facebookmetapixel
RBI ने बैंकों को कहा: सभी शाखाओं में ग्राहकों को बुनियादी सेवाएं सुनिश्चित करें, सुधार जरूरीसाल 2025 बना इसरो के लिए ऐतिहासिक: गगनयान से भारत की मानव अंतरिक्ष उड़ान की उलटी गिनती शुरूदिल्ली देखेगी मेसी के कदमों का जादू, अर्जेंटीना के सुपरस्टार के स्वागत के लिए तैयार राजधानीदमघोंटू हवा में घिरी दिल्ली: AQI 400 के पार, स्कूल हाइब्रिड मोड पर और खेल गतिविधियां निलंबितUAE में जयशंकर की कूटनीतिक सक्रियता: यूरोप ब्रिटेन और मिस्र के विदेश मंत्री से की मुलाकात‘सच के बल पर हटाएंगे मोदी-संघ की सरकार’, रामलीला मैदान से राहुल ने सरकार पर साधा निशानासेमाग्लूटाइड का पेटेंट खत्म होते ही सस्ती होंगी मोटापा और मधुमेह की दवाएं, 80% तक कटौती संभवप्रीमियम हेलमेट से Studds को दोगुनी कमाई की उम्मीद, राजस्व में हिस्सेदारी 30% तक बढ़ाने की कोशिशकवच 4.0 के देशभर में विस्तार से खुलेगा भारतीय रेलवे में ₹50 हजार करोड़ का बड़ा सुरक्षा बाजारइंडिगो का ‘असली’ अपराध क्या, अक्षमता ने कैसे सरकार को वापसी का मौका दिया

शेयरों के मूल्यांकन में बुलबुले जैसी स्थिति में आएगा बदलाव

Last Updated- December 11, 2022 | 7:37 PM IST

बीएस बातचीत
इनक्रेड ऐसेट मैनेजमेंट के मुख्य कार्याधिकारी एवं सीआईओ मृणाल सिंह का कहना है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा मौद्रिक सख्ती का इक्विटी मूल्यांकन पर प्रभाव पड़ेगा, खासकर उन क्षेत्रों पर असर दिखेगा जिनका मूल्यांकन काफी बढ़ गया है। सुंदर सेतुरामन के साथ एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि भारतीय बाजार अन्य उभरते बाजारों के मुकाबले बेहतर स्थिति में हैं और उनमें अभी भी पर्याप्त अवसर मौजूद हैं। पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश:
फेडरल की नीतिगत सख्ती का बाजारों पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
हम 2022 में प्रवेश कर चुके हैं और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की सख्त व्यवस्था के लिए तैयार हैं। अमेरिकी मुद्रास्फीति पहले ही 40 वर्ष के ऊंचे स्तर पर पहुंच गई है और कच्चे तेल की कीमतों में तेजी को देखते हुए भी फेडरल अनुमान से पहले दरें बढ़ा सकता है। हमें यह ध्यान में रखना होगा कि फेड की दर वृद्घि का इक्विटी बाजारों, खासकर उभरते बाजारों पर दबाव पड़ सकता है। झागदार मूल्यांकन का दायरा ज्यादा प्रभावित होने की संभावना है, क्योंकि तरलता की वापसी हुई है। हालांकि भारत अन्य उभरे बाजारों के मुकाबले बेहतर स्थिति में है। इस बीच अच्छी खबर यह है कि एफपीआई द्वारा बिकवाली के बावजूद, निफ्टी ने मजबूती दिखाई है, क्योंकि घरेलू निवेशकों से उसे सहारा मिला है।

अन्य मुख्य जोखिम क्या हैं?
हमें विश्वास है कि भूराजनीतिक घटनाक्रम में तेजी आ सकती है, विकसित दुनिया का वृद्घि परिदृश्य कमजोर पड़ सकता है, और मुद्रास्फीति अनुमान के मुकाबले अधिक नाजुक बनी रह सकती है और ऊंची ऊर्जा कीमतों से चिंता पैदा हो सकती है।

इस साल प्रतिफल को लेकर क्या उम्मीदें हैं?
हमारा मानना है कि यह वर्ष पिछले समय के मुकाबले ज्यादा उतार-चढ़ाव वाला हो सकता है। हालांकि इससे आपको अपना पोर्टफोलियो आय वृद्घि में सुधार से पहले प्रमुख व्यवसायों के अनुरूप बनाने में मदद मिल सकती है।

आय और मूल्यांकन को लेकर आपका क्या नजरिया है?
भविष्य में आय की रफ्तार नरम बनी रह सकती है। हमें वित्त वर्ष 2022 की चौथी तिमाही में कुछ क्षेत्रों में आय में करीब 15-17 प्रतिशत वृद्घि का अनुमान है, क्योंकि इसे ऋण वृद्घि और आईटी सेक्टर में मजबूत मांग से मदद मिलेगी। बढ़ती जिंस कीमतों का मतलब होगा धातु और तेल उत्पादकों के लिए अच्छा परिणाम सामने आना। कॉरपोरेट आय में वृद्घि को बीएफएसआई जैसे चक्रीयता आधारित क्षेत्रों, सुधरते परिसंपत्ति गुणवत्ता रुझानों और ऋण वृद्घि में सुधार से मदद मिल सकती है। वाहन, तेल, गैस एवं खपत योग्य ईंधन का भी शुद्घ लाभ में बड़ा योगदान हो सकता है। यदि नई समस्याएं उभरकर सामने नहीं आती हैं, तो वित्त वर्ष 2022 जैसी आय रफ्तार वित्त वर्ष 2023 में भी दर्ज की जा सकती है।

क्या इक्विटी योजनाओं में आने वाले पूंजी प्रवाह के संदर्भ में पर्याप्त अवसर मौजूद हैं?
बॉटम-अप दृष्टिकोण अपनाते हुए उन क्षेत्रों में पर्याप्त अवसर उपलब्ध हैं जिन्होंने अपेक्षाकृत कमजोर प्रदर्शन किया है, जैसे वाहन, वित्त, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और हेल्थकेयर। अब समय आ गया है जब परिसंपत्ति प्रबंधक अहम योगदान दे रहे हैं। शेयर चयन का अब खास योगदान रहेगा। मौजूदा समय में निवेशकों को आकर्षक लक्ष्य और मजबूत राजस्व वृद्घि संभावनाओं वाली अच्छी कंपनियों के साथ जुड़े रहना चाहिए। बाजार में ताजा पूंजी लगाने के लिए पर्याप्त अवसर मौजूद हैं।

कौन से क्षेत्र या थीमों पर आप ध्यान दे सकते हैं या मौजूदा समय में उनसे दूर बने रह सकते हैं?
अल्पावधि से मध्यावधि में, हम खासकर उन सेगमेंटों में अच्छी संभावना देख रहे हैं जो क्षमता वृद्घि से जुड़े हों। हम घरेलू निर्माण थीम और क्षमता वृद्घि को पसंद कर रहे हैं।
 

First Published - April 22, 2022 | 12:10 AM IST

संबंधित पोस्ट