भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने बुधवार को विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) के लिए एक नई प्रणाली लागू की है, जिसके तहत उन्हें अपनी बिक्री की राशि अब तेजी से मिलेगी। पहले, कई निवेशकों को T+1 सेटलमेंट डेट के बाद भी रकम मिलने में देरी का सामना करना पड़ता था। यह देरी टैक्स क्लियरेंस प्रक्रिया के कारण होती थी, जो पुराने सिस्टम के तहत नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए की जाती थी।
सेबी ने एक प्रेस रिलीज़ में कहा, “9 सितंबर 2024 से लागू नए सिस्टम के तहत, ‘T’ दिन पर FPI बिक्री ट्रेड्स के लिए टैक्स सर्टिफिकेट टैक्स कंसल्टेंट्स द्वारा ‘T+1’ दिन की सुबह 9:00 बजे तक जारी किया जाता है। इससे FPI निवेशकों को उसी ‘T+1’ दिन बिक्री की रकम एक्सेस करने का मौका मिलता है, चाहे वे उसे रिपैट्रिएशन के लिए इस्तेमाल करें या फिर दोबारा निवेश के लिए।”
बाज़ार नियामक ने अनुमान लगाया है कि नई प्रक्रिया से हर साल करीब ₹2,000 करोड़ का फायदा होगा। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) को कुछ नियमों का पालन न करने पर शो-कॉज़ नोटिस भेजा है। यह नोटिस 11 अक्टूबर को भेजा गया, जो 2023-24 के वित्तीय साल में हुई कंपनी की जांच के आधार पर है।
15 अक्टूबर को एनएसडीएल (NSDL) द्वारा दिए गए खुलासे में कहा गया है कि वह शो-कॉज नोटिस का उचित जवाब दाखिल करेगा। हालांकि, कंपनी ने यह भी जोड़ा कि इस नोटिस का उसके फाइनेंशियल, ऑपरेशनल या अन्य गतिविधियों पर कोई असर नहीं पड़ा है।
भारत की सबसे बड़ी डिपॉजिटरी एनएसडीएल (NSDL) अपने शुरुआती सार्वजनिक निर्गम (IPO) की तैयारी कर रही है, जिसमें मौजूदा शेयरधारक – नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE), IDBI बैंक, HDFC बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, भारतीय स्टेट बैंक (SBI), और भारत सरकार (SUUTI) – अपनी हिस्सेदारी घटाएंगे।
यह शेयर बिक्री सेबी के उस निर्देश का पालन करने के लिए भी की जा रही है, जिसमें किसी भी एकल संस्था की हिस्सेदारी 15 प्रतिशत तक सीमित रखने का प्रावधान है।
सेबी ने 30 सितंबर को NSDL के IPO के ड्राफ्ट डॉक्युमेंट्स पर अंतिम टिप्पणियां जारी कीं। ये ड्राफ्ट दस्तावेज जुलाई 2023 में फाइल किए गए थे।
NSDL का ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) पिछले साल अगस्त से दिसंबर के बीच रोक दिया गया था, जिससे अंतिम मंजूरी में देरी हुई। फिलहाल, NSE के पास NSDL में 24 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि IDBI सबसे बड़ा शेयरधारक है, जिसकी 26 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
डेनिश पावर का 198 करोड़ रुपये का IPO, SME सेगमेंट में अब तक का सबसे बड़ा
डेनिश पावर का 198 करोड़ रुपये का इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO), जो SME सेगमेंट में अब तक का सबसे बड़ा है, 22 अक्टूबर को ओपन होगा।
कंपनी ने अपने शेयर का प्राइस बैंड 360 रुपये से 380 रुपये प्रति शेयर रखा है। यह IPO पूरी तरह से नया फंड जुटाने के लिए है। कंपनी इस फंड का इस्तेमाल वर्किंग कैपिटल और कैपिटल एक्सपेंडिचर की जरूरतों को पूरा करने और कर्ज चुकाने के लिए करेगी। डैनिश पावर विभिन्न प्रकार के ट्रांसफार्मर का निर्माण करती है, जिसमें इन्वर्टर ड्यूटी ट्रांसफार्मर शामिल हैं, जो रिन्यूएबल पावर प्रोजेक्ट्स जैसे सोलर पावर प्लांट्स और विंड फार्म्स में इस्तेमाल होते हैं।
सेबी ने किया ऐलान: अब FPIs को तेजी से मिलेंगे बिक्री के पैसे
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने बुधवार को घोषणा की है कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) को अब बिक्री के पैसे तेजी से मिलेंगे। पहले कई निवेशक T+1 सेटलमेंट डेट के बाद भी भुगतान में देरी की शिकायत कर रहे थे। इस देरी का कारण टैक्स क्लियरेंस की प्रक्रिया थी, जो पुराने सिस्टम के तहत ज्यादा समय लेती थी। सेबी ने अब इस प्रक्रिया को सरल बनाते हुए निवेशकों को तेज़ी से भुगतान का रास्ता साफ कर दिया है।