेल कारोबार और रिलायंस Jio में अधिक पूंजीगत व्यय के साथ-साथ फ्री कैश फ्लो (FCF) की कमी के चलते RIL का प्रदर्शन खराब रहा। हालांकि, मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज ने 9 दिसंबर की अपनी रिपोर्ट में कहा कि पूंजीगत व्यय अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच चुका है और उम्मीद है कि वित्त वर्ष 24-27 के दौरान RIL करीब 1 ट्रिलियन रुपये का FCF जनरेट करेगा।

ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि रिस्क-रिवॉर्ड बेहतर है, क्योंकि RIL अभी अपने बियरकेस वैल्यूएशन (1:10 रिस्क रिवॉर्ड रेश्यो) के करीब कारोबार कर रहा है।

इसके अलावा जेएम फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशनल सिक्योरिटीज के विश्लेषकों का मानना है कि कि RIL के शेयर की कीमत में हालिया कमजोरी मुख्य रूप से ब्याज, टैक्स, डेप्रिसिएशन और अमॉर्टाइजेशन अनुमान से पहले वित्त वर्ष 25 की आम सहमति आय में 5-6 प्रतिशत की गिरावट के कारण है। यह कमजोर H1FY25 आय के कारण हुआ, क्योंकि तेल से लेकर रसायन (O2C) की आय H1FY25 में GRM में कमजोरी के कारण प्रभावित हुई, जबकि पेट्रोकेमिकल मार्जिन में लगातार सुस्ती बनी रही; और पिछली 3 तिमाहियों में खुदरा व्यापार एबिटा में तेजी से कमी आई। 

ब्रोकरेज फर्म ने कहा कि Jio की लिस्टिंग टाइमलाइन पर सीमित स्पष्टता ने कमजोरी को और बढ़ा दिया।

हालांकि, जेएम फाइनेंशियल के विश्लेषकों ने RIL पर अपनी ‘बाय’ रेटिंग दोहराई, क्योंकि उन्हें उम्मीद है कि इसका शुद्ध ऋण धीरे-धीरे कम होगा। 

रिपोर्ट किए गए शुद्ध ऋण को एबिटा से 1x (वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही के अंत में 0.75x) से नीचे रखने के लिए RIL का गाइडेंस भी राहत देता है। ब्रोकरेज फर्म ने कहा कि Jio की लिस्टिंग की संभावित समय सीमा और मूल्यांकन पर स्पष्टता निकट से मध्यम अवधि के लिए संभावित ट्रिगर हो सकती है।

RIL का शेयर अपने सर्वकालिक उच्च स्तर से नीचे आ गया है क्योंकि Jio और रिटेल के संभावित IPO में देरी के कारण शेयर के प्रति उत्साह कम होते जा रहा है। खुदरा कारोबार में धीमी बढ़ोतरी एक और नकारात्मक कारण रहा है। CLSA के विश्लेषकों ने 13 नवंबर 2024 को एक रिपोर्ट में कहा कि Jio और रिटेल में सुधार अभी भी ध्यान का केंद्र बना हुआ है, लेकिन नई ऊर्जा परियोजनाओं की शुरुआत एक संभावित स्रोत है, जिसे शेयर संभवत: अनदेखा कर रहा है।

First Published - December 20, 2024 | 5:45 PM IST

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