Real estate stocks strategy: तिमाही आधार पर (QoQ) हाल ही में हुई हाउसिंग सेल्स की गिरावट निवेशकों को चिंतित नहीं करनी चाहिए। एनालिस्ट्स का मानना है कि रियल एस्टेट शेयरों में लॉन्ग-टर्म को लेकर संभावनाएं मजबूत बनी हुई हैं।
कैलेंडर वर्ष 2024 की पहली छमाही (H1-CY24) में, रियल्टी शेयरों में 104 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई। HDFC सिक्योरिटीज के रिटेल रिसर्च हेड दीपक जसानी ने सुझाव दिया कि इस तेजी का उपयोग संबंधित शेयरों में आंशिक मुनाफा (partial profit) बुक करने के लिए किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘रियल एस्टेट शेयरों में बुल-रन का पहला चरण खत्म होने के करीब हो सकता है, और आंशिक मुनाफा बुकिंग पर विचार किया जा सकता है। हालांकि, लॉन्ग टर्म ग्रोथ ड्राइवर्स बरकरार हैं और शेयर धीरे-धीरे ऊपर की ओर बढ़ते रहेंगे। निवेशकों को पूरी तरह से शेयर से एग्जिट नहीं करना चाहिए।’
निफ्टी रियल एस्टेट इंडेक्स (Nifty Real Estate index) कैलेंडर वर्ष 2024 की पहली छमाही (H1-CY24) के दौरान प्रमुख प्रदर्शन करने वाले सूचकांकों में से एक था। निफ्टी50 की 10.5 फीसदी बढ़ोतरी की तुलना में, रियल एस्टेट कंपनियों का इंडेक्स नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर 41 फीसदी बढ़ गया।
इंडिविजुअल शेयरों में, सोभा (Sobha) 104 फीसदी, प्रेस्टीज एस्टेट्स (Prestige Estates) 60.5 फीसदी, द फीनिक्स मिल्स (The Phoenix Mills) 60 फीसदी, गोदरेज प्रॉपर्टीज (Godrej Properties) 59 फीसदी, और ब्रिगेड एंटरप्राइजेज (Brigade Enterprises) 50 फीसदी बढ़े। अन्य रियल एस्टेट शेयरों ने NSE पर 10 फीसदी से 47 फीसदी के बीच बढ़त दर्ज की।
रियल एस्टेट कंपनियों के शेयर की कीमतों में उछाल तब आया जब कंपनियों ने नए लॉन्च, कम कीमतों में वृद्धि और स्थिर ब्याज दरों के बीच, विशेष रूप से लक्जरी सेगमेंट में मजबूत मांग देखी गई।
रिपोर्ट्स के अनुसार, लिस्टेड रियल एस्टेट कंपनियों ने पिछले वित्तीय वर्ष 2023-24 (FY24) में 100 मिलियन वर्ग फुट से अधिक क्षेत्र की बिक्री की, जो 1.1 ट्रिलियन रुपये से अधिक थी। यह पिछले वर्ष के मुकाबले लगभग 40 फीसदी अधिक थी।
प्रारंभिक संकेतों से पता चलता है कि इस वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही (Q1-FY25) में हाउसिंग सेल्स में सिंगल डिजिट की तेज गिरावट आई है। जबकि, FY25 में यह मूल्य 1.5 ट्रिलियन रुपये (1.5 लाख करोड़ रुपये) को पार करने की उम्मीद थी।
एनारॉक (ANAROCK) के अनुसार, प्रमुख सात शहरों (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, मुंबई महानगरीय क्षेत्र, बेंगलूरु, पुणे, हैदराबाद, चेन्नई और कोलकाता) में Q1-FY25 में बढ़ती प्रॉपर्टी की कीमतों के कारण हाउसिंग सेल्स तिमाही आधार पर (Q-o-Q) 8 फीसदी कम हो गई।
ANAROCK की रिपोर्ट के अनुसार, Q4-FY24 में 130,170 यूनिट्स से Q1-FY25 में हाउसिंग सेल्स 120,340 यूनिट्स तक गिर गई। टॉप सात शहरों में कुल बिक्री 52 फीसदी से अधिक रही, जिसमें 62,685 घर बिके।
फाइनेंशियल तौर पर, आठ लिस्टेड फर्मों में से तीन (सोभा, महिंद्रा लाइफस्पेसेज, और प्रेस्टीज एस्टेट प्रोजेक्ट्स) ने FY24 की मार्च तिमाही में ब्लूमबर्ग की आय अनुमान से चूक गईं। दूसरी ओर, ओबेरॉय रियल्टी ने इन-लाइन नेट सेल्स और उम्मीद से बेहतर नेट मुनाफा दर्ज किया।
Bigul (बोनांजा पोर्टफोलियो की फिनटेक सब्सिडियरी) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) अतुल पारेख ने कहा कि इससे संकेत मिलता है कि रियल एस्टेट सेक्टर शॉर्ट टर्म में चुनौतियों का सामना कर सकता है। उन्होंने कहा, ‘निकट भविष्य में सतर्क अप्रोच और लॉन्ग चर्म ग्रोथ के लिए क्वालिटी वाले शेयरों पर फोकस करना उचित है।’
एनालिस्ट्स का मानना है कि सरकार के पूंजी खर्च कार्यक्रमों जैसे नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक, दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारा, और भारतमाला परियोजना के चलते लॉन्गटर्म ग्रोथ बरकरार है। यह इंफ्रास्ट्रक्चर ग्रोथ, बढ़ती शहरी आय और भविष्य में ब्याज दरों में कटौती, रियल एस्टेट कंपनियों की लगातार मजबूती का समर्थन करते हैं।
Invasset के पार्टनर और फंड मैनेजर अनिरुद्ध गर्ग ने कहा कि निवेशकों को मजबूत ट्रैक रिकॉर्ड वाले क्वालिटी वाले डेवलपर्स पर फोकस करते हुए लॉन्ग टर्म के लिए रियल एस्टेट शेयरों में अपनी स्थिति बनाए रखने पर विचार करना चाहिए।