पिछले महीने रिलायंस इंडस्ट्रीज से अलग हुई कंपनी जियो फाइनैंशियल सर्विसेज (JFS) सोमवार 21 अगस्त को शेयर बाजार में कदम रखेगी। इसी दिन कंपनी का शेयर स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध किया जाएगा। 20 जुलाई को जेएफएस के शेयर की कीमत 261.85 रुपये आंकी गई थी, जिसके हिसाब से कंपनी 1.66 लाख करोड़ रुपये (20 अरब डॉलर) की बैठती है।
विशेषज्ञों को लग रहा है कि जियो फाइनैंशियल का शेयर 300 रुपये तक जा सकता है। इक्विनॉमिक्स के संस्थापक एवं अनुसंधान प्रमुख जी चोकालिंगम ने कहा, ‘यह शेयर करीब 300 रुपये पर सूचीबद्ध हो सकता है। यदि कंपनी के पास मौजूद ट्रेजरी शेयर हटा दिए जाएं तो अपनी शुद्ध हैसियत के मुकाबले जियो फाइनैंशियल का मूल्य दूसरी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) से काफी कम बैठता है।’
20 जुलाई को मूल्य तय होने और सोमवार को सूचीबद्ध होने के बीच जेएफएस में कई घटनाक्रम हुए मसलन संपत्ति प्रबंधन कारोबार की शुरुआत और बीमा में उतरने की कथित तैयारी। जियो फाइनैंशियल सर्विसेज ने भारत में परिसंपत्ति प्रबंधन कारोबार में उतरने के लिए अमेरिका की प्रमुख परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी ब्लैकरॉक के साथ साझा उपक्रम बनाया है।
बहरहाल एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) और इंडेक्स फंड जेएफएस के शेयर बेचेंगे। इस समय जियो फाइनैंशियल निफ्टी50 और सेंसेक्स का हिस्सा है मगर सूचीबद्ध होने के तीन दिन बाद वह दोनों सूचकांकों से बाहर हो जाएगी।
नुवामा अल्टरनेटिव ऐंड क्वांटिटेटिव रिसर्च के अनुसार JFS 24 अगस्त को सूचकांकों से बाहर हो जाएगी। उसके बाद निफ्टी50 और सेंसेक्स पर नजर रखने वाली पैसिव म्युचुअल फंड योजनाओं को कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बेचनी होगी। नुवामा के अनुसार निफ्टी50 योजनाओं के पास इसके करीब 9 करोड़ शेयर हैं और सेंसेक्स फंडों के पास 5.5 करोड़ शेयर हैं। मौजूदा भाव पर उनके शेयरों की कुल कीमत करीब 3,800 करोड़ रुपये है।
RIL के पात्र शेयरधारकों के डीमैट खाते में पिछले हफ्ते JFS के शेयर आ गए थे। कारोबार अलग होने के कारण शेयरधारकों को RIL के हरेक शेयर के लिए जियो फाइनैंशियल का एक शेयर आवंटित किया गया है।
मौजूदा मूल्यांकन पर जियो फाइनैंशियल भारत की 33वीं सबसे मूल्यवान कंपनी होगी। वह बजाज फाइनैंस और बजाज फिनसर्व के बाद तीसरी सबसे बड़ी एनबीएफसी होगी। फिलहाल बैंकिंग क्षेत्र में केवल पांच ऋणदाताओं का मूल्यांकन जियो फाइनैंशियल के मूल्यांकन से अधिक है।
जियो फाइनैंशियल सर्विसेज की RIL में 6.1 फीसदी हिस्सेदारी है, जिसका मौजूदा मूल्य करीब 1.08 लाख करोड़ रुपये है। आरआईएल का शेयर शुक्रवार को 0.51 फीसदी बढ़त के साथ 2,551 रुपये पर बंद हुआ। इससे देश की सबसे मूल्यवान कंपनी का मूल्यांकन 17.26 लाख करोड़ रुपये हो गया।
विश्लेषक मानते हैं कि जियो फाइनैंशियल सर्विसेज को अलग करना रिलायंस समूह की तुरुप की चाल है। इससे नई कंपनी को वित्तीय सेवा कारोबार में खास रुचि रखने वाले निवेशकों, रणनीतिक भागीदारों और ऋणदाताओं को आकर्षित करने में मदद मिलेगी।
विश्लेषकों ने कहा कि वित्तीय सेवा कारोबार को अलग करना तेल कारोबार के बाहर विस्तार करने के मुकेश अंबानी के लक्ष्य के हिसाब से ही है। देश के इस सबसे बड़े कारोबारी समूह की दूरसंचार के अलावा खुदरा, ई-कॉमर्स और वित्तीय क्षेत्र में काफी दिलचस्पी है।