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सिर्फ 4 हफ्तों में 53% चढ़ा यह Smallcap Stock, खाद बनाने वाली इस कंपनी के शेयरों पर टूट पड़े निवेशक

परादीप फॉस्फेट्स का शेयर बना रॉकेट, अच्छी बारिश की उम्मीद से निवेशकों में जोश

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दीपक कोरगांवकर   
Last Updated- April 16, 2025 | 4:18 PM IST

परादीप फॉस्फेट्स लिमिटेड (PPL) के शेयर ने बुधवार को इंट्राडे ट्रेडिंग में बीएसई पर ₹139 का नया हाई छू लिया। यह शेयर दिन में 4% तक चढ़ गया। इससे एक दिन पहले ही शेयर में 10% की जोरदार तेजी आई थी। इसकी वजह है इस साल अच्छे मानसून की उम्मीद। पिछले चार हफ्तों में कंपनी का शेयर 53% चढ़ चुका है। इसके अलावा, जून 2024 में ₹62 का जो 52-सप्ताह का लो बना था, वहां से यह शेयर अब तक 124% चढ़ चुका है।

दो दिन में 16% की तेजी

भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने मंगलवार को कहा कि 2025 में देश में “औसत से ज्यादा” बारिश हो सकती है – जो कि लॉन्ग पीरियड एवरेज (LPA) का 105% हो सकती है। इस खबर के बाद से परादीप फॉस्फेट्स के शेयर में दो दिन में ही 16% की तेजी आ गई।

इसके अलावा, निजी मौसम एजेंसी Skymet ने भी कहा कि इस साल मानसून सामान्य रह सकता है – यानी कि LPA का 103%।

क्या करती है PPL कंपनी?

PPL देश की बड़ी प्राइवेट फॉस्फेटिक फर्टिलाइज़र कंपनियों में से एक है। यह DAP समेत कई तरह के फॉस्फेटिक ग्रेड बनाती है। इसकी कुल सालाना उत्पादन क्षमता करीब 30 लाख टन है, जिसमें 26 लाख टन फॉस्फेट और 4 लाख टन यूरिया शामिल है। इसके दो बड़े प्लांट हैं – एक उड़ीसा के परादीप में और दूसरा गोवा के ज़ुआरिनगर में।

FY25 के पहले 9 महीनों का प्रदर्शन

अप्रैल से दिसंबर 2024 तक, कंपनी ने 19 लाख टन से ज्यादा उत्पादन और 22.9 लाख टन बिक्री की। यह साल-दर-साल 4% और 13% की बढ़त है। कंपनी का नैनो फर्टिलाइज़र सेगमेंट भी तेजी से बढ़ रहा है – FY25 के पहले 9 महीनों में 1.4 करोड़ बोतलें बिकीं।

क्या कहती है कंपनी और रेटिंग एजेंसी?

कंपनी का कहना है कि बीते कुछ समय में बारिश अच्छी रही, स्टॉक कम था और सरकार से भी मदद मिली – जिससे प्रोडक्शन और सेल्स स्थिर बनी रही।

ICRA का कहना है कि कंपनी की profitability आगे और बेहतर हो सकती है क्योंकि वह अपने प्लांट्स में फॉस्फोरिक और सल्फ्यूरिक एसिड का उत्पादन खुद करने लगी है – जिससे आयात पर निर्भरता कम होगी और लागत घटेगी। कंपनी परादीप में सल्फ्यूरिक एसिड का नया प्लांट भी लगा रही है – जिसकी क्षमता 1.4 मिलियन टन से बढ़ाकर 2 मिलियन टन की जा रही है। इसके अलावा, गोवा यूनिट में ऊर्जा बचाने के लिए खास तकनीक का उपयोग किया जा रहा है – जिससे लागत और घटेगी।

ब्रोकरों की नजर में पसंदीदा स्टॉक

एलारा कैपिटल के विश्लेषकों का मानना है कि मौजूदा हालात और आने वाले समय में भी फर्टिलाइज़र सेक्टर एग्रोकेमिकल सेक्टर से बेहतर प्रदर्शन करेगा। उन्होंने कहा कि परादीप फॉस्फेट्स और कोरोमंडल इंटरनेशनल जैसी कंपनियां इस समय निवेश के लिए ज्यादा मजबूत दिख रही हैं।

ब्रोकरेज का तर्क है कि फर्टिलाइज़र सेक्टर में देश की जरूरतों को घरेलू उत्पादन से पूरा करने का काम तेजी से हो रहा है। इससे न सिर्फ आयात पर निर्भरता घटेगी, बल्कि कंपनियों की कमाई और मुनाफा भी बढ़ेगा।

इसके अलावा, अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ (शुल्क) का असर इस सेक्टर पर बिल्कुल नहीं पड़ता, यानी यह पूरी तरह सुरक्षित है। चीन की भी इस इंडस्ट्री में कोई खास मौजूदगी नहीं है क्योंकि भारत में फर्टिलाइज़र बिज़नेस में दाखिल होना काफी मुश्किल है। यही वजह है कि फर्टिलाइज़र कंपनियों का भविष्य फिलहाल काफी उज्ज्वल नजर आ रहा है।

First Published : April 16, 2025 | 4:18 PM IST