लिस्टेड कंपनियों के लिए अनुपालन बोझ कई गुना बढ़ सकता है, क्योंकि प्रमुख घटनाक्रम और सूचनाओं के खुलासे से जुड़ी नई खुलासा व्यवस्था 15 जुलाई से लागू होगी।
नए खुलासा मानकों में कई तरह की गतिविधियां शामिल होंगी। इनमें घरेलू व्यवस्था, धोखाधड़ी, मीडिया कंपनियों के साथ समझौतों, प्रमोटर समूहों में समझौतों, रेटिंग संशोधन का खुलासा मुख्य रूप से शामिल है।
सेबी के बोर्ड ने मार्च में लिस्टिंग ऑब्लाइगेशंस ऐंड डिस्क्लोजर रिक्वायरमेंट्स (LODR) रेग्युलेशंस में बदलाव को मंजूरी दी थी। सेबी द्वारा जारी नए सर्कुलर में खुलासों तथा अन्य परिचालन मानकों के लिए समय-सीमा की जानकारी दी गई है।
उदाहरण के लिए, यदि कोई लिस्टेड कंपनी या उसकी सहायक इकाई कोई पारिवारिक समझौता या मीडिया कंपनियों के साथ भागीदारी करती है तो कंपनी को संबद्ध पक्षों (जिनके साथ समझौते किए जा रहे हैं) के नाम, समझौते करने का उद्देश्य और शेयरधारिता में बदलाव (यदि हो, तो) जैसे विवरण साझा करने होंगे। सेबी ने कहा है कि कंपनियों को 12 घंटे के अंदर ऐसे खुलासे करने होंगे।
सेबी द्वारा कई खुलासों के लिए यह समय-सीमा 12 से 24 घंटे के बीच है। सेबी ने कहा है कि नए ढांचे का मकसद ज्यादा पारदर्शिता लाना और समय पर खुलासे सुनिश्चित करना है।