बाजार नियामक सेबी के चेयरमैन तुहित कांत पांडेय | फाइल फोटो
बाजार नियामक सेबी के चेयरमैन तुहित कांत पांडेय ने कहा है कि जेन स्ट्रीट ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के 3 जुलाई आदेश के बाद से वायदा एवं विकल्प (एफऐंडओ) में कारोबार शुरू नहीं किया है। उन्होंने बिजनेस वर्ल्ड को दिए एक साक्षात्कार में यह बात कही। पांडेय ने इस पर जोर दिया कि सेबी और एक्सचेंज इस घटनाक्रम के बाद बाजार पर ‘कड़ी निगरानी’ बनाए हुए हैं। उन्होंने अमेरिकी ट्रेडिंग फर्म पर सिर्फ अस्थायी प्रतिबंध लगाने के निर्णय का समर्थन करते हुए कहा कि कारण बताओ नोटिस या अंतिम आदेश के बगैर स्थायी प्रतिबंध लगाना ‘मनमाना होता और कानूनी रूप से भी नहीं टिकता।’
जेन स्ट्रीट ने एस्क्रो खाते में 4,844 करोड़ रुपये जमा करा दिए और हेरफेर या धोखाधड़ी से जुड़ी ट्रेडिंग से दूर रहने का शपथपत्र दिया। इसके बाद सेबी ने उस पर लगे ट्रेडिंग प्रतिबंध को हटा लिया।
बाजार निगरानी से जुड़ी चिंताओं के बारे में पांडेय ने कहा, ‘प्रौद्योगिकी तेज गति से आ रही है और कोई भी नियामक खुद के महामानव होने का दावा नहीं कर सकता। जेन स्ट्रीट मामले ने हमारी निगरानी प्रणालियों को उन्नत बनाने की आवश्यकता बता दी है और हम सक्रिय रूप से ऐसा कर रहे हैं।’
चेयरमैन ने कहा कि सेबी ने नए निगरानी मानक पेश किए हैं और वह एफऐंडओ ट्रेडिंग में असामान्य डेल्टा एक्सपोजर या आउट-ऑफ-द-मनी ऑप्शन में उछाल सहित विसंगतियों का पता लगाने के लिए एआई-संचालित टूल्स की संभङावना टटोल रहा है। सेबी आधुनिक बाजार कारोबारियों के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए बाहरी विशेषज्ञता के लिए भी तैयार है।
सेबी के 3 जुलाई के एकपक्षीय अंतरिम आदेश में बाजार में हेरफेर से कथित रूप से, खासतौर से इंडेक्स एक्सपायरी के दिनों में कमाए अवैध लाभ को जब्त करने का निर्देश दिया गया था।
सेबी अध्यक्ष ने कहा, ‘हमारी न्यायप्रणाली तय प्रक्रिया के बिना किसी को दोषी मानने की अनुमति नहीं देती। 59.7 करोड़ डॉलर की जमा राशि इस संबंध में एक मजबूत संकेत है कि सेबी गंभीर बना हुआ है। हम यहां नायक बनने के लिए नहीं हैं। हम यहां सुसंगत, वैध नियमन के माध्यम से भरोसा कायम करने के लिए हैं।’
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जेन स्ट्रीट विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) नियमों का अनुपालन कर रही है जिसमें 10 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी वाले लाभार्थी स्वामित्व का खुलासा शामिल है। पांडेय ने कहा, ‘एफऐंडओ में उनका कारोबार इक्विटी स्वामित्व से जुड़ा नहीं है।’