Closing Bell: सप्ताह के अंतिम दिन आज शेयर बाजार में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला। हालांकि, अंत में निफ्टी 50 और सेंसेक्स दोनों ही हल्की गिरावट के साथ बंद हुए। निफ्टी 42.30 अंक यानी 0.17 फीसदी नीचे 25,019.80 पर बंद हुआ। अच्छी बात यह रही कि निफ्टी 25,000 के बड़े लेवल के पार रहने में कामयाब रहा। सेंसेक्स भी 200.15 अंक यानी 0.24 फीसदी की गिरावट के साथ 82,330.59 पर बंद हुआ। मगर इन सबके बीच मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों ने कमाल कर दिया। निफ्टी मिडकैप 100 में 1 फीसदी और स्मॉलकैप में करीब 2 फीसदी की तेजी देखने को मिली।
सेक्टर की बात करें तो रियल्टी और मीडिया शेयरों ने 1.6 फीसदी की उछाल के साथ सबका ध्यान खींचा। उधर, आईटी और फार्मा सेक्टर में थोड़ी मायूसी रही। रक्षा क्षेत्र के शेयर तो जैसे उड़ान भर रहे हैं। आज लगातार छठे दिन इनमें तेजी देखी गई। कोचीन शिपयार्ड, मझगांव डॉक और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) जैसे शेयरों ने जबरदस्त प्रदर्शन किया। निफ्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स ने 52 हफ्तों का नया रिकॉर्ड बनाया और 9 मई से अब तक 20 फीसदी की छलांग लगा चुका है। ये तेजी सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ और रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने की वजह से है।
वैश्विक निवेशकों का भरोसा भी भारत पर बढ़ता दिख रहा है। पिछले कुछ महीनों में 25 अरब डॉलर से ज्यादा की बिकवाली के बाद, इस तिमाही में 2.5 अरब डॉलर से ज्यादा का पैसा भारतीय शेयरों में आ चुका है। फ्रैंकलिन टेम्पलटन और फेडरेटेड हर्मीस जैसे बड़े फंड मैनेजर भारत को एशिया में सबसे बेहतर दांव मान रहे हैं। बोफा सिक्योरिटीज के सर्वे में भी भारत टॉप पर है। निवेशक मान रहे हैं कि ट्रम्प की ट्रेड वॉर में भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत स्थिति में रहेगी। निफ्टी, जो अप्रैल में काफी नीचे चला गया था, अब अपने सितंबर के पीक से सिर्फ 5 फीसदी पीछे है। भारत-पाक तनाव और ट्रेड वॉर की चिंताओं के बावजूद बाजार ने हिम्मत दिखाई है। बाजार के जानकारों का कहना है कि कॉरपोरेट डील्स और सरकार की नीतियों ने निवेशकों का हौसला बढ़ाया है। कुल मिलाकर, बाजार में सुस्ती के बावजूद कुछ सेक्टर और शेयरों ने उम्मीद की किरण दिखाई।