बीएसई (पूर्व में बंबई स्टॉक एक्सचेंज) का शेयर वित्त वर्ष 2024 में करीब 6 गुना चढ़ गया, जो एनएसई के निफ्टी-500 शेयरों में सर्वाधिक तेजी है। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के विश्लेषकों का मानना है कि इस शेयर में और ज्यादा तेजी की संभावना बनी हुई है। एल्गोरिदम (एल्गो) कारोबारियों और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की ज्यादा भागीदारी से स्टॉक एक्सचेंज को डेरिवेटिव सेगमेंट में अपनी पैठ मजबूती मिलने की संभावना है।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज को बीएसई की डेरिवेटिव बाजार भागीदारी वित्त वर्ष 2026 तक 30 प्रतिशत के पार पहुंचने का अनुमान है,जो अप्रैल 2023 तक शून्य थी। घरेलू ब्रोकरेज ने इस शेयर के लिए खरीदारी के सुझाव के साथ 3,050 रुपये का कीमत लक्ष्य रखा है। इससे उसके पिछले 2,525 रुपये के बंद भाव की तुलना में 21 प्रतिशत तेजी का पता चलता है। वित्त वर्ष 2024 इस शेयर में बड़ी तेजी सेंसेक्स और बीएसई बैंकेक्स सूचकांकों में पिछले साल डेरिवेटिव अनुबधों को फिर से शुरू करने से आई।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के अनुसार बाजार ने 20 प्रतिशत की बड़ी सांकेतिक बाजार भागीदारी हासिल की है और सेंसेक्स अनुबंधों का कुल बाजार भागीदारी में 40 प्रतिशत हिस्सा है जबकि बैंकेक्स की इस समय 12 प्रतिशत भागीदारी है।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज का मानना है कि जहां सेंसेक्स अुनबंध परिपक्व हुए हैं, वहीं बैंकेक्स परिपक्वता के दौर में है। एक्सपायरी तक बैंकेक्स का कारोबार 100 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया जबकि एनएसई के निफ्टी बैंक इंडेक्स के लिए यह करीब 500 लाख करोड़ रुपये रहा।
विश्लेषकों अमित चंद्रा और धनंजय जैन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, ‘हमारा मानना है कि बीएसई के लिए डेरिवेटिव वृद्धि में बढ़ते बैंकेक्स, बड़े डिस्काउंट ब्रोकरों का गो-लाइव, एल्गो और प्रॉपराइटरी कारोबारियों की बढ़ती कारोबारी मात्रा का योगदान रहेगा। उनका कहना है, ‘हमें उम्मीद है कि बीएसई डेरिवेटिव का औसत दैनिक ट्रेडिंग कारोबार वित्त वर्ष 2026 में 8,000 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच जाएगा।’
अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में एक्सचेंज का शुद्ध लाभ 106 करोड़ रुपये रहा जबकि राजस्व 431.5 करोड़ रुपये दर्ज किया गया। बीएसई का शुद्ध लाभ उसकी क्लीयरिंग शाखा के मुद्रा डेरिवेटिव सेगमेंट के लिए कोर सेटलमेंट गारंटी फंड (सीएसजीएफ) की मद में 91.7 करोड़ रुपये के खर्च की वजह से तिमाही आधार पर घट गया। दोनों विश्लेषकों का कहना है, ‘वित्त वर्ष 2023 से वित्त वर्ष 2026 के लिए हमारा आधार अनुमान 11 प्रतिशत प्रीमियम बाजार भागीदारी, 44 प्रतिशत और 57 प्रतिशत राजस्व एवं मुनाफा वृद्धि दर है।’
ब्रोकरेज ने बीएसई का कर-बाद लाभ वित्त वर्ष 2024 में बढ़कर 844 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2026 में 1,006 करोड़ रुपये रहने का अनुमान जताया है। ब्रोकरेज हाउस ने सीएसजीएफ योगदान में इजाफा होने का भी अनुमान जताया है। वित्त वर्ष 2024 के पहले 9 महीनों में बीएसई ने सीएसजीएफ में 110 करोड़ रुपये का योगदान दिया।