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छोटी फर्मों के सहारे 4 लाख करोड़ डॉलर के mcap श्रेणी में पहुंचे घरेलू बाजार

भारत का बाजार पूंजीकरण इस कैलेंडर वर्ष में अब तक करीब 13 प्रतिशत बढ़ा है जबकि चीन के बाजार पूंजीकरण में 5 प्रतिशत की गिरावट आई है।

Last Updated- November 23, 2023 | 10:55 PM IST
Mcap of six of top 10 firms jumps Rs 70,527.11 crore; RIL biggest gainer

शीर्ष-100 शेयरों से इतर कंपनियों के ऊंचे मूल्यांकन ने घरेलू बाजारों को 4 लाख करोड़ डॉलर के बाजार पूंजीकरण श्रेणी में पहुंचा दिया है। इस समय इस क्लब (4 लाख करोड़ डॉलर के बाजार पूंजीकरण) में सिर्फ तीन ही देश शामिल हैं।

गुरुवार को बीएसई पर सूचीबद्ध सभी शेयरों का बाजार पूंजीकरण 328.33 लाख करोड़ रुपये की नई ऊंचाई पर पहुंच गया। हालांकि प्रमुख सूचकांक नुकसान में बंद हुए। बाजार पूंजीकरण को मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों की तेजी से मदद मिली। इन दोनों सेगमेंट में इस साल भी तेजी बनी रही। शीर्ष-100 को छोड़ दें तो बाकी शेयरों का देश के बाजार पूंजीकरण में 40 प्रतिशत योगदान है जो इस वित्त वर्ष के शुरू में 35 प्रतिशत था।

1 अप्रैल के बाद से भारत का बाजार पूंजीकरण 27 प्रतिशत बढ़ा है। इस बीच शीर्ष-100 कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 17 प्रतिशत बढ़कर 195 लाख करोड़ रुपये हो गया है जबकि शीर्ष-100 से नीचे की कंपनियों का बाजार मूल्य 46 प्रतिशत चढ़कर 133 लाख करोड़ रुपये हो गया। इस समय सेंसेक्स 15 सितंबर के अपने ऊंचे स्तर से करीब 2.7 प्रतिशत नीचे है जबकि मिडकैप और स्मॉलकैप ने अक्टूबर में हुए अपने नुकसान की भरपाई की है।

ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के अनुसार भारत का बाजार पूंजीकरण इस कैलेंडर वर्ष में अब तक करीब 13 प्रतिशत बढ़ा है जबकि चीन के बाजार पूंजीकरण में 5 प्रतिशत की गिरावट आई है।

अमेरिका शीर्ष-10 बाजार पूंजीकरण क्लब में अकेला ऐसा बाजार है जो भारत की तुलना में तेजी (16 प्रतिशत) से बढ़ा है। दुनिया भर के सभी शेयर बाजारों का पूंजीकरण इस साल 9 प्रतिशत बढ़कर 106 लाख करोड़ डॉलर हो गया है।

मॉर्गन स्टैनली इंडिया के प्रबंध निदेशक एवं शोध प्रमुख रिदम देसाई का कहना है, ‘वैश्विक इक्विटी के साथ भारत के प्रतिफल का संबंध लगातार घट रहा है और पहले के मुकाबले इसमें कमी आई है। वैश्विक पूंजीकरण के लिहाज से भारत बड़ा शेयर बाजार है और इसे वैश्विक इक्विटी बाजार के रुझानों से पूरी तरह अलग नहीं किया जा सकता।’

विश्लेषकों का कहना है कि 4 लाख करोड़ डॉलर बाजार पूंजीकरण से एशिया और उभरते बाजार क्षेत्र में भारत की छवि और मजबूत होगी।

विश्लेषकों के अनुसार भारत की मजबूत आय, वृहद हालात और घरेलू प्रवाह ने इसे दूसरों से अलग बाजार बना दिया है। हाल के सप्ताहों में करीब आधा दर्जन विदेशी ब्रोकरों ने उभरते बाजारों और एशिया प्रशांत क्षेत्र में भारत के लिए ज्यादा निवेश आवंटन का सुझाव दिया है, भले ही इसका मूल्यांकन उसके प्रतिस्पर्धियों की तुलना में महंगा बना हुआ है।

भारत इस क्षेत्र में मजबूत ढांचागत विकास संभावनाओं वाला देश है। हमें विश्वास है कि जीडीपी वृद्धि 2024 में सालाना आधार पर 6.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

गोल्डमैन सैक्स में एपीएसी इक्विटी स्ट्रैटजिस्ट सुनील कौल का कहना है, ‘लंबी अवधि तक ऊंची दरों की संभावना, डॉलर में लगातार मजबूती, चीन की कम वृद्धि और भू-राजनीतिक अनिश्चितता बाजार में अस्थिरता बढ़ा सकती है और भारत इन बाहरी झटकों के प्रति अपेक्षाकृत कम संवेदनशील है।’

इस महीने के शुरू में इस अमेरिकी ब्रोकरेज फर्म ने भारतीय बाजारों पर अपना नजरिया बदलकर ओवरवेट किया है।

First Published - November 23, 2023 | 10:55 PM IST

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