वित्त वर्ष 2024 की अप्रैल-जून तिमाही में निराशाजनक प्रदर्शन और मूल्यांकन में कमी के बाद, भारतीय आईटी क्षेत्र में कुछ सकारात्मक बदलाव देखे जा सकते हैं, क्योंकि आईटी के लिए खराब समय दूसरी तिमाही में समाप्त हो सकता है।
मुख्य नकारात्मक कारक अमेरिकी वित्तीय क्षेत्र और उत्तर अमेरिका से कमजोर मांग से जुड़ा था। ताजा जीडीपी अनुमानों और क्षेत्र-केंद्रित समाचारों से संकेत मिलता है कि मांग ज्यादा खराब नहीं रह सकती है, क्योंकि दूसरी तिमाही में आईटी खर्च में सुधार आएगा। इसके अलावा, इंजीनियरिंग एवं आरऐंडडी सेगमेंट में वृद्धि अन्य सेवा सेगमेंट के मुकाबले मजबूत रह सकती है।
बड़े अमेरिकी बैंकों ने वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में आईटी पर ज्यादा खर्च (राजस्व के प्रतिशत के रूप में) किया है, लेकिन वित्त वर्ष 2021 के करीब 7 प्रतिशत के उच्च स्तर की तुलना में यह 6.6 प्रतिशत के साथ काफी कम रह सकता है। इसलिए, इसमें वृद्धि की संभावना है, क्योंकि अमेरिका के लिए प्रतिफल में सुधार आ सकता है।
हालात वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही के मुकाबले अलग रहेंगे। पहली तिमाही में राजस्व आईटी कंपनियों के लिए सपाट रहा था। दुनियाभर के बैंक डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार की जरूरत महसूस करेंगे। अमेरिकी बैंकों का राजस्व दो अंक में बढ़ा, जिसे देखते हुए छोटे बैंकों द्वारा भी आईटी में निवेश शुरू किए जाने की संभावना है।
आईटी सेवा क्षेत्र के नजरिये से, लार्जकैप शेयर दो कारणों से ज्यादा आकर्षक दिख रहे हैं। पहला यह है कि बड़ी आईटी कंपनियों के लिए मूल्यांकन मझोले स्तर और छोटे आकार की आईटी कंपनियों के मुकाबले कम है। दूसरा कारण यह है कि बड़ी सेवा प्रदाता कंपनियां नए व्यवसाय हासिल करने के मामले में बढ़त बनाए रख सकती हैं। हालांकि उनमें मजबूत सुधार का अनुमान लगाना अभी जल्दबाजी है, लेकिन कुछ राहत मिलेगी क्योंकि मांग में सुधार आया है।
भारतीय ईआरडी कंपनियों को इस सुधार से अन्य सेवा सेगमेंटों की तुलना में ज्यादा लाभ मिलेगा। दीर्घावधि वृद्धि के कुछ थीम और बाहरी खरीदारी के संकेत दिख रहे हैं। ईआरडी सेवाओं के लिए ग्राहकों के व्यवसाय और रणनीतियों से संबंधित जानकारी की जरूरत होती है।
वृद्धि को कुछ हद तक विदेशी क्षमता केंद्रों से मदद मिलेगी और इससे रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा, लेकनि सूचीबद्ध भारतीय कंपनियों के लिए इससे राजस्व में पूरी तरह से मदद नहीं मिलेगी। ज्यादातर ईआरडी राजस्व भारतीय आईटी संगठनों को मिलेगा।
मजबूत मांग के क्षेत्रों में डिजिटल इंजीनियरिंग और ऑफशोरिंग शामिल हैं। डिजिटल इंजीनियरिंग को डिजाइन, उत्पादन, मैंटेनेंस और डिस्पोजल के उत्पाद जीवन चक्रों से मदद मिलेगी। निर्माण में टेक्नोलॉजी संबंधित बदलाव को बढ़ती सॉफ्टवेयर पेशकश और आधुनिक निर्माण में नवाचार से भी मदद मिली है।
डिजिटल ईआरडी खर्च कैलेंडर वर्ष 2026 तक वैश्विक ईआरडी में 59 प्रतिशत का योगदान दे सकता है, जो कैलेंडर वर्ष 2022 के 45 प्रतिशत से ज्यादा है।
सॉफ्टवेयर और इंटरनेट सेक्टर के अलावा, ऑटोमोबाइल, बीएफएसआई, मीडिया, हेल्थकेयर जैसे सेगमेंट भी तेज ईआरडी वृद्धि वाले अन्य क्षेत्र हो सकते हैं। कुछ ईआरडी दांव अपेक्षाकृत छोटे स्तर के शेयर हैं, जिनमें साइंट, परसिस्टेंट सिस्टम्स, टाटा एलेक्सी, केपीआईटी आदि मुख्य रूप से शामिल हैं।
अस्पष्ट संकेतों के बावजूद, एनएसई आईटी सूचकांक कैलेंडर वर्ष 2023 में 12 प्रतिशत तक बढ़ा है और इसकी करीब सभी वृद्धि अप्रैल 2023 से दर्ज की गई है, जो वित्त वर्ष 2024 में है।
आईटी सूचकांक पिछले 12 महीनों में 19 प्रतिशत तक बढ़ा है। इसने निफ्टी-50 सूचकांक के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया। निफ्टी-50 पिछले साल में 10.5 प्रतिशत तक बढ़ा।