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Last Updated- December 05, 2022 | 9:22 PM IST

पाबंदी से ढीला पड़ा सीमेंट


महंगाई पर काबू पाने के लिए सरकार ने शुक्रवार को सीमेंट के एक्सपोर्ट पर पाबंदी लगाई है जिसका असर इस सेक्टर पर दिखा है।


इस खबर के बाद सीमेंट सेक्टर के स्टॉक्स कमजोर पड़ गए, हालांकि सीमेंट और क्लिंकर एक्सपोर्ट कुल उत्पादन का केवल 3.6 फीसदी है यानी कुल 60 लाख टन। एफ ऐंड ओ सेगमेन्ट में सीमेंट स्टॉक्स में मुनाफावसूली देखने को मिली और पाबंदी की खबरों के बाद इनमें शार्ट पोजीशन भी बनने लगी।


अंबुजा सीमेंट में ओपन इंटरेस्ट 6 फीसदी बढ़ गया जबकि इसके भाव में 4 फीसदी की कमी आ गई। इसी तरह एसीसी में भी शुक्रवार को मुनाफावसूली देखी गई और इसका ओपन इंटरेस्ट एक फीसदी गिर गया जबकि इसके भावों में 0.18 फीसदी की मामूली कमी आ गई। एक्सपोर्ट पर लगी पाबंदी से घरेलू बाजार में 60 लाख टन सीमेंट और क्लिंकर की सप्लाई बढ़ जाएगी। देश का 94 फीसदी एक्सपोर्ट  पश्चिमी क्षेत्र से होता है। लिहाजा पाबंदी का सबसे ज्यादा असर इसी क्षेत्र पर पड़ना है।


स्टील: तैयारी सरकारी नकेल की
 
बढ़ती महंगाई पर सरकार की बढ़ती चिंता और इसमें स्टील उद्योग के योगदान को देखते हुए सरकार अब स्टील के दाम घटाने के लिए कुछ कदम उठाने की सोच रही है। इसी आशंका के मद्देनजर शुक्रवार को एफ ऐंड ओ सेगमेन्ट में स्टील स्टॉक्स में कुछ प्रतिक्रिया दिखाई दी थी। सेल और जिंदल स्टील के शेयर 2-2 फीसदी कमजोर पड़ गए और इनके ओपन इंटरेस्ट में 10-15 फीसदी की कमी आ गई जिससे संकेत मिले कि इनमें शॉर्ट पोजीशन बन रही है।


टाटा स्टील एक्सपोर्ट एसोसिएशन का सदस्य नहीं है लिहाजा इसमें लंबी पोजीशन बन रही थीं और इसके भाव में 4 फीसदी का इजाफा आ गया और ओपन इंटरेस्ट भी करीब 8 फीसदी बढ़ गया।


सरकार ने महंगाई को काबू में करने और घरेलू बाजार में इसकी सप्लाई बढ़ाने के लिए फिलहाल डयूटी एनटाइटलमेंट पास बुक स्कीम के तहत एक्सपोर्ट सब्सिडी पर रोक लगा दी है। हालांकि एमके रिसर्च के स्टील एनालिस्ट के मुताबिक स्टील कंपनियों के मार्जिन पर इसका ज्यादा  असर नहीं होगा क्योंकि  इस तरह का लाभ लेने के लिए कंपनियों के पास एडवांस लाइसेंस जैसे और रास्ते भी हैं।

First Published - April 14, 2008 | 12:56 AM IST

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