ICICI vs HDFC vs Axis Bank: देश के तीन सबसे बड़े बैंक एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और एक्सिस बैंक ने जून तिमाही के नतीजे जारी कर दिए है। आंकड़े आने के बाद एनालिस्ट्स ने नतीजों और गाइडेंस की पृष्ठभूमि में अपने पसंदीदा बैंकों का चयन किया है।
हालांकि, एनालिस्ट्स को आईसीआईसीआई बैंक का वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही का बेदाग रिपोर्ट कार्ड पसंद है। लेकिन उनका मानना है कि एचडीएफसी बैंक के पास लॉन्ग टर्म में एक मजबूत फ्रेंचाइजी के रूप में उभरने की संभावनाएं हैं। जबकि एक्सिस बैंक तिमाही के दौरान सबसे कमजोर प्रदर्शन करने वाला बैंक बनकर उभरा। इससे वह एनालिस्ट्स के रडार से बाहर हो गया।
निवेश के लिहाज से एनालिस्ट्स को आईसीआईसीआई बैंक के शेयरों की लंबी अवधि में वैल्यूएशन की सीमित गुंजाइश नज़र आती है। ज़्यादातर पॉजिटिव पॉइंट पहले ही कीमत में मौजूद हैं। उनका मानना है कि इस लिहाज़ से एचडीएफसी बैंक निवेशकों के लिए एक “अवसर” वाला दांव हो सकता है।
इक्विरस सिक्योरिटीज़ के एसोसिएट डायरेक्टर रोहन मंडोरा ने कहा, “ICICI बैंक ने Q1FY26 में सबसे बेहतर प्रदर्शन किया। लेकिन हमें इसमें आगे बहुत ज़्यादा रेटिंग सुधार की गुंजाइश कम दिखती है। इसका कारण यह है कि बैंक की लगातार बेहतरी पहले से ही शेयर की कीमत में शामिल हो चुकी है। अगर कोई बड़ा रेटिंग सुधार होना है, तो उसके लिए पूरे सिस्टम में तेज़ क्रेडिट ग्रोथ ज़रूरी होगी। फिलहाल ऐसा होना आसान नहीं लगता।”
उन्होंने कहा कि एचडीएफसी बैंक मार्जिन विस्तार, परिचालन उत्तोलन और रिटर्न रेश्यो में सुधार के लिए स्पष्ट लीवर के साथ बेहतर जोखिम-इनाम प्रदान करता है।
आईसीआईसीआई बैंक का जून तिमाही में स्टैंडअलोन नेट प्रॉफिट 15.5% बढ़कर 12,768.21 करोड़ रुपये हो गया। पिछले साल की इसी तिमाही में यह आंकड़ा 11,059.11 करोड़ रुपये था। बैंक की नेट इंटरेस्ट इनकम (NII) में भी 10.6% की बढ़ोतरी हुई और यह 21,635 करोड़ रुपये रही, जो पिछले साल 19,553 करोड़ रुपये थी।
एचडीएफसी बैंक ने अप्रैल-जून 2025 तिमाही में कुल 18,155.21 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया। यह पिछले साल के मुकाबले 12.24% अधिक है। यह एक्सपर्ट्स की उम्मीदों से भी बेहतर रहा। एक्सपर्ट्स ने इस तिमाही में 17,385 करोड़ रुपये के मुनाफे की उम्मीद थी। इसके साथ ही बैंक का स्टैंडअलोन नेट इंटरेस्ट इनकम (NII) भी 5.4% बढ़कर 31,438 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
एक्सिस बैंक का 30 जून 2025 को समाप्त पहली तिमाही में मुनाफा 4% घटकर ₹5,806 करोड़ रह गया। निजी क्षेत्र के इस बैंक ने पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में ₹6,035 करोड़ का स्टैंडअलोन मुनाफा कमाया था। बैंक के मुताबिक, यह गिरावट फंसे हुए कर्ज (बैड लोन) में मामूली बढ़ोतरी के कारण हुई है।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के बैंकिंग सेक्टर विश्लेषक अनविन एबी जॉर्ज ने कहा, “तीनों बैंकों में ICICI बैंक सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाला रहा। इसने नेट लाभ, नेट इंटरेस्ट इनकम (NII) में वृद्धि और एसेट क्वालिटी में सुधार दिखाया। HDFC बैंक का प्रदर्शन मिला-जुला रहा। वहीं, Axis बैंक सबसे कमजोर रहा। इसके लाभ में गिरावट आई और एसेट क्वालिटी भी घट गई।”
क्वांटेस रिसर्च के संस्थापक और स्मॉलकेस मैनेजर कार्तिक जोनागडला ने कहा, “ICICI बैंक की लगातार ग्रोथ और मुनाफा इसे अल्पकालिक निवेश के लिए मजबूत विकल्प बनाते हैं। लेकिन HDFC बैंक का आकार और मर्जर के बाद रिकवरी पर उसका फोकस इसे निवेश के लिए एक संभावित अवसर बनाता है। खासकर मौजूदा वैल्यूएशन को देखते हुए।”
वैल्यूएशन के हिसाब से ICICI बैंक का शेयर प्राइस-टू-बुक रेश्यो 3 गुना है। जबकि HDFC बैंक का 2.6 गुना। एनालिस्ट्स का मानना है कि अगर HDFC बैंक अपनी ग्रोथ रणनीति को सही तरीके से लागू करता है, तो यह अंतर धीरे-धीरे कम हो सकता है। HDFC बैंक का प्रबंधन उम्मीद कर रहा है कि वह H2FY26 से इंडस्ट्री के बराबर लोन ग्रोथ हासिल करेगा और FY27 में उसे पीछे छोड़ देगा।
इक्विरस सिक्योरिटीज़ के रोहन मंडोरा के मुताबिक, “हमें उम्मीद है कि आने वाले दो सालों में HDFC और ICICI बैंक के रिटर्न रेशियो के बीच का अंतर घटेगा। HDFC बैंक कई ऐसे कदम उठा रहा है जो मार्जिन सुधार में मदद कर सकते हैं। इनमें लोन मिक्स में बेहतर बदलाव, महंगे कर्ज की चुकौती और जमा में CASA की हिस्सेदारी बढ़ाना शामिल है।”
उन्होंने यह भी कहा कि FY20 से FY23 के बीच HDFC बैंक ने जो आक्रामक शाखा विस्तार किया था, उसका लाभ अब मिलने लगेगा। हालांकि, उन्होंने चेतावनी भी दी कि अगर ICICI बैंक का बेहतर प्रदर्शन जारी रहा, तो वह अपना प्रीमियम वैल्यूएशन बनाए रख सकता है।