Paytm Share Price: पेटीएम के शेयरों में गिरावट का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। आरबीआई के एक्शन के बाद पेटीएम का शेयर आज फिर 10 प्रतिशत लुढ़क गया और अपने अब तक के ऑल टाइम लो लेवल पर पहुंच गया।
आईपीओ के जरिये पेटीएम में निवेश करने इन्वेस्टर्स का सबसे ज्यादा बुरा हाल हुआ है। बता दें कि पेटीएम की पेरेंट कंपनी वन 97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड का आईपीओ 2150 रुपये प्रति शेयर पर लिस्ट हुआ था और अब यह 350 रुपये के निचले लेवल तक फिसल गया है।
इंट्राडे ट्रेड में पेटीएम शेयर की कीमत 10% टूटी
BSE पर बुधवार को इंट्राडे ट्रेड में पेटीएम शेयर की कीमत 10 प्रतिशत टूटकर 52 वीक के ऑल टाइम लो लेवल 342.40 रुपये पर पहुंच गई। पेटीएम के शेयर 380.35 रुपये के पिछले बंद के मुकाबले 353.50 रुपये पर खुले और जल्द ही अपने 52 वीक के सबसे निचले लेवल तक सरक गए । आज 12:37 बजे के आसपास पेटीएम का स्टॉक बीएसई पर 8.87 प्रतिशत की गिरावट के साथ 346.60 रुपये पर कारोबार कर रहा था।
पिछले एक महीने 50% से ज्यादा गिरा पेटीएम का शेयर
बता दें कि पिछले एक महीने में पेटीएम का शेयर 51.45 प्रतिशत गिर चुका है। वहीं, बीते पांच दिनों में कंपनी के शेयरों में 26.42 प्रतिशत की गिरावट आई है।
पेटीएम के शेयर में गिरावट की वजह ?
बता दें कि आरबीआई के एक्शन के बाद से पेटीएम के शेयरों में गिरावट का सिलसिला जारी है। रिजर्व बैंक ने हाल ही में पेटीएम पेमेंट बैंक पर रोक लगा दी थी जिसके बाद पेटीएम के शेयर में लगातार गिरावट बनी हुई है।
इतना ही नहीं, ED द्वारा पेटीएम पेमेंट बैंक की जांच शुरू करने की वजह से भी पेटीएम के शेयरों में तगड़ी बिकवाली देखने को मिल रही है। मिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, ईडी की ओर से पेटीएम पेमेंट बैंक की जांच शुरू कर दी है। ईडी मनी लॉड्रिंग और फॉरेन एक्सचेंज से जुड़े लेनदेन की जांच कर रहा है। मौजूदा समय में पेटीएम पेमेंट बैंक ईडी और आरबीआई जांच के दायरे में है।
ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म ने घटाया टारगेट प्राइस
ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म मैक्वायरी (Macquarie) ने संकटग्रस्त पेटीएम की पेरेंट कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस को “अंडरपरफॉर्म” रेटिंग में घटा दिया है, जो कि पहले न्यूट्रल थी। इसके अलावा, इसका टार्गेट प्राइस को 650 रुपये से घटाकर 275 रुपये (लगभग 58% की गिरावट) कर दिया है।
मनी कंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक, मैक्वेरी के विश्लेषक सुरेश गणपति ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अपने भुगतान बैंक पर अंकुश लगाने के बाद पेटीएम को ग्राहकों के पलायन का गंभीर खतरा है, जो इसके मुद्रीकरण और व्यापार मॉडल को काफी खतरे में डालता है।