facebookmetapixel
MSME को बड़ी राहत: RBI ने सस्ते कर्ज के लिए बदले नियम, ब्याज अब हर 3 महीने पर रीसेट होगानील मोहन से बिल गेट्स तक, टेक दुनिया के बॉस भी नहीं चाहते अपने बच्चे डिजिटल जाल में फंसेगोवा नाइटक्लब हादसे के बाद EPFO की लापरवाही उजागर, कर्मचारियों का PF क्लेम मुश्किल मेंSwiggy ने QIP के जरिए जुटाए ₹10,000 करोड़, ग्लोबल और घरेलू निवेशकों का मिला जबरदस्त रिस्पांससिडनी के बॉन्डी बीच पर यहूदी समारोह के पास गोलीबारी, कम से कम 10 लोगों की मौतऑटो इंडस्ट्री का नया फॉर्मूला: नई कारें कम, फेसलिफ्ट ज्यादा; 2026 में बदलेगा भारत का व्हीकल मार्केटDelhi Pollution: दिल्ली-NCR में खतरनाक प्रदूषण, CAQM ने आउटडोर खेलों पर लगाया रोकशेयर बाजार में इस हफ्ते क्यों मचेगी उथल-पुथल? WPI, विदेशी निवेशक और ग्लोबल संकेत तय करेंगे चालFPI की निकासी जारी, दिसंबर के 12 दिनों में ही ₹18 हजार करोड़ उड़ गएसस्ता टिकट या बड़ा धोखा? हर्ष गोयनका की कहानी ने खोल दी एयरलाइंस की पोल

प्रोत्साहन पैकेज के नियम पर सेबी ने एम्फी को लिखा पत्र

Last Updated- December 12, 2022 | 12:52 AM IST

बाजार नियामक सेबी ने म्युचुअल फंड उद्योग निकाय एम्फी को पत्र लिखकर प्रोत्साहन पैकेज के नियमों पर और चीजें और स्पष्ट कर दी है। पत्र में कहा गया है, डेट रिसर्च एनालिस्टों को डेट व हाइब्रिड योजनाओं की यूनिट दी जा सकती है, वहीं इक्विटी रिसर्च एनालिस्ट को इक्विटी व हाइब्रिड योजनाओं की यूनिट दी जा सकती है।
इसमें कहा गया है, एकबारगी का भुगतान मसलन बोनस, अनुलाभ (जो मासिक वेतन का हिस्सा नहीं है) को भी कॉस्ट टु कंपनी का हिस्सा माना जा जाएगा।
प्रोत्साहन पैकेज का नया ढांचा एमएफ अधिकारियों के हित को अपने यूनिटधारकोंं से जोडऩे के लिए बनाया गया है, जो 1 अक्टूबर से प्रभावी होगा। सोमवार को सेबी ने प्रोत्साहन पैकेज वाले परिपत्र मेंं बदलाव करते हुए फंड हाउस को प्रमुख कर्मियों को सीटीसी का 20 फीसदी एमएफ यूनिट के तौर पर देने को कहा था, जो तीन साल के लिए लॉक होगा।
उद्योग की कंपनियोंं ने कहा कि राहत की उनकी मांग पूरी नहीं हुई। एक अग्रणी फंड हाउस के वरिष्ठ प्रबंध निदेशक ने कहा, उद्योग ने जो चिंता सामने रखी थी, उसका जवाब नियामक ने नहीं दिया। हम इसमें कवर होने वाले कर्मचारी के दायरे पर कुछ छूट चाहते हैंं, लेकिन इसका समाधान नहीं किया गया। ये बदलाव स्थिति को और जटिल बनाएंगे, खास तौर से छोटे व मझोले फंड हाउस के लिए।
बाजार नियामक सेबी ने मूल परिपत्र में लिखे प्रमुख कर्मचारियों की जगह डेजिग्नेटेड एम्पलॉयी का इस्तेमाल किया है। पहले सेबी ने एक सूची जारी की थी कि कौन से कर्मी प्रमुख माने जाएंगे, जिस पर उद्योग की सिखायत थी कि इसमें स्टाफर को भी शामिल किया गया है, जिसका फंडों के प्रबंधन से कोई वास्ता नहीं है।
अधिकारियों ने कहा कि आने वाले समय में उद्योग प्रतिभाओं को आकर्षित करने में चुनौतियों का सामना करेगा क्योंंकि उनके कर्मियों का टेक होम वेतन घट जाएगा। उन्होंने कहा कि तीन साल की लॉक इन अवधि के बाद निवेश निकासी के नियम भ्रामक हैं और इसमें और स्पष्टता की दरकार होगी।
पहले सेबी ने कहा था कि सभी गैर-नकद लाभ व अनुलाभ को 20 फीसदी के आंकड़े तक पहुंचने के लिए सीटीसी में शामिल किया जाना चाहिए। हालांकि नियामक ने स्पष्ट किया है कि सुपरएनुएशन के लाभ व ग्रैच्युटी को इस बाबत सीटीसी में शामिल नहीं किया जाएगा।

First Published - September 21, 2021 | 8:56 PM IST

संबंधित पोस्ट