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SEBI की 12 सितंबर को बोर्ड मीटिंग: म्युचुअल फंड, IPO, FPIs और AIFs में बड़े सुधार की तैयारी!

SEBI board meeting: यह बैठक चालू वित्त वर्ष की दूसरी और चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय के नेतृत्व में तीसरी बैठक होगी। पांडेय ने पहले भी “उचित नियमन” पर लगातार जोर दिया है।

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खुशबू तिवारी   
Last Updated- September 07, 2025 | 5:08 PM IST

SEBI board meeting: भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) 12 सितंबर को अपनी आगामी बोर्ड मीटिंग में कई महत्वपूर्ण सुधार उपायों को मंजूरी दे सकता है। सूत्रों के अनुसार, इन प्रस्तावों में म्युचुअल फंड को नॉन-कोर बिजनेस में निवेश की अनुमति, बड़े IPOs के लिए डिल्यूशन नियमों में ढील, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) के लिए नियमों को सरल बनाना और मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशन (MIIs) में गवर्नेंस मजबूत करने के उपाय शामिल हैं। यह बैठक चालू वित्त वर्ष की दूसरी और चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय के नेतृत्व में तीसरी बैठक होगी। पांडेय ने पहले भी “उचित नियमन” पर लगातार जोर दिया है।

MFs से जुड़े इन नियमों में बदलाव की उम्मीद

म्युचुअल फंड्स के लिए, सेबी रेगुलेशन 24B के तहत प्रतिबंधों में ढील देने पर विचार कर रहा है। एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMCs) को विदेशी संस्थाओं द्वारा उपयोग किए जाने वाले निवेश मार्ग की परवाह किए बिना पूल्ड नॉन-ब्रॉड-बेस्ड फंड्स को मैनेजमेंट और एडवाइजरी सेवाएं देने की अनुमति दी जा सकती है। इस कदम से फैमिली ऑफिस फंड्स के मैनेजमेंट और ग्लोबल फंड्स के डिस्ट्रीब्यूशन का रास्ता खुलने की संभावना है। इसके अलावा, म्युचुअल फंड स्कीम के वर्गीकरण की समीक्षा भी संभावित है।

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बड़े IPOs लाने वाली कंपनियों को फायदा

IPO के मामले में, बाजार नियामक बड़े इश्यू के लिए डिल्यूशन लेवल कम करने और 25% मिनिमम पब्लिक शेयरहोल्डिंग (MPS) की आवश्यकता पूरी करने के लिए समय सीमा बढ़ाने की अनुमति दे सकता है। ये रियायतें बड़े आईपीओ लाने वाली कंपनियों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। उदाहरण के लिए  रिलायंस जियो इन्फोकॉम, जिसने हाल ही में IPO पर चर्चा शुरू कर दी है। ये प्रस्ताव सेबी की वित्त मंत्रालय को पहले दी गई सिफारिशों के बाद आए हैं, जिनमें सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट्स (रेगुलेशन) रूल्स (SCRR) में संशोधन करने की सिफारिश शामिल थी।

मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशन (MIIs) की गवर्नेंस को मजबूत करने के उपाय भी उठाए जाएंगे, जिसमें कार्यकारी निदेशकों की नियुक्ति और भूमिकाओं व जिम्मेदारियों का स्पष्ट विभाजन शामिल है। कुछ संशोधन स्टेकहोल्डर्स की चिंताओं के बाद किए जाने की संभावना है।

SWAGAT-FI को मंजूरी मिलने की संभावना

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) के लिए, सेबी एक सिंगल-विंडो सिस्टम — SWAGAT-FI — को मंजूरी दे सकता है, जो कम जोखिम वाली कैटेगरी जैसे कि सॉवरेन फंड, सरकारी संस्थाएं और रेगुलेटेड पब्लिक फंड के लिए बनाया गया है। यह सिस्टम कागजी कार्रवाई, लागत और अनुपालन बोझ को कम करेगा। इसके अलावा सेबी भारतीय निवासी गैर-व्यक्तियों (resident Indian non-individuals) द्वारा स्पॉन्सर रिटेल स्कीमों को FPI के रूप में रजिस्टर करने की अनुमति भी दे सकता है। यह स्कीमें गिफ्ट सिटी (GIFT City) में आधारित हैं।

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अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड (AIF) के मामले में, लार्ज वैल्यू फंड्स में मान्यता प्राप्त निवेशकों के लिए लचीलापन देने और ऐसे निवेशकों के लिए स्पेशल AIF कैटेगरी बनाने पर विचार किया जा रहा है।

खबर लिखे जाने तक सेबी को भेजे गए ईमेल सवालों का कोई जवाब नहीं मिला।

First Published : September 7, 2025 | 4:55 PM IST