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फॉरेंसिक ऑडिट के आदेश से शेयर 15 फीसदी टूटा

Last Updated- December 11, 2022 | 3:15 PM IST

 फोर्टिस हेल्थकेयर का शेयर बीएसई पर 14.75 फीसदी की गिरावट के साथ 265 रुपये पर बंद हुआ क्योंकि सर्वोच्च न्यायालय ने दायची-फोर्टिस मामले में मालविंदर सिंह व शिविंदर सिंह को छह महीने जेल की सजा दी है। इसके अलावा फोर्टिस-आईआईएच सौदे में फॉरेंसिक ऑडिट का आदेश दिया है।
यह शेयर 19 सितंबर, 2022 को 52 हफ्ते के उच्चस्तर 324.80 रुपये पर पहुंच गया था और 20 जून को 52 हफ्ते के निचले स्तर 219.80 रुपये पर था। इस घटनाक्रम के बाद कारोबारी सत्र में यह शेयर 18 फीसदी टूटकर 255.75 रुपये तक आ गया था। गुरुवार को औसत ट्रेडिंग वॉल्यूम पांच गुना उछल गया और एनएसई व बीएसई पर 2.16 करोड़ शेयरों  का कारोबार हुआ।
आईडीबीआई कैपिटल के शोध प्रमुख ए के प्रभाकर ने कहा, इस घटनाक्रम ने फोर्टिस-आईआईएच सौदे पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है। फॉरेंसिक ऑडिट के नतीजे कंपनी के लिए भविष्य की दिशा तय करेगी। तब तक यह शेयर दबाव में रह सकता है। फोर्टिस जिसमें परिचालन करती है वह मजबूत बना हुआ है और कंपनी मजबूत है। यह गिरावट उनके लिए मौका है जिनके पास मध्यम से लंबी अवधि के लिहाज से जोखिम उठाने की क्षमता है।
13 जुलाई, 2018 को आयोजित एफएचएल के निदेशक मंडल की बैठक में आईएचएच की बोली स्वीकार की गई थी। एफएचएल (आईएचएच हेल्थकेयर बरहाड की कंपनी) भारत में अग्रणी स्वास्थ्य सेवा प्रदाता कंपनी है और भारत का सबसे बड़ा हेल्थकेयर संगठन भी, जिसके 26 स्वास्थ्य सेवा केंद्र हैं और 4,300 ऑरपेशनल बेड। ये आंकड़े 31 मार्च, 2022 के  हैं। आने वाले समय में कंपनी की योजना 1,500 विस्तर जोड़ने की है, मुख्य रूप से मौजूदा क्लस्टर में। 
विश्लेषकों का मानना है कि हेल्थकेयर क्षेत्र प्रतिस्पर्धी है और इसमें सेवा प्रदाताओं की संख्या बढ़ रही है और वे मरीजों के बीच खुद को स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं। पिछले जेफरीज के मुताबिक, कुछ वर्षों में अहम अस्पताल समूहों के लाभ में भारी उछाल आई है और उन्होंने अपना कर्ज घटाया है।

First Published - September 22, 2022 | 10:41 PM IST

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