Share Market This Week: भारतीय शेयर बाजारों में शुक्रवार (23 मई) को जोरदार मजबूती देखने को मिली। घरेलू बाजारों में बढ़त प्रमुख एशियाई बाजारों को पछाड़ दिया। अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड्स में नरमी के चलते वैश्विक निवेश सेंटीमेंट में सुधार आया। इससे भारतीय बाजारों को समर्थन मिला।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी-50 शुक्रवार को 0.99% चढ़कर 24,853.15 पर बंद हुआ। जबकि बीएसई सेंसेक्स 0.95% की तेजी के साथ 81,721.08 पर बंद हुआ। आज आई तेजी ने वीकली (19 मई-23 मई) नुकसान को कुछ हद तक कम करने में अहम भूमिका निभाई। फिर भी निफ्टी और सेंसेक्स इस हफ्ते (19 मई -23 मई) लगभग 0.7% गिरावट के साथ बंद हुए। जबकि पिछले हफ्ते इन दोनों में 4% की बढ़त दर्ज की गई थी।
शुक्रवार को कंज्यूमर स्टॉक्स में 1.6% की तेजी आई। इसके पीछे आईटीसी (ITC) का अच्छा मार्च तिमाही परिणाम मुख्य कारण रहा। आईटी सेक्टर, जो पिछले सेशन में 1.3% गिरा था जबकि शुक्रवार को 1% चढ़ गया। वहीं फार्मा शेयरों में 0.4% की गिरावट रही। इसे सन फार्मास्युटिकल के कमजोर रेवेन्यू गाइडेंस ने प्रभावित किया। वहीं, भारतीय रुपया ने पिछले दो वर्षों में अपनी सबसे बड़ी एकदिनी बढ़त दर्ज की। 10-वर्षीय सरकारी बॉन्ड यील्ड में गिरावट आई, जो आरबीआई द्वारा सरकार को अधिशेष ट्रांसफर से पहले दर्ज की गई।
पीएल कैपिटल में प्रमुख सलाहकार विक्रम कासट ने कहा, “भारतीय इक्विटी बाजारों ने सप्ताह का अंत मजबूती के साथ किया। शुक्रवार को बेंचमार्क इंडेक्सिस में जोरदार बढ़त दर्ज की गई। हालांकि, वैश्विक प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण सेंसेक्स और निफ्टी में लगभग 1% की गिरावट के साथ कुल मिलाकर साप्ताहिक रुझान धीमा रहा। विदेशी फंड के ऑउटफ्लो और अमेरिकी राजकोषीय स्थिति को लेकर चिंताओं ने निवेशकों को सप्ताह के मध्य में सतर्क रखा। जबकि घरेलू भावना काफी हद तक स्थिर रही।”
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इस बीच, अमेरिका में 10-वर्षीय बॉन्ड यील्ड में शुक्रवार को 3.8 बेसिस पॉइंट की गिरावट के साथ यह 4.51% पर आ गया। यह यील्ड सप्ताह की शुरुआत में उस समय उछली थी जब अमेरिकी हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स ने एक बड़े टैक्स और खर्च बिल को पास किया। इस बिल से फिस्कल डेफिसिट 3.8 लाख करोड़ डॉलर तक बढ़ने की आशंका है। यह बिल अब सीनेट की मंजूरी के लिए भेजा गया है।
विदेशी निवेशकों (FIIs) ने पिछले चार में से तीन कारोबारी सत्रों में भारतीय शेयरों में बिकवाली की। हालांकि शुक्रवार को बाजार चढ़ा। फिर भी निफ्टी और सेंसेक्स इस हफ्ते (19 मई -23 मई) लगभग 0.7% गिरावट के साथ बंद हुए। जबकि पिछले हफ्ते इन दोनों में 4% की बढ़त दर्ज की गई थी। इस सप्ताह, 13 में से 9 प्रमुख सेक्टर्स में गिरावट देखने को मिली। ब्रॉडर मार्केट में, स्मॉलकैप इंडेक्स 0.5% बढ़ा। जबकि मिडकैप इंडेक्स में 0.7% की गिरावट आई।
भारत इलेक्ट्रॉनिक्स (BEL) के शेयर इस हफ्ते 5.5% चढ़कर बंद हुए। यह लगातार सातवां साप्ताहिक लाभ रहा। इसमें तेजी के पीछे एनालिस्ट्स की सकारात्मक राय और इसके सेंसेक्स में शामिल होने की संभावना प्रमुख कारण रहे।
निवेशकों की दौलत इस हफ्ते करीब 1.70 लाख करोड़ रुपये घट गई। बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप पिछले हफ्ते शुक्रवार को 443,66,354 करोड़ रुपये था। इस हफ्ते यह घटकर 441,96,365 करोड़ रुपये रह गया। इस तरह, निवेशकों को इस हफ्ते 169,989 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
विक्रम कासट ने कहा कि आने वाले सप्ताह में निवेशकों का फोकस वैश्विक बाजार के संकेतों, अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों और भारत के जीडीपी डेटा पर रहेगा। कंपनियों की स्थिर कॉर्पोरेट इनकम और सकारात्मक घरेलू प्रवाह के साथ, बाजार अपने ऊपर की ओर झुकाव को बनाए रख सकता है। हालांकि कुछ समेकन से इनकार नहीं किया जा सकता है। बाहरी घटनाक्रम और तरलता रुझान निकट भविष्य की चालों को निर्देशित करेंगे।