NSE World Record: लोकसभा चुनाव के नतीजों से लगे सदमे से उबरने के बाद आज यानी 5 जून, 2024 को भारत के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज-नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने सबसे ज्यादा ट्रांजैक्शन्स का वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया। आज एक्सचेंज ने इतिहास दर्ज करते हुए 1,971 करोड़ ऑर्डर और 28.55 करोड़ ट्रेड संभाले।
NSE के कैश सेगमेंट में 1.87 लाख करोड़ रुपये का कारोबार हुआ जबकि डेरिवेटिव में 611 लाख करोड़ रुपये का। एक दिन पहले एक्सचेंज ने 2.7 लाख करोड़ रुपये का नकद में कारोबार और 415 लाख करोड़ रुपये का डेरिवेटिव कारोबार दर्ज किया था।
दुनिया के सबसे बड़े डेरिवेटिव एक्सचेंज NSE इंडिया के MD और CEO आशिष कुमार के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए लिखा, ‘@nseindia ने आज 5 जून, 2024 को एक ही दिन में अब तक का सबसे ज्यादा ट्रांजैक्शन्स संभालकर विश्व रिकॉर्ड बना दिया। ये ट्रांजैक्शन्स 6 घंटे और 15 मिनट के बीच हुए। सुबह 9:15 बजे से शाम 3:30 बजे तक NSE खुला रहा, इस दौरान एक्सचेंज ने सिंगल ट्रेडिंग डे में 1,971 करोड़ (19.71 बिलियन) ऑर्डर और 28.55 करोड़ (280.55 मिलियन) ट्रेड हैंडल किए।
@nseindia handled the highest ever – world record – number of transactions in a single day today on June 5,2024 in a 6 hours and 15 minutes (915 am to 330 pm) single trading day-
1971 crore (19.71 billion) orders per day
28.55 crore (280.55 million) trades per day
— Ashish Chauhan (@ashishchauhan) June 5, 2024
गौरतलब है कि 4 जून को लोकसभा चुनाव के दिन शेयर बाजारों में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली थी। निफ्टी (Nifty) 1,379 अंक या 6 फीसदी के नुकसान के साथ 21,885 पर बंद हुआ था, जो 20 मार्च के बाद इसका निचला स्तर था। लेकिन NDA को बहुमत मिलने के बाद निवेशकों में फिर से उम्मीद जागी और आज Nifty50 735.85 अंक या 3.36% की बढ़त के साथ 22,620.35 के लेवल पर बंद हुआ।
पिछले महीने 27 मई को ही NSE ने 250 रुपये प्रति शेयर की ट्रेंडिंग प्राइस से नीचे के सभी शेयरों के लिए टिक साइज (Tick Size) 5 पैसे से घटाकर 1 पैसा शुरू करने का फैसला किया था। स्टॉक ब्रोकरों ने भी NSE के इस फैसले का स्वागत किया था और कहा था कि इस बदलाव से नकदी और प्राइस डिस्कवरी में इजाफा होगा। इसके अलावा, लागत घटेगी व ट्रेडिंग वॉल्यूम में भी मजबूती आएगी।
बता दें कि यह नियम 10 जून से लागू होने वाला है। टिक साइज का मतलब कीमत की न्यूनतम संभावित चाल होता है। यानी, यह किसी शेयर की कीमत में न्यूनतम संभावित गिरावट या बढ़ोतरी को बताता है।
NSE की वित्त वर्ष 24 की जनवरी-मार्च तिमाही (Q4FY24) में परफॉर्मेंस में शानदार इजाफा देखने को मिला। इसके समेकित नेट मुनाफे (consolidated net profit) में सालाना आधार पर (YoY) 20 फीसदी बढ़कर 2,488 करोड़ रुपये रहा। NSE के रेवेन्यू में भी 34 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई थी। Q4FY4 में इसका रेवेन्यू 4,625 करोड़ रुपये रहा था।