facebookmetapixel
अमेरिकी टैरिफ से भारतीय होम टेक्सटाइल उद्योग पर संकट, 5-10% आय घटने का अंदेशा: क्रिसिल रेटिंग्सE20 पेट्रोल सेफ, लेकिन इसके इस्तेमाल से घट सकता है माइलेज और एक्सेलेरेशन : महिंद्रा ऑटो CEOFlexi Cap Funds का जलवा, 5 साल में ₹1 लाख के बनाए ₹3 लाख से ज्यादा; हर साल मिला 29% तक रिटर्नTerm Insurance Premiums: अभी नए युवाओं के लिए कौन सा टर्म इंश्योरेेंस प्लान सबसे बेहतर है?Reliance Jio के यूजर्स दें ध्यान! इन प्लान्स के साथ मिलेंगे Netflix, Amazon और JioHotstar फ्री, जानें डिटेल्सअगस्त में Equity MF में निवेश 22% घटकर ₹33,430 करोड़ पर आया, SIP इनफ्लो भी घटाटाटा शेयर को मिलेगा Gen-Z का बूस्ट! ब्रोकरेज की सलाह- खरीदें, 36% अपसाइड का ​टारगेटJ&K के किसानों को बड़ी राहत! अब रेलवे कश्मीर से सीधे दिल्ली पार्सल वैन से पहुंचाएगा सेब, ‍13 सितंबर से सेवा शुरूITR Filing 2025: क्या इनकम टैक्स रिटर्न में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड से हुई आय के बारे में बताना जरूरी है?मुश्किल में अदाणी! रिश्वत केस सुलझाने की कोशिश ठप, आखिर क्यों आई ऐसी नौबत

Sensex-Nifty में लगातार 5वें दिन गिरावट, ब्याज दर कटौती पर शेयर बाजार में डर

बीएसई (BSE) में लिस्टेड फर्मों का कुल बाजार पूंजीकरण 4.7 लाख करोड़ रुपये घटकर 410 लाख करोड़ रुपये रह गया।

Last Updated- May 30, 2024 | 11:09 PM IST
Nifty50

Stock Market: बेंचमार्क सूचकांकों में गुरुवार को लगातार 5वें कारोबारी सत्र में गिरावट आई। कारण कि मौद्रिक नीति की सख्ती और चुनाव नतीजों की चिंता निवेशकों को परेशान करती रही।

सेंसेक्स (Sensex) 617 अंक टूटकर 73,886 पर बंद हुआ जबकि निफ्टी ने 216 अंकों की गिरावट के साथ 22,489 पर कारोबार की समाप्ति की। बीएसई (BSE) में लिस्टेड फर्मों का कुल बाजार पूंजीकरण 4.7 लाख करोड़ रुपये घटकर 410 लाख करोड़ रुपये रह गया।

दोनों ही सूचकांकों के लिए पांच दिन से लगातार गिरावट अक्टूबर 2023 के बाद सबसे लंबा सिलसिला है। पिछले एक हफ्ते में निवेशकों में घबराहट है और चुनाव नतीजे आने से पहले वे बाजार से रकम निकाल रहे हैं।

चुनाव के दौरान मतदान के कम प्रतिशत ने मतदाताओं की सुस्ती और सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की जीत के मार्जिन पर इसके असर को लेकर चिंता बढ़ा दी है। यह भय भी बढ़ा है कि अगर सहज बहुमत से कम मिला तो नीतिगत कदम अटक जाएंगे। बाजारों ने चुनाव के दौरान तेजी दर्ज करते समय इसकी उम्मीद की थी।

विश्लेषकों ने कहा कि अगर सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (BJP) सामान्य बहुमत लाने में नाकाम रहती है तो यह बाजारों के लिए झटका होगा क्योंकि बाजार ने सत्ताधारी पार्टी को 300 से ज्यादा सीटें मिलने की उम्मीद कर रखी है।

इन घरेलू कारकों के अलावा कमजोर वैश्विक संकेतों ने भी मनोबल पर असर डाला। वैश्विक स्तर पर निवेशक सख्त मौद्रिक नीति को लेकर चिंतित हैं। 10 वर्षीय अमेरिकी ट्रेजरी का यील्ड पिछले दो कारोबारी सत्र में 15 आधार अंक चढ़कर करीब एक साल के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया।

अमेरिका में महंगाई का मुख्य आंकड़ा जारी होने से पहले दरों में कटौती को लेकर उम्मीदें फीकी पड़ रही हैं। अमेरिका में व्यक्तिगत उपभोग खर्च (पीसीई) प्राइस इंडेक्स अप्रैल में सालाना 2.7 फीसदी की रफ्तार से बढ़ने की उम्मीद है जो मार्च में भी इतना ही था।

फेडरल रिजर्व के अधिकारी ब्याज कटौती से पहले महंगाई के 2 फीसदी के लक्षित स्तर के लिए और सबूतों पर पहले से ही जोर देते आ रहे हैं। इस बीच, फेडरल रिजर्व बैंक ऑफ अटलांटा के अध्यक्ष राफेल बोस्टिक ने कहा कि हमें उम्मीद है कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक इस साल के अंत तक ब्याज कटौती पर विचार करेगा।

जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि बेंचमार्क इंडेक्स अमेरिकी बाजार से संकेत ले रहा है क्योंकि वैश्विक महंगाई में मजबूती के कारण ट्रेजरी यील्ड लगातार चढ़ रहा है जिससे केंद्रीय बैंक की ब्याज कटौती की नीति में देर हो रही है।

इस बीच, मुनाफावसूली की अगुआई में व्यापक बाजारों में कमजोरी का रुझान जारी रहा। सप्ताहांत में एग्जिट पोल के रुझान भी आने हैं। आगे चलकर अमेरिकी महंगाई के आंकड़ों के अलावा उपभोक्ता की आय और चीन के विनिर्माण आंकड़े बाजारों को भावी संकेत देंगे।

रेलिगेयर ब्रोकिंग के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) अजित मिश्र ने कहा कि हालिया गिरावट ने सकारात्मक रफ्तार में बाधा डाल दी है और निफ्टी अपने अल्पावधि के मूविंग एवरेज 20 डीईएमए से नीचे गिर गया है। 22,400 का स्तर टूटने के बाद यह और गिरकर 22,000-22,150 तक आ सकता है।

हम ट्रेड इसी के मुताबिक करने और हेजिंग अपनाने की सलाह दे रहे हैं। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक 3,050 करोड़ रुपये के शुद्ध बिकवाल रहे जबकि देसी संस्थागत निवेशकों ने 3,433 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। इस महीने एफपीआई देसी बाजारों से अब तक करीब 25,000 करोड़ रुपये निकाल चुके हैं।

सेंसेक्स (Sensex) के दो तिहाई से ज्यादा शेयर गिरावट के साथ बंद हुए। रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) में 1.1 फीसदी की गिरावट आई और इंडेक्स की गिरावट में इसका योगदान सबसे ज्यादा रहा जिसके बाद इन्फोसिस का स्थान रहा जो 1.8 फीसदी टूटा। चढ़ने और गिरने वाले शेयरों का अनुपात कमजोर बना रहा और 2,733 शेयर टूटे जबकि 1,098 में बढ़ोतरी दर्ज हुई।

First Published - May 30, 2024 | 10:35 PM IST

संबंधित पोस्ट