बाजार में आज मेटल, रियाल्टी और बैंकिंग क्षेत्र के सभी शेयरों में जोरदार बिकवाली देखी गई। विदेशी निवेशकों द्वारा की गई डिलिवरी आधारित बिकवाली से रिलायंस उद्योग, आईसीआईसीआई बैंक, स्टैट बैंक ऑफ इंडिया और लॉर्सन एंड ट्रूबो जैसे बड़े शेयरों में 5-8 फीसदी की गिरावट हुई।
आईटीसी और हिंदुस्तान यूनीलीवर को छोड़ सेंसेक्स बास्केट के बाकी सभी शेयरों में गिरावट रही। निफ्टी अक्टूबर फ्यूचर्स में 39.2 लाख शेयरों से ओपन इंट्रेट ने पोजीशन अनवाइंड की जबकि नवंबर फ्यूचर्स ने 31.1 लाख शेयरों का ओपन इंट्रेस्ट जोड़ा।
जबकि नवंबर वायदा का कॉस्ट ऑफ कैरी 23 रुपए से घटकर 15 रुपए प्रति नवंबर फ्यूचर्स में कॉस्ट ऑफ कैरी 23 रुपये से घटकर 15 रुपये हो गई। इससे साफ है कि वायदा और विकल्प के कारोबारियों ने अपनी लांग पोजीशन खत्म की और ताजा शॉर्ट पोजीशन ली।
वायदा और विकल्प में रिलायंस इंडस्ट्रीज, रिलायंस पेट्रोलियम, भेल, डीएलएफ और आईसीआईसीआई बैंक आदि सबसे अधिक कारोबार करने वाले शेयरों के अक्टूबर फ्यूचर्स के सौदे में ओपन इंट्रेस्ट अनवाइंड हुआ, लेकिन इनमें आधी पोजीशन ही नवंबर फ्यूचर्स में रोल ओवर हुए। इससे संकेत मिलता है कि वायदा और विकल्प के कारोबारी अपनी लांग पोजीशन खत्म करने के मूड में हैं।
हालांकि भारतीय एयरटेल केयर्न इंडिया, ग्रेसिम, एचडीएफसी बैंक, एचडीएफसी, लॉर्सन एंड ट्रूबो और एसबीआई 4-8 फीसदी गिरे और इनके अक्टूबर फ्यूचर्स ओपन इंट्रेस्ट में पोजीशन अनवाइंड हुई यह पोजीशन नवंबर फ्यूचर्स में भी रोलओवर हुई।
इससे पता चलता है कि कारोबारी अपनी शॉर्ट पोजीशन को जारी रखना चाहते हैं।निफ्टी को 3200 के लेवल पर गहरा रेसिस्टेंस मिला हुआ है जबकि 3100 का सपोर्ट मुश्किल नहीं लग रहा।
कारोबारियों को उम्मीद हैं कि निफ्टी 2900 के नीचे जा सकता है। इसके चलते वे 3000 और 2900 के पुट की खरीद करते दिखे। अन्य 3100 और 3200 के पुट पर अपनी शॉर्ट पोजीशन कवर करते दिखे। उन्हें लगता है कि सूचकांक निकट भविष्य में 3100 और 3200 के स्तर पर जाने की संभावना कम है।