नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के अनलिस्टेड शेयर की कीमत पिछले सप्ताह 30 प्रतिशत तक बढ़ गई। अनलिस्टेड बाजार में यह पिछले सप्ताह 1,725 रुपये से बढ़कर 2,250 रुपये पर पहुंच गया। विश्लेषकों का मानना है कि यह तेजी कुछ हद तक एनएसई के आईपीओ की बढ़ती संभावना के कारण आई है। रिपोर्टों के अनुसार एक्सचेंज का बाजार पूंजीकरण 5.8 लाख करोड़ रुपये है। सितंबर 2021 से अनलिस्टेड शेयर का भाव 200 फीसदी से ज्यादा बढ़ा है।
मेहता इक्विटीज के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) प्रशांत तापसे के अनुसार अनलिस्टेड एनएसई शेयर की बाजार कीमत में वृद्धि का श्रेय रिटेल और एचएनआई निवेशकों की आईपीओ से पहले की मांग को भी जाता है। तापसे का कहना है, ‘यह उछाल अच्छे लिस्टिंग गेन की उम्मीदों और अनलिस्टेड स्पेस में मांग और सप्लाई के बीच भारी अंतर की वजह से भी आई है। यदि अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) मिल जाता है और लिस्टिंग उम्मीद के मुताबिक रहती है तो अनलिस्टेड मार्केट में एनएसई के शेयर की कीमत में और बढ़ोतरी हो सकती है।’
अनलिस्टेडएरिना डॉटकॉम के सह-संस्थापक मनन दोशी ने कहा कि एक समय में जटिल ट्रांसफर प्रक्रियाओं के कारण रिटेल निवेशकों के लिए एनएसई का शेयर लेना मुश्किल था। हालांकि, मार्च के अंत में शेयरों के अनफ्रीज होने के बाद जब से ये आसानी से ट्रांसफर होने लगे हैं, तब से कई रिटेल निवेशकों ने इस शेयर में तेजी से प्रवेश किया है।
विश्लेषकों का कहना है कि जिन निवेशकों की जोखिम लेने की क्षमता है और लंबी अवधि के लिए खरीद और होल्ड कर सकते हैं, उनके लिए अनलिस्टेड मार्केट में एनएसई के शेयर बीएसई के सूचीबद्ध शेयरों की तुलना में मूल्यांकन के लिहाज से आकर्षक लग रहे हैं। दोशी का कहना है कि हालिया तेजी के बावजूद बीएसई की तुलना में एनएसई का मूल्यांकन उचित बना हुआ है।
वित्त वर्ष 2025 की प्रति शेयर आय (ईपीएस) के आधार पर एनएसई लगभग 45 गुना के पीई पर कारोबार कर रहा है जबकि बीएसई लगभग 75 गुना पर है। तुलनात्मक रूप से, एनएसई का मूल्यांकन अभी भी नरम लग रहा है। एनएसई में लिस्टेड बीएसई में भी निवेशकों की दिलचस्पी देखी गई है। मई के शुरू में बीएसई उन चुनिंदा शेयरों के क्लब में शामिल हो गया जिनका बाजार पूंजीकरण 1 लाख करोड़ रुपये या उससे अधिक है।
इक्विनॉमिक्स रिसर्च के संस्थापक और रिसर्च हेड जी चोक्कालिंगम ने कहा, ‘निवेशक अब एनएसई के अनलिस्टेड शेयर खरीद सकते हैं। सूचीबद्ध प्रतिस्पर्धी की तुलना में उसका मूल्यांकन अभी सस्ता है और एनएसई अभी भी शेयर बाजार में निर्विवाद रूप से दिग्गज है। इसके अलावा, पूंजी बाजार का व्यवसाय हमेशा चलने वाला रहा है और चूंकि यह दो कंपनियों वाला बाजार है। इसलिए दोनों एक्सचेंजों के लिए एक बहुत ही सुनिश्चित बिजनेस है।’
एनएसई के शेयर की कीमत को प्रभावित करने वाला एक अन्य कारक सेबी की हाल में की गई यह घोषणा है कि इक्विटी डेरिवेटिव अनुबंध अब सप्ताह में केवल दो दिन या तो मंगलवार या गुरुवार को ही एक्सपायर होंगे।