वैश्विक स्तर पर गिरावट के बावजूद घरेलू शेयर बाजारों में मंगलवार को तेजी रही और बीएसई सेंसेक्स 377 अंक मजबूत हुआ। कोटक महिंद्रा बैंक के बेहतर तिमाही परिणाम के बाद उसके शेयर में जोरदार लिवाली का बाजार पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा। कारोबारियों के अनुसार एमएससीआई (मॉर्गन स्टेनले कैपिटल इंटरनैशनल) के बयान से निवेशकों की धारणा पर सकारात्मक असर पड़ा। उसने कहा है कि वह अपने वैश्विक सूचकांकों में बदलाव करेगा, जिससे शेयरों के लिए देश की विदेशी मालिकाना हक की सीमा में बदलाव प्रतिबिंबित हो। इससे भारतीय शेयरों में एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशकों) का प्रवाह बढऩे की उम्मीद है।
तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 376.60 अंक यानी 0.94 फीसदी की बढ़त के साथ 40,522.10 अंक पर बंद हुआ। इसी प्रकार, नैशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 121.65 अंक या 1.03 फीसदी मजबूत होकर 11,889.40 अंक पर पहुंच गया। सेंसेक्स के शेयरों में कोटक महिंद्रा बैंक में जोरदार तेजी आई। बैंक का जुलाई-सितंबर तिमाही में एकीकृत शुद्ध लाभ 22 फीसदी उछलकर 2,947 करोड़ रुपये रहने के बाद उसका शेयर करीब 12 फीसदी उछला। बैंक ने इंडसइंड बैंक के विलय को लेकर अटकलों को खारिज नहीं किया है। निजी क्षेत्र के बैंक ने कहा कि हाल में जुटाए गए 7,000 करोड़ रुपये का उपयोग अधिग्रहण समेत अन्य कार्यों में सोच-समझकर किया जाएगा।
लाभ में रहने वाले अन्य प्रमुख शेयरों में नेस्ले इंडिया, एशियन पेंट्स, बजाज फाइनैंस, एनटीपीसी, एलऐंडटी, ऐक्सिस बैंक और बजाज ऑटो शामिल हैं। दूसरी तरफ जिन प्रमुख शेयरों में गिरावट दर्ज की गई, उनमें टीसीएस, ओएनजीसी, इन्फोसिस, एचडीएफसी और एसबीआई शामिल हैं। इनमें 2.09 फीसदी तक की गिरावट आई। जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, एमएससीआई रिपोर्ट के आधार पर निवेश सीमा बढ़ाकर भारत में एफआईआई प्रवाह बढऩे के अनुमान से वैश्विक बाजारों के कमजोर रुख के बावजूद घरेलू बाजार का प्रदर्शन अच्छा रहा। पश्चिमी देशों में कोरोनावायरस संक्रमण फैलने को लेकर चिंता को देखते हुए तेजी की प्रवृत्ति बने रहने की संभावना कम है। कोरोनावायरस फैलने और उसे रोकने के लिए कुछ पश्चिमी देशों में लॉकडाउन से वैश्विक बाजारों पर नकारात्मक असर पड़ा।
उन्होंने कहा, आने वाले दिनाों में भारतीय बाजार में उतार-चढ़ाव की आशंका है। इसका कारण अमेरिका में चुनाव की तारीख नजदीक आना है। इसके अलावा कोविड-19 संक्रमण के बढ़ते मामलों के कारण आर्थिक पाबंदियां लगाया जाना है। एशिया के अन्य बाजारों में ज्यादातर में गिरावट दर्ज की गई। इसका मुख्य कारण सोमवार वॉलस्ट्रीट में आई गिरावट है। हॉन्गकॉन्ग, सियोल और तोक्यो बाजार गिरावट के साथ बंद हुए। हालांकि चीन के शांघाई में तेजी रही। यूरोप के प्रमुख बाजारों में भी शुरुआती कारोबार में गिरावट का रुख रहा। इसका प्रमुख कारण कोविड-19 संक्रमण के बढ़ते मामलों के कारण स्पेन और इटली जैसे देशों में आर्थिक गतिविधियों पर फिर से पाबंदी लगाया जाना है। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.76 फीसदी की बढ़त के साथ 41.12 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था।
