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FY24 की पहली तिमाही में लौटेगा शराब का खुमार, बेवरेज कंपनियों के परफॉर्मेंस में सुधार के आसार

नुवामा रिसर्च का मानना है कि तीन सुस्त तिमाहियों के बाद यह क्षेत्र कीमतों में वृद्धि और कच्चे माल की लागत में नरमी आने से अब मार्जिन में कुछ सुधार दर्ज कर रहा है

Last Updated- September 10, 2023 | 8:41 PM IST
Liquor stocks

वर्ष 2022-23 में उपभोक्ता क्षेत्र में अपने प्रतिस्प​र्धियों के मुकाबले कमजोर प्रदर्शन करने और वित्त वर्ष 2024 की अप्रैल-जून तिमाही में मिश्रित प्रदर्शन के बाद ब्रोकर अब शराब कंपनियों के शेयरों के मध्याव​धि परिदृश्य को लेकर सकारात्मक नजर आ रहे हैं। कच्चे माल की ऊंची लागत, बढ़ते शुल्क, नियामकीय चिंताओं और प्रतिस्पर्धी दबाव का पिछली तिमाहियों में प्रदर्शन पर दबाव पड़ा।

विश्लेषकों का मानना है कि यह क्षेत्र अब बेहतर मांग और मार्जिन में सुधार की मदद से हालात में बदलाव दर्ज कर सकता है।

वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही के नतीजों के बाद इस क्षेत्र के वित्तीय प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नुवामा रिसर्च के विश्लेषक अबनीश रॉय ने कहा है कि हालात सामान्य होने से कार्यक्रम और शादियां महामारी-पूर्व स्तर पर लौट चुके हैं और इससे शराब की खपत को बढ़ावा मिलेगा। ब्रोकरेज फर्म के विश्लेषकों का मानना है कि इससे शहरी इलाकों में आई सुस्ती की भरपाई हो सकती है, जहां डिस्क्रेशनरी खपत के अन्य स्वरूप जैसे ​क्विक सर्विस रेस्टोरेंट, अपैरल और फुटवियर में हालात थम गए थे।

निर्मल बांग और मोतीलाल ओसवाल रिसर्च जैसे अन्य ब्रोकरों ने अपन जून तिमाही की समीक्षाओं में कहा है कि एल्कोहॉलिक बेवरेज के लिए मांग परिवेश मजबूत बना हुआ है और यह अन्य कंज्यूमर डिस्क्रेशनरी श्रे​णियों के विपरीत ज्यादा प्रभावित नहीं हुआ है।

एल्कोहॉलिक बेवरेज निर्माताओं में सबसे बड़ी लिस्टेड कंपनी यूनाइटेड ​स्पिरिट्स (यूएसएल) ने जून तिमाही में उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन दर्ज किया। कंपनी की बिक्री वृद्धि जून तिमाही में 17 प्रतिशत रही, क्योंकि कंपनी को अनुकूल आधार, प्रेस्टीज-ऐंड एबव (पीऐंडए) सेगमेंट में मजबूत प्रदर्शन से मदद मिली। बिक्री और प्रा​प्तियों में करीब 10 प्रतिशत तक की वृद्धि के साथ पीऐंडए सेगमेंट का राजस्व 21 प्रतिशत बढ़ गया था।

दूसरी तरफ, यूनाइटेड ब्रुअरीज (यूबी) के लिए जून तिमाही का प्रदर्शन काफी हद तक सुस्त रहा। कंपनी की बिक्री 12 प्रतिशत घट गई और रूट-टू-मार्केट (आरटीएम) बदलावों, आपूर्ति संबं​धित समस्याओं (तेलंगाना और हरियाणा) तथा कमजोर अंतरराज्यीय बिक्री से प्रभावित हुई।

आरटीएम को छोड़कर, बिक्री में 4 प्रतिशत तक की कमी आई। ​प्रीमियम सेगमेंट में, आरटीएम बदलावों को छोड़कर बिक्री सपाट रही। ब्रोकरों का मानना हैकि आरटीएम बदलाव वित्त वर्ष 2024 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही से आधार होंगे। कंपनी ने संकेत दिया है कि इस क्षेत्र के लिए दीर्घाव​धि संभावनाएं बरकरार हैं, क्योंकि खर्च योग्य आय बढ़ रही है, और महंगे उत्पादों की बिक्री को लेकर हालात अनुकूल हो रहे हैं।

जून तिमाही में बड़ी राहत मार्जिन के मोर्चे पर मिली। जहां मार्जिन के मोर्चे पर अनि​श्चितता बनी हुई थी, वहीं ब्रोकरों का मानना है कि अब बुरा समय बीत गया है।

नुवामा रिसर्च का मानना है कि तीन सुस्त तिमाहियों के बाद यह क्षेत्र कीमतों में वृद्धि और कच्चे माल की लागत में नरमी आने से अब मार्जिन में कुछ सुधार दर्ज कर रहा है। खराब समय समाप्त हो गया है, लेकिन एक्स्ट्रा-न्यूट्रल एल्कोहल सेगमेंट में मूलय निर्धारण रुझान चिंताजनक बना हुआ है।

यूएसएल मार्जिन वृद्धि के मोर्चे पर अपने प्रतिस्प​र्धियों में से आगे रही। जहां सकल मार्जिन सालाना आधार पर 270 आधार अंक तक बढ़कर 43.6 प्रतिशत हो गया, वहीं परिचालन मुनाफा मार्जिन वृद्धि 390 आधार अंक की रही और यह मार्जिन 17.7 प्रतिशत पर पहुंच गया। ऊंची मार्जिन वृद्धि को कम स्टाफ और अन्य खर्च से मदद मिली, भले ही विज्ञापन खर्च एक साल पहले की तिमाही के मुकाबले 5 प्रतिशत तक बढ़ गया।

IIFL ने वित्त वर्ष 2025 के लिए कंपनी का ईपीएस अनुमान 2-5 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है। पहली तिमाही के मजबूत प्रदर्शन और मार्जिन अनुमानों में सुधार को ध्यान में रखते हुए इसमें वृद्धि की गई है। आय अनुमानों में संशोधनों के बावजूद, IIFL ने महंगे मूल्यांकन को ध्यान में रखते हुए इस शेयर के लिए ‘जोड़ें’ रे​टिंग बरकरार रखी है। मौजूदा भाव पर यह शेयर पिछले तीन महीने में 21 प्रतिशत चढ़ चुका है और अपने वित्त वर्ष 2025 के आय अनुमानों के करीब 50 गुना पर कारोबार कर रहा है।

दूसरी तरफ, यूबी ने कमजोर बिक्री और कच्चे माल की लागत बढ़ने की वजह से सकल मार्जिन पर दबाव महसूस किया। कंपनी का सकल मार्जिन सालाना आधार पर 370 आधार अंक घटकर 40.6 प्रतिशत रह गया। हालांकि तिमाही आधार पर सकल मार्जिन 200 आधार अंक यानी 2 प्रतिशत तक बढ़ा।

निर्मल बांग रिसर्च के कृष्णन सांबामूर्ति और सनी भद्र का मानना है कि कंपनी को जौ की लागत में कमी का आगामी तिमाहियों में फायदा मिलेगा। विश्लेषकों का कहना है कि पिछले करीब साढ़े चार साल तक दौरान इस शेयर में सपाट प्रदर्शन के बाद अब परिदृश्य में सुधार आ रहा है। विश्लेषकों ने इस शेयर के लिए एकत्रित करें रेटिंग दी है। उन्हें चार साल तक सपाट वृद्धि के बाद परिचालन लाभ वित्त वर्ष 2025 में 70 प्रतिशत तक बढ़ने की संभावना है।

First Published - September 10, 2023 | 8:41 PM IST

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