व्हाइटओक कैपिटल मैनेजमेंट (WhiteOak Capital Management) के संस्थापक प्रशांत खेमका ने अभिषेक कुमार के साथ साक्षात्कार में कहा कि इक्विटी बाजार में ताजा तेजी से मूल्यांकन पर ज्यादा दबाव नहीं डाला है और यह ज्यादा चिंताजनक नहीं है। मौजूदा समय में निवेश बनाए रखना उचित है, क्योंकि बाजार के बारे में अनुमान लगा पाना किस्मत की बात है। पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश:
बिकवाली के बाद वैश्विक निवेशकों ने भारतीय इक्विटी में खरीदारी पर जोर दिया है। क्या अब रुझान पूरी तरह बदल गया है?
इसके लिए दो मुख्य कारक हैं। पहला, उभरते बाजारों (EM) के प्रति दिलचस्पी पिछले साल के मुकाबले बढ़ी (चीन के नेतृत्व में) है। देश ने कोविड-जीरो नीति के साथ बदलाव दर्ज किया है। भारत के संदर्भ में, मूल्यांकन को लेकर चिंता उतनी ज्यादा नहीं है जितनी की 6 महीने पहले थी। भारतीय बाजार का बुनियादी आधार आकर्षक बना हुआ है।
बाजार में पिछले एक महीने में कुछ तेजी आई है। क्या यह समय मुनाफावसूली का है?
बाजार मौजूदा समय में अपने 12 महीने के पीई अनुपात के मुकाबले 19 गुना के मूल्यांकन पर कारोबार कर रहे हैं, जो मोदी सरकार के अधीन मार्केट मल्टीपल (औसत मल्टीपल करीब 21 गुना था) के मुकाबले कुछ कम है। 18 के दीर्घावधि औसत पीई के मुकाबले मौजूदा पीई मल्टीपल कुछ ज्यादा है। कुल मिलाकर, मूल्यांकन उचित स्तर पर हैं और इन्हें लेकर हालात ज्यादा चिंताजनक नहीं हैं।
अब तक पेश किए गए चौथी तिमाही के नतीजों पर आपकी क्या राय है?
नतीजे मिश्रित रहे हैं और कुछ क्षेत्र अन्य के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। सबसे बड़े क्षेत्र बैंकिंग एवं वित्त ने मजबूत नतीजे पेश किए हैं। बड़े बैंक परिसंपत्ति गुणवत्ता (asset quality) को बरकरार रखते हुए 20 प्रतिशत की दर से बढ़ रहे हैं। दूसरी तरफ, कई IT कंपनियों ने अनुमान के मुकाबले कमजोर नतीजे दर्ज किए हैं। इन कंपनियों ने बड़ी संख्या में वैश्विक तौर पर बैंकिंग ग्राहकों को सेवा प्रदान और इनके कुल राजस्व में BFSI का 40-45 प्रतिशत योगदान है। यही वजह है कि अमेरिका और यूरोप में बैंकिंग क्षेत्र में कुछ समस्याओं से आईटी क्षेत्र की चिंता बढ़ी है। विकसित देशों में मंदी की चिंताएं बढ़ने से लागत कटौती पर जोर दिया जा रहा है जिससे भारतीय आईटी कंपनियों के लिए मांग पर दबाव पड़ रहा है।
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बैंकिंग शेयरों ने पिछले दो साल में बड़ी तेजी दर्ज की है। क्या आगे भी तेजी की संभावना है?
सबसे पहले मैं यह बताना चाहूंगा कि जिन क्षेत्रों ने सबसे ज्यादा आय दर्ज की है, उन्हीं के पीछे भागना हमेशा अच्छी रणनीति नहीं है। बाजार सामान्य तौर पर इससे पहले ही अवगत हो जाता है। उदाहरण के लिए, तीन साल पहले कोविड की शुरुआत के समय फार्मा कंपनियों ने शुरू में शानदार प्रदर्शन किया और वे मजबूत आय वृद्धि दर्ज कर रही थीं। कई निवेशकों ने अनुमान लगा लिया कि उनका दमदार प्रदर्शन बना रहेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हमारे पोर्टफोलियो में हरेक क्षेत्र का भारांक (वेटेज) कंपनी-केंद्रित शेयरों के चयन का परिणाम है। यह हमारी उस रणनीति का हिस्सा है जिसे हमने निती क्षेत्र में वित्त में बेहद आकर्षक निवेशक अवसर देखे हैं।
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निजी क्षेत्र के फाइनैंशियल शेयर फंड मैनेजरों के पसंदीदा हैं, लेकिन सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने वित्त वर्ष 2023 में अच्छा वित्तीय प्रदर्शन दर्ज किया। क्या आप इसे चुके हुए अवसर के तौर पर देखते हैं?
आप हरेक क्षेत्र में तेजी का अंदाजा नहीं लगा सकते, भले ही आप कितने भी समझदार हों। हमने PSU में कम निवेश आवंटन बरकरार रखा है और इससे हमें ज्यादातर समय मदद मिली है। निवेशक के तौर पर आपकी निवेश धारणा अच्छा प्रदर्शन करने की होनी चाहिए।