Stock Market today: अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में कटौती के बाद वैश्विक बाजारों में मिला-जुला माहौल देखने को मिल रहा है। इसका असर गुरुवार को घरेलू शेयर बाजार की शुरुआत पर भी पड़ा। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों सूचकांक आज मामूली गिरावट के साथ खुले।
सेंसेक्स 84,750.90 अंकों पर खुला, जो पिछले बंद स्तर से 0.29% नीचे है। वहीं, निफ्टी 50 ने 25,984.40 पर शुरुआत की, जो इसके पिछले बंद 26,053.90 से कम है। इसी तरह निफ्टी बैंक भी कमजोर खुला और 58,152.05 पर कारोबार शुरू किया, जबकि बुधवार को यह 58,385.25 पर बंद हुआ था।
ब्रॉडर मार्केट में आज निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स लगभग स्थिर रहा लेकिन इसमें हल्की गिरावट दिखी। वहीं निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स मामूली बढ़त के साथ कारोबार कर रहा था। सेक्टोरल इंडेक्सों में सबसे ज्यादा गिरावट निफ्टी फार्मा इंडेक्स में देखी गई। इसके बाद मेटल, FMCG, बैंक और ऑयल एंड गैस सेक्टर के शेयरों में कमजोरी रही। दूसरी ओर, निफ्टी रियल्टी इंडेक्स 0.5 प्रतिशत की बढ़त के साथ मजबूत दिखा।
बात करें आज के टॉप लूजर्स और गेनर की तो एलएंडटी (L&T) आज सबसे ज्यादा बढ़ा और इसके शेयर में करीब 1.88% की तेजी रही। इसके अलावा टाटा मोटर्स, अल्ट्राटेक सीमेंट और ईटर्नल के शेयरों में भी थोड़ी बढ़त दिखी। वहीं दूसरी ओर, सन फार्मा सबसे ज्यादा गिरा। इसके शेयर में 1.54% की गिरावट आई। भारती एयरटेल और आईटीसी के शेयर भी नीचे गए। टाटा स्टील और एशियन पेंट्स के शेयरों में भी गिरावट देखने को मिली। कुल मिलाकर, आज बाजार में हल्की कमजोरी रही। कुछ कंपनियों के अच्छे प्रदर्शन के बावजूद, कई दिग्गज शेयरों की गिरावट ने बाजार पर दबाव बनाया।
यह फैसला पहले से ही तय माना जा रहा था, लेकिन फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल के बयान ने बाजार की उम्मीदें ठंडी कर दीं। पॉवेल ने कहा कि दिसंबर में फिर से ब्याज दर घटाना तय नहीं है, यानी अभी कोई गारंटी नहीं है कि आगे भी राहत मिलेगी। निवेशकों को उम्मीद थी कि लगातार दर घटने से बाजार में पैसा बढ़ेगा और अर्थव्यवस्था को सहारा मिलेगा, लेकिन पॉवेल के इस बयान से साफ है कि अमेरिकी फेड अब संभलकर कदम उठा रहा है और जल्दबाजी में कोई बड़ा फैसला नहीं करेगा।
इसी कारण एशियाई बाजारों में मिला-जुला माहौल देखने को मिला। दक्षिण कोरिया का कोस्पी सूचकांक करीब एक प्रतिशत बढ़ा, जबकि जापान का निक्केई 225 हल्की गिरावट के साथ बंद हुआ। ऑस्ट्रेलिया का ASX 200 भी नीचे फिसला, लेकिन टॉपिक्स इंडेक्स में मामूली बढ़त देखने को मिली। इस बीच, निवेशकों की नजरें अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की होने वाली मुलाकात पर टिकी हैं, जो ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के बाद उनकी पहली आमने-सामने बातचीत होगी। इस मुलाकात से व्यापारिक संबंधों पर असर पड़ सकता है, इसलिए बाजार इस पर पैनी निगाह रखे हुए है।
अमेरिकी बाजारों में भी कल हल्की कमजोरी दिखी। डॉव जोन्स 0.2 प्रतिशत गिरकर बंद हुआ, जबकि एसएंडपी 500 में मामूली गिरावट रही। हालांकि, नैस्डैक सूचकांक 0.55 प्रतिशत की तेजी के साथ नए रिकॉर्ड 23,958.47 पर पहुंच गया, जिसमें टेक्नोलॉजी कंपनी एनविडिया के शेयरों की मजबूत बढ़त का बड़ा योगदान रहा।
आज बाजार की नजर देश की बड़ी कंपनियों के दूसरी तिमाही (Q2) के नतीजों पर टिकी है। निवेशकों को उम्मीद है कि बैंकिंग, एफएमसीजी और ऑटो सेक्टर की कंपनियां अच्छा प्रदर्शन कर सकती हैं। आज कई बड़ी कंपनियों के नतीजे आने वाले हैं, जिनमें अदाणी पावर, डाबर इंडिया, यूनाइटेड स्पिरिट्स, केनरा बैंक, एनटीपीसी, एमफैसिस, बंधन बैंक, आईटीसी, पिडिलाइट इंडस्ट्रीज, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एकसाइड इंडस्ट्रीज, सिप्ला, डीएलएफ और निप्पॉन लाइफ इंडिया एसेट मैनेजमेंट जैसी कंपनियां शामिल हैं।
इन नतीजों से यह पता चलेगा कि किन सेक्टरों ने हाई ब्याज दरों और कमजोर मांग के बीच भी अपनी मजबूती बनाए रखी है। खासकर आईटी और एफएमसीजी कंपनियों के नतीजे बाजार की दिशा तय कर सकते हैं, क्योंकि इन दोनों सेक्टरों में स्थिर आय की उम्मीद रहती है। वहीं बैंकिंग कंपनियों की आमदनी में सुधार निवेशकों के भरोसे को बढ़ा सकता है। कुल मिलाकर, आज के तिमाही नतीजे यह तय करेंगे कि बाजार आगे चढ़ेगा या फिर सुस्त रहेगा।
आज शेयर बाजार के साथ-साथ IPO बाजार में भी गहमागहमी देखने को मिल रही है। हेलमेट और मोटरसाइकिल एक्सेसरी बनाने वाली कंपनी स्टड्स एक्सेसरीज का IPO आज खुल रहा है, जिससे निवेशकों का ध्यान इस ओर खिंच रहा है। वहीं ऑर्कला इंडिया IPO का आज दूसरा दिन है, यानी निवेशक इसमें अभी भी हिस्सेदारी ले सकते हैं।
छोटे और मध्यम आकार की कंपनियों (SME बाजार) में भी हलचल जारी है। सिक्योर सर्विसेज IPO आज अपने दूसरे दिन में है, जबकि गेम चेंजर्स IPO आज तीसरे दिन के लिए खुला रहेगा। इसके अलावा, जयेश लॉजिस्टिक्स IPO में आज आवंटन (Allotment) की प्रक्रिया पूरी की जाएगी, जिससे निवेशकों को यह पता चलेगा कि उन्हें शेयर मिले हैं या नहीं।
इन सभी IPOs में निवेशकों की दिलचस्पी बनी हुई है, जिससे बाजार में प्राथमिक इश्यू (Primary Market) की रौनक लौट आई है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में अगर इन इश्यूज को अच्छा रिस्पॉन्स मिला, तो यह बाजार की निवेश भावना को और मजबूत कर सकता है।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व के फैसले के बाद वैश्विक कमोडिटी बाजारों में भी असर देखने को मिला। सोने की कीमतों ने शुरुआत में तेज उछाल दिखाई, लेकिन बाद में थोड़ी मुनाफावसूली के कारण बढ़त सीमित रही। निवेशकों ने फेड चेयर जेरोम पॉवेल की सख्त टिप्पणियों को देखते हुए सावधानी बरती। बुधवार को स्पॉट गोल्ड 0.3 प्रतिशत बढ़कर 3,964.39 डॉलर प्रति औंस पर रहा, जबकि दिसंबर डिलीवरी वाला गोल्ड फ्यूचर 0.4 प्रतिशत बढ़कर 4,000.7 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ।
तेल की कीमतों में भी मजबूती बनी रही। अमेरिका में तेल के भंडार (इन्वेंटरी) के आंकड़ों में उम्मीद से ज्यादा गिरावट आई, जिससे मांग के प्रति निवेशकों का भरोसा बढ़ा। इसके साथ ही, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के चीन से बातचीत को लेकर दिए गए सकारात्मक बयानों ने भी बाजार की भावना को सहारा दिया। इसी कारण ब्रेंट क्रूड 0.8 प्रतिशत बढ़कर 64.93 डॉलर प्रति बैरल, और डब्ल्यूटीआई क्रूड 0.7 प्रतिशत बढ़कर 60.55 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।