पूंजी बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने वैकल्पिक निवेश कोष (AIF) नियमों के कई उल्लंघनों के चलते भारत एसेट ग्रोथ फंड (IAGF), उसके प्रबंधक एस्सेल फाइनेंस एडवाइजर्स एंड मैनेजर्स (EFAM), ट्रस्टी विस्त्रा आईटीसीएल (इंडिया) समेत छह संस्थाओं पर कुल ₹29 लाख का जुर्माना लगाया है।
SEBI ने किस-किस पर कितना लगाया जुर्माना?
- ₹11 लाख का जुर्माना India Asset Growth Fund (IAGF) पर
- ₹10 लाख का जुर्माना अर्पण सरकार और जयकिशन किकाणी पर (संयुक्त और व्यक्तिगत रूप से)
- ₹6 लाख का जुर्माना Vistra ITCL (India) पर
- ₹2 लाख का जुर्माना Essel Finance Advisors and Managers (EFAM) और इसके सीईओ विश्णु प्रकाश राठौर पर (संयुक्त और व्यक्तिगत रूप से)
39 पन्नों के आदेश में सेबी ने बताया कि अप्रैल 2021 से मार्च 2022 के निरीक्षण अवधि के दौरान इन संस्थाओं द्वारा नियमों के अनुपालन में गंभीर लापरवाहियाँ की गईं।
यह भी पढ़ें…Dividend Stocks: मुनाफा देने में मिडकैप शेयर भी आगे – ये हैं वो टॉप 15 स्टॉक्स, जिससे निवेशकों को हुई मोटी कमाई
क्या थी गलतियां जिन पर लगाया SEBI ने जुर्माना
- IAGF ने अपने प्लेसमेंट मेमोरेंडम (PPM) में अपने प्रायोजक, प्रबंधक, ट्रस्टी और प्रमुख अधिकारियों के विरुद्ध की गई अनुशासनात्मक कार्रवाइयों व मुकदमों का विवरण नहीं दिया, जबकि नियमों के अनुसार यह अनिवार्य था।
- बाद में नियंत्रण में बदलाव की अर्जी के साथ संशोधित PPM तो दाखिल किया गया, परंतु उसे न तो सेबी की स्वीकृति मिली, न ही निवेशकों को भेजा गया, जिससे AIF के डिस्क्लोजर फ्रेमवर्क का उल्लंघन हुआ।
- मूल्यांकन रिपोर्ट फंड द्वारा आधारभूत संपत्तियों पर आधारित दी गई, न कि उनके पास मौजूद सिक्योरिटीज के आधार पर।
- FIU-IND के साथ देर से पंजीकरण,
- निवेशक चार्टर और डिस्ट्रीब्यूशन वॉटरफॉल की जानकारी न देना,
- PPM ऑडिट रिपोर्ट में 10 दिनों की देरी,
- एक निवेशक शिकायत का उत्तर देने में 30 दिन की सीमा से अधिक समय (एक महीने से ज़्यादा) लगाना।
हालाँकि फंड ने जनवरी 2024 तक अपना विंडिंग-अप प्रोसेस पूरा कर लिया और निवेशकों को राशि वितरित कर दी, लेकिन सेबी ने स्पष्ट किया कि नियमों का उल्लंघन गंभीर और भ्रामक था।
सेबी ने यह भी कहा कि EFAM, जो कि IAGF का प्रबंधक है, इन सभी अनियमितताओं का उत्तरदायी है। साथ ही राठौर, सरकार और किकाणी को फंड के प्रमुख प्रबंधन कर्मी मानते हुए कहा कि वे AIF आचार संहिता के अनुरूप कार्य करने में विफल रहे, अतः आरोप सिद्ध होते हैं।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
First Published - June 22, 2025 | 6:01 PM IST
संबंधित पोस्ट