शेयर बाजार में इस वक्त बुल रन चल रहा है, जिसे भुनाने के लिए कई कंपनियां अपना आईपीओ ला रही हैं। शेयर बाजार की चमक छोटी कंपनियों को खूब आकर्षित कर रही है। बदलते माहौल में ज्यादातर छोटी कंपनियां बैंक या दूसरे उद्यमियों से कर्ज लेने की जगह शेयर बाजार से पैसा उठाना बेहतर मान रही हैं, क्योंकि शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने से उनके ब्रांड इमेज में भी इजाफा हो रहा है।
गोसालिया समूह की विवान मैजिक हैमर्स कंपनी ने अपनी पहली वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में ही शेयरधारकों और निदेशक मंडल के सदस्यों के बीच शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने का प्रस्ताव रख दिया। कंपनी अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाएगी। कंपनी के प्रबंध निदेशक मेहुल अजीत गोसालिया कहते हैं कि हम मध्य प्रदेश के रतलाम के पास 1.87 वर्ग फुट में वेयरहाउस बना रहे हैं। इसके साथ ही रतलाम में फाइव स्टार होटल निर्माण की योजना है। कंपनी के पास जमीन है, अब इनका निर्माण करना है। इसके लिए हमें करीब 50 करोड़ की जरूरत पड़ने वाली है। यह पूंजी हम शेयर बाजार से लेने की सोच रहे हैं, जिसके लिए आईपीओ लाना चाह रहे हैं।
गोसालिया समूह की अजरा कहती हैं कि सरकार कृषि क्षेत्र में खास ध्यान दे रही है। कृषि उत्पादों को सुरक्षित करने के लिए देश में वेयरहाउसों की कमी है, ऐसे में वेयरहाउस पर निवेश करने वाले फायदे में रहेंगे। हमने तैयारी शुरू कर दी है। निदेशक मंडल से सहमति मिल चुकी है, अब दूसरे कागजातों पर काम शुरू होगा। बैंकर्स और सिक्योरिटी फर्म भी तैयार हैं। हमें उम्मीद है कि इस साल हम शेयर बाजार में जोरदार अंदाज में प्रवेश करेंगे।
आईपीओ लाने की तैयारी में जुटी निशा गोसालिया कहती हैं कि बाजार में निवेशकों की कमी नहीं है। लेकिन शेयर बाजार से पैसा जुटाने के दोहरे फायदे हैं। एक तो कंपनी को आसानी से पूंजी उपलब्ध हो जाती है, दूसरी बाजार में साख भी बढ़ती है। ब्रांड इमेज बढ़ने के साथ निवेशकों का भरोसा बढ़ता है कि यह कंपनी सही है, जो उनके लिए फायदेमंद साबित होती है।
विवान मैजिक जैसी सैकड़ों कंपनियां इस साल भी शेयर बाजार में आईपीओ लाने की इच्छुक हैं। पिछले दो साल के आंकड़ों पर गौर करें तो 2024 में एसएमई कंपनियों ने भी बाजार से जमकर पैसा जुटाया। साल के दौरान 240 छोटी और मझोली कंपनियों ने शेयर जारी (आईपीओ के माध्यम से) कर 8,761 करोड़ रुपये जुटाए हैं। 2023 में 182 एसएमई आईपीओ के जरिये 4,686 करोड़ रुपये की राशि जुटाई गई थी। जबकि एसएमई प्लेटफार्म पर 2020 में 27 कंपनियों के आईपीओ ने 159 करोड़, 2021 में 59 कंपनियों ने 756 करोड़ और 2022 में 109 कंपनियों ने 1,875 करोड़ रुपये की राशि आईपीओ के जरिये जुटाई थी। माना जा रहा है कि 2025 में इनकी संख्या 300 तक पहुंच सकती है।
काम्फॉर्ड सिक्योरिटी के प्रबंध निदेशक अनिल अग्रवाल कहते हैं कि बाजार में खुदरा निवेशकों की बढ़ती भागीदारी और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की सक्रिय हिस्सेदारी, निजी पूंजीगत व्यय में वृद्धि और बुनियादी ढांचे व प्रमुख क्षेत्रों पर सरकार के ध्यान से सामूहिक रूप से आईपीओ के जरिये धन जुटाने की गतिविधियों ने रफ्तार पकड़ी है।