रसायन शेयरों दमदार तेजी को कुछ समय के लिए ब्रेक लगने के आसार दिख रहे हैं। विश्लेषकों ने चेताया है कि इन शेयरों का मूल्यांकन काफी अधिक हो चुका है और वित्तीय प्रदर्शन में स्थिरता दिख रही है। इससे निकट भविष्य में तेजी की रफ्तार थम सकती है। हालांकि इस क्षेत्र की लंबी अवधि की वृद्धि को लेकर उनका नजरिया अभी भी सकारात्मक बना हुआ है। चीन में पर्यावरण निरीक्षण बढऩे और विशेष रसायन बनाने वाली कंपनियों के दमदार मार्जिन से इन शेयरों को सुरक्षा मिलेगी।
टाटा केमिकल्स, दीपक नाइट्राइट, नवीन फ्लोरीन और एसआरएफ जैसी प्रमुख रसायन कंपनियों के मार्च तिमाही के वित्तीय नतीजों के विश्लेषण से मार्जिन में संकुचन का पता चलता है। ऐसा संभवत: कम लागत वाली इन्वेंट्री के आंशिक अथवा पूरी तरह खाली होने और कच्चे माल की कीमतों में तेजी के कारण हो सकता है।
सुनिधि सिक्योरिटीज के रोहित नागराज ने कहा, ‘पिछली तिमाहियों के दौरान परिचालन लागत में नरमी बरकरार रही जिसे प्रशासनिक खर्च, बिक्री प्रमोशन लागत, यात्रा लागत, विज्ञापन लागत, यूटिलिटी लागत आदि में उल्लेखनीय कमी से बल मिला। हमारा मानना है कि चौथी तिमाही में स्थिति काफी हद तक सामान्य होने के कारण इन सब की वापसी होने लगी थी।’ नागराज ने कहा कि ये इस क्षेत्र के लिए खतरनाक संकेत हैं क्योंकि हमारा मानना है कि इनपुट लागत में वृद्धि होने से वित्त वर्ष 2022 की पहली तिमाही में प्रदर्शन को झटका लगेगा।
वित्त वर्ष 2021 की चौथी तिमाही के दौरान टाटा केमिकल्स ने परिचालन खर्च में भारी वृद्धि के कारण अमेरिका/ब्रिटेन के एबिटा मार्जिन में सालाना आधार पर 17.7 फीसदी/9 फीसदी की गिरावट दर्ज की। कुल मिलाकर कंपनी के एबिटा मार्जिन में सालाना आधार पर 610 आधार अंकों की गिरावट दर्ज की गई। जहां तक एसआरएफ का सवाल है तो पैकेजिंग श्रेणी में एबिटा मार्जिन में क्रमिक आधार पर गिरावट (420 आधार अंकों की) दर्ज की गई। जबकि दीपक नाइट्राइट (डीएनएल) ने सालाना आधार पर 22 फीसदी की वृद्धि दर्ज की जिसे दीपक फेनोलिक्स के दमदार प्रदर्शन, फाइन एवं विशेष रसायन श्रेणी में मजबूत वृद्धि और बुनियादी रसायन श्रेणी में सुधार से बल मिला।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है, ‘हालांकि दीपक फेनोलिक्स में आगे की वृद्धि सीमित होगी क्योंकि फेनोल संयंत्र का परिचालन वित्त वर्ष 2021 की दूसरी तिमाही से ही 115 फीसदी उपयोगिता के साथ हो रहा है और आईपीए की कीमतों में गिरावट आएगी क्योंकि मांग अब सामान्य होने लगा है।’