तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेतृत्व में विपक्षी नेताओं के एक समूह ने मंगलवार को मुबई में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की और लोक सभा चुनाव नतीजों के दिन और उससे एक दिन पहले शेयर बाजार में कथित जोड़तोड़ पर चिंता जताई।
टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी, सागरिका घोष और साकेत गोखले ने सेबी के अधिकारियों से मुलाकात की। इनके अलावा शिव सेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के सांसद अरविंद सावंत और राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी-शरद पवार की सांसद विद्या चव्हाण और निर्मला सामंत भी इस प्रतिनिधि मंडल में शामिल थे।
हालांकि यह समूह सेबी की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच से मुलाकात नहीं कर सका क्योंकि वह मंगलवार को कार्यालय में नहीं थीं। तीन अन्य वरिष्ठ अधिकारियों (सेबी के पूर्णकालिक सदस्य अश्विनी भाटिया समेत) ने इस प्रतिनिधि मंडल से मुलाकात की।
कल्याण बनर्जी ने कहा, ‘सेबी का अतीत में शानदार रिकॉर्ड रहा है। हमें सेबी पर भरोसा है और यही कारण है कि हम गुमराह करने वाले एक्जिट पोल के आधार पर शेयर बाजार में हेरफेर के मामले की जांच की मांग कर रहे हैं।’
मुलाकात के बाद बनर्जी ने कहा कि हालांकि उन्हें सेबी से कोई आश्वासन नहीं मिला है लेकिन अधिकारियों ने बताया कि वे इस मामले पर विचार करेंगे। बनर्जी ने कहा कि वे एक्जिट पोल एजेंसियों और नेताओं के बीच कथित संबंधों की जांच चाहते हैं। उनका आरोप है कि एक्जिट पोल के दिन आई असाधारण तेजी की वजह से राजनीतिक परिवारों ने मोटा पैसा कमाया जिसके बाद चुनावी परिणाम वाले दिन 4 जून को बाजार 6 प्रतिशत से ज्यादा टूट गए।
बनर्जी ने कहा, ‘कुछ बड़े लोगों (जो राजनीतिज्ञ या राजनीतिक परिवारों से जुड़े हुए हैं) की वजह से 30 लाख से ज्यादा लोगों को नुकसान हुआ। चंद्रबाबू नायडू की पत्नी इतना पैसा कैसे कमा सकती हैं – क्या यह सिर्फ इसलिए कि वह राजग के घटक बन गए हैं?’
मुलाकात करने गए नेताओं का कहना है कि वे चाहते हैं कि जांच से विश्वास पैदा हो और यह सुनिश्चित हो कि अगर एक्जिट पोल जारी रहें तो भविष्य में इस तरह के ‘शेयर घोटाले’ न हों।
नैशनल स्टॉक एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार 4 जून को नकद बाजार खंड में रिकॉर्ड 2.71 लाख करोड़ रुपये का कारोबार हुआ। आंकड़ों से पता चलता है कि फैसले के दिन खुदरा निवेशक 21,179 करोड़ रुपये के शुद्ध खरीदार थे जबकि एफपीआई ने 12,511 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।