बाजार नियामक सेबी ने मंगलवार को एमआईआई-मार्केट इन्फ्रास्ट्रक्चर इंस्टिट्यूशंस मसलन स्टॉक एक्सचेंजों, क्लियरिंग कॉरपोरेशन और डिपॉजिटरीज के गवर्निंग बोर्ड में बदलाव का प्रस्ताव रखा। नियामक ने अहम परिचालन, नियामकीय अनुपालन और निवेशकों की शिकायतें दूर करने के लिए गवर्निंग बोर्ड में दो कार्यकारी निदेशकों की नियुक्ति का प्रस्ताव रखा है। इसके अलावा सेबी प्रबंध निदेशक, प्रस्तावित कार्यकारी निदेशकों और मुख्य तकनीकी अधिकारी जैसे अन्य अहम प्रबंधकीय अधिकारियों की भूमिका और जिम्मेदारियों को भी स्पष्ट रूप से पारिभाषित करने पर विचार कर रहा है।
अभी एमआईआई के गवर्निंग बोर्ड में प्रबंध निदेशक, गैर-स्वतंत्र निदेशक और जनहित निदेशक शामिल होते हैं। बाजार नियामक ने कहा कि एमआईआई के सभी विभागों में एमडी के अधिकार बहुत अधिक हैं और एमडी व अन्य प्रमुख अधिकारियों के बीच वेतन और पद के मामले में काफी अंतर है।
यह बदलाव ऐसे समय होने जा रहा है जब सेबी एमआईआई की भूमिका को पहली पंक्ति के नियामक के रूप में और वाणिज्यिक हितों पर सार्वजनिक हितों को प्राथमिकता देने पर जोर दे रहा है। मंगलवार को जारी परामर्श पत्र में सेबी ने कहा, वर्टिकल 1 और 2 को पर्याप्त संसाधन आवंटन सुनिश्चित करने और साथ ही यह पक्का करने के लिए कि ये महत्त्वपूर्ण कार्य वाणिज्यिक हितों से बाधित न हों, इन वर्टिकल के नेतृत्व के लिए सक्षम और सशक्त प्रमुख प्रबंधकीय अधिकारियों की आवश्यकता है।
सेबी ने कहा कि बोर्ड पर ऐसे वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी से किसी तरह की चिंता पर नियामक को सूचना सुनिश्चित होगी जिससे वह सुधार के कदम उठा सकेगा।