अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में 50 आधार अंक की कटौती के बावजूद भारत के बाजारों में मामूली बढ़त देखी गई जबकि दुनिया के अन्य बाजार में तेजी आई। सुबह कारोबार के दौरान बेंचमार्क सूचकांक 1 फीसदी की तेजी के साथ खुले और नई रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए मगर महंगे मूल्यांकन की चिंता और मुनाफावसूली के कारण बिकवाली हुई और बाजार अपनी तेज बढ़त बरकरार नहीं रख पाया।
बंबई स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स 0.3 फीसदी बढ़त के साथ 83,185 पर बंद हुआ। निफ्टी 0.15 फीसदी लाभ के साथ 25,416 पर बंद हुआ। सेंसेक्स इंट्राडे के उच्चतम स्तर 83,774 से 0.7 फीसदी नीचे और निफ्टी 0.8 फीसदी नीचे बंद हुआ। इसकी तुलना में एशिया और यूरोप के प्रमुख बाजारों में 1 फीसदी से ज्यादा की तेजी दर्ज की गई।
अमेरिका में ब्याज दर घटने का ज्यादा असर मुद्रा और ऋण बाजार में दिखा। डॉलर के मुकाबले रुपया 8 पैसे मजबूत होकर 83.66 पर बंद हुआ। 10 वर्षीय बेंचमार्क सरकारी बॉन्ड की यील्ड घटकर 6.76 फीसदी रह गई, जो 25 फरवरी, 2022 के बाद सबसे कम है। ब्याज दरों के उलट चलने वाले सोने के दाम में भी तेजी आई और यह नई ऊंचाई के करीब पहुंच गया।
विशेषज्ञों के अनुसार फेड की दर कटौती के निर्णय का शेयर बाजार में नरम प्रतिक्रिया का कारण शेयरों का ऊंचा भाव होना है। इसके साथ ही फेड के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने इस पर जोर दिया कि 50 आधार अंक की कटौती से भविष्य में ब्याज दरों में तेज कटौती की उम्मीद नहीं करनी चाहिए और आगे की कटौती आंकड़ों पर निर्भर करेगी।
सरकार में अधिकारियों ने फेड की दर कटौती के भारत पर असर को ज्यादा महत्त्व नहीं दिया। मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने कहा कि अमेरिकी फेड की दर कटौती का भारत पर मामूली असर पड़ेगा क्योंकि पहले ही इसका असर दिख चुका है। इसी तरह आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने कहा कि फेड की दर कटौती का भारत में आने वाले विदेशी निवेश पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा।
सेठ ने कहा, ‘यह भारत सहित वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक है। ब्याज दर में उच्चतम स्तर से 50 आधार अंक की कटौती की गई है। मुझे नहीं लगता कि विदेशी प्रवाह पर कोई ज्यादा असर पड़ेगा। हमें देखना होगा कि अन्य अर्थव्यवस्थाओं के बाजार का कैसे रुख रहता है।’ विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) शुद्ध बिकवाल रहे और उन्होंने 2,550 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 2,013 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे।
बुधवार को गिरने वाले अधिकतर आईटी शेयरों में आज भी गिरावट देखी गई। निफ्टी आईटी सूचकांक 0.3 फीसदी नीचे बंद हुआ। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) में 0.9 फीसदी की गिरावट आई। एचसीएल टेक, टेक महिंद्रा, विप्रो और एमफैसिस भी नुकसान में रहे।
निफ्टी मिडकैप 0.67 फीसदी नीचे और निफ्टी स्मॉलकैप 1.26 फीसदी गिरावट पर बंद हुआ। दोनों सूचकांक कारोबार के दौरान 2 फीसदी से ज्यादा गिर गए थे मगर निचले स्तर से लिवाली होने पर इन्हें अपने नुकसान की कुछ भरपाई करने में मदद मिली। गिरावट में टेलीकॉम का योगदान रहा। वोडाफोन आइडिया करीब 20 फीसदी टूट गया और इंडस टावर, जीटीएल इन्फ्रास्ट्रक्चर तथा महानगर टेलीफोन निगम में 3.5 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई। बीएसई में 1,246 शेयर लाभ में और 2,734 शेयर
नुकसान में रहे।
बाजार में ज्यादातर शेयरों में गिरावट आने से बीएसई की सूचीबद्ध फर्मों का कुल बाजार पूंजीकरण 2.3 लाख करोड़ रुपये घटकर 465.5 लाख करोड़ रुपये रहा। बुधवार को इनका बाजार पूंजीकरण 467.7 लाख करोड़ रुपये था।
नोमुरा में विकसित बाजारों के लिए मुख्य अर्थशास्त्री डेविड सेफ ने कहा, ‘आर्थिक अनुमान और पॉवेल का संवाददाता सम्मेलन अपेक्षाकृत सख्ती भरा रहा जिसका मतलब है कि 50 आधार अंक की कटौती एकबार के लिए उठाया गया कदम था।’ नोमुरा ने उम्मीद जताई की नवंबर और दिसंबर में 25 आधार अंक की और कटौती हो सकती है। इससे पहले के नोट में नोमुरा ने कहा था कि फेड की कटौती से एशिया में पिछड़ रहे बाजारों को ज्यादा लाभ मिल सकता है।