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SEBI उठाने जा रही बड़ा कदम: डुप्लीकेट शेयर सर्टिफिकेट पाना होगा आसान, कागजी झंझट से मिलेगा छुटकारा

सभी डुप्लीकेट सर्टिफिकेट डिमैट फॉर्म में ही जारी किए जाएंगे, जो पूरी तरह से डिमैटेरियलाइजेशन की दिशा में एक बड़ा कदम है

Last Updated- November 25, 2025 | 6:49 PM IST
SEBI

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने मंगलवार को निवेशकों के लिए डुप्लीकेट सिक्योरिटी सर्टिफिकेट जारी करने की प्रक्रिया आसान बनाने का प्रस्ताव दिया है। इसका उद्देश्य निवेशकों के लिए कागजी कार्यवाही (कॉम्प्लायंस) का बोझ कम करना और दस्तावेजों की प्रक्रिया को एकरूप बनाना है।

डुप्लीकेट सर्टिफिकेट के लिए अभी क्या है नियम?

मौजूदा नियमों के तहत, निवेशकों को डुप्लीकेट सर्टिफिकेट पाने के लिए कई कदम उठाने पड़ते हैं:

  • एफआईआर या पुलिस शिकायत दर्ज करनी होती है।
  • अखबार में विज्ञापन छपवाना होता है।
  • अलग से हलफनामा (affidavit) और क्षतिपूर्ति बांड (indemnity bond) जमा करना होता है।

यह छूट केवल तब मिलती है जब खोए हुए सिक्योरिटीज की कीमत 5 लाख रुपये से कम हो।

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क्या है बदलाव की वजह?

सेबी ने कहा है कि अलग-अलग रजिस्ट्रार और कंपनियों के अलग-अलग नियमों की वजह से निवेशकों को दिक्कत होती है।

इस समस्या को कम करने के लिए नियामक ने प्रस्ताव दिया है कि सिंपलीफाइड डॉक्यूमेंटेशन की सीमा 5 लाख रुपए से बढ़ाकर 10 लाख रुपए कर दी जाए। सेबी का कहना है कि पिछले कुछ सालों में मार्केट कैपिटलाइजेशन, निवेशकों की संख्या और पोर्टफोलियो वैल्यू काफी बढ़ी है, इसलिए यह बदलाव जरूरी है।

नए नियमों के बाद निवेशकों को क्या करना होगा?

10 लाख रुपये तक के मामलों में, निवेशकों को अब सिर्फ एक ही दस्तावेज — एकल हलफनामा-cum-इंडेम्निटी बॉन्ड — जमा करना होगा। यह मौजूदा प्रक्रिया को बदल देगा, जिसमें दो अलग-अलग स्टाम्पड दस्तावेज जमा करने पड़ते थे।

10 लाख रुपये से ज्यादा कीमत वाली प्रतिभूतियों के लिए, सेबी ने प्रस्ताव दिया है कि निवेशकों को अब भी एफआईआर या उसके बराबर शिकायत दर्ज करानी होगी।

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डिमैट फॉर्म में जारी होंगे डुप्लीकेट सर्टिफिकेट

सेबी ने कहा कि इन कदमों से प्रक्रिया आसान होगी, निवेशकों का खर्च कम होगा, और जिन लोगों के पास फिजिकल फॉर्म में सिक्योरिटीज हैं, उनके अधिकारों की रक्षा करने में मदद मिलेगी।

सभी डुप्लीकेट सर्टिफिकेट डिमैट फॉर्म में ही जारी किए जाएंगे, जो पूरी तरह से डिमैटेरियलाइजेशन की दिशा में एक बड़ा कदम है।

First Published - November 25, 2025 | 6:46 PM IST

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