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उचित मूल्यांकन पर बड़ी हिस्सेदारी लेने की योजना, रवि कपूर ने शुरू किया इंडसब्रिज वेंचर्स

निवेश बैंकिंग में 30 साल के अनुभव के बाद रवि कपूर ने इंडसब्रिज वेंचर्स नाम से एक परिसंपत्ति प्रबंधन फर्म शुरू की है। उसका पहला फंड एरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र पर केंद्रित है।

Last Updated- August 27, 2025 | 10:50 PM IST
Ravi Kapoor

निवेश बैंकिंग में लगभग तीन दशकों के अनुभव के बाद रवि कपूर ने इंडसब्रिज वेंचर्स नाम से एक परिसंपत्ति प्रबंधन फर्म शुरू की है। उसका पहला फंड एरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र पर केंद्रित है। मुंबई में समी मोडक के साथ साक्षात्कार में इंडसब्रिज वेंचर्स के जनरल पार्टनर और सह-संस्थापक कपूर ने फंड की निवेश रणनीति, संभावित निवेशक प्रोफाइल और रिटर्न की उम्मीदों पर बातचीत की। मुख्य अंश:

निवेश बैंकर के रूप में सफल करियर के बाद आपको फंड प्रबंधन में कदम रखने की प्रेरणा कैसे मिली?

सिटी और मेरिल में अपने निवेश बैंकिंग करियर के दौरान मैंने जो नेटवर्क बनाया है और जो सौदे किए हैं, उन्हें देखते हुए फंड मैनेजमेंट स्वाभाविक सीढ़ी की तरह लगा। अगर हम सेवा-आधारित अर्थव्यवस्था से तकनीक और विनिर्माण-आधारित अर्थव्यवस्था की ओर सार्थक रूप से बढ़ना चाहते हैं तो आज भारत को बड़े पैमाने पर पूंजीगत मदद की जरूरत है, खासकर एयरोस्पेस और रक्षा (एऐंडडी) जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में। सेक्टर-केंद्रित फंड के साथ ऐसेट मैनेजमेंट में कदम रखना मेरा सोचा-समझा फैसला है।

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इंडसब्रिज वेंचर्स की स्थापना का विचार कैसे आया? इसके दीर्घाव​धि लक्ष्य क्या हैं?

हमारा उद्देश्य हमेशा से ही एयरोस्पेस और रक्षा जैसे क्षेत्रों में काम कर रहे उद्यमियों को पूंजी मुहैया कराना रहा है। इसी दौरान मेरी मुलाकात मेरे साथी जनरल प्रैक्टिशनर राहुल देवजानी और योगेश कुलकर्णी से हुई। कुलकर्णी मेरे साथ जुड़ने से बहुत पहले से ही इस विजन पर काम कर रहे थे। इसका मुख्य लक्ष्य इस क्षेत्र में डीप-टेक स्टार्टअप्स को समर्थन देकर सार्थक प्रभाव डालना है, न केवल पूंजी के साथ बल्कि रणनीतिक मूल्य वृद्धि के साथ भी।

अपने पहले फंड के बारे में बताएं। आपने कितनी रकम जुटाने का लक्ष्य रखा है?

यह फंड एयरोस्पेस और रक्षा के साथ-साथ अंतरिक्ष और संचार जैसे संबं​धित क्षेत्रों पर केंद्रित है। हमने वैश्विक अनुभव वाले विषय के विशेषज्ञों का मजबूत सलाहकार समूह तैयार किया है।

हमारी रणनीति दोहरी है: ऐसे डीप-टेक स्टार्टअप्स में निवेश करना जिनके पास मजबूत तकनीकी आधार हो, खासकर दोहरे उपयोग वाले अनुप्रयोगों (नागरिक और रक्षा दोनों) के साथ और जिनके पास बड़े वैश्विक बाजार के अवसर भी हों। साथ ही विशिष्ट तकनीकों या विनिर्माण प्रक्रियाओं में पहले से ही अनुभवी भारतीय प्रमोटरों के साथ संयुक्त उद्यम स्थापित करना, जहां हम फंड के रूप में उचित मूल्यांकन पर महत्त्वपूर्ण अल्पमत हिस्सेदारी लेते हैं और वैश्विक तकनीक और बाजारों तक पहुंच मुहैया कराते हैं। यह फंड सात साल की अवधि के साथ श्रेणी-2 वैकल्पिक निवेश फंड (एआईएफ) के रूप में पेश किया गया है।

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इसे दो साल तक बढ़ाया जा सकता है। हमारा लक्ष्य 1,000 करोड़ रुपये (500 करोड़ रुपये + 500 करोड़ रुपये ग्रीनशू) का कोष बनाना है। हमारी पहली क्लोजिंग सितंबर 2025 के लिए निर्धारित है और हमारा लक्ष्य मार्च 2026 तक धन जुटाने की प्रक्रिया को पूरा करना है।

आपको अब तक कितनी निवेश प्रतिबद्धताएं मिली हैं?

हमें 200 करोड़ रुपये से ज्यादा की प्रतिबद्धताएं मिली हैं, मुख्यतः परिवार कार्यालयों और कॉरपोरेट उद्यम इकाइयों से। प्रायोजकों के रूप में हम अपनी स्वयं की पूंजी से भी 25 करोड़ रुपये का निवेश कर रहे हैं जिससे इस व्यवसाय में हमारी भागीदारी का पता चलता है। हमारे व्यापक निवेशक प्रोफाइल में अति धनाढ्य, परिवार कार्यालय, कॉरपोरेट उद्यम शाखाएं और सरकारी व निजी दोनों संस्थान शामिल होंगे।

आपने एरोस्पेस ऐंड डिफेंस को अपनी पहली थीम के रूप में क्यों चुना? आपकी निवेश रणनीति?

इस क्षेत्र की चुनौतियां (टूटी हुई वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं से लेकर घरेलू क्षमता की कमी तक) इसे हमारे लिए शुरुआत करने के लिए सही जगह बनाती हैं। सामान्य और बड़े फंडों के विपरीत हम स्पष्ट प्रभाव वाला केंद्रित माध्यम चाहते थे। मेरे साथी जीपी राहुल देवजानी ने अपना करियर इसी क्षेत्र में बिताया है और भारत तथा वैश्विक स्तर पर मजबूत नेटवर्क तक उनकी पहुंच है। हमारे पास एक समर्पित डील फ्लो भी है जिसका नेतृत्व भारत, अमेरिका, इजरायल और यूरोप के विशेषज्ञ करते हैं।

First Published - August 27, 2025 | 10:44 PM IST

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