अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में वर्ष के अंतिम कारोबारी सत्र में अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया शुक्रवार को 14 पैसे की मजबूती के साथ 82.73 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ। अमेरिकी डॉलर के अपने उच्चतम स्तर से नीचे आने तथा निवेशकों में जोखिम वाली संपत्ति में निवेश के लिये धारणा मजबूत होने से रुपये में मजबूती आई। हालांकि, पूरे साल में डॉलर के मुकाबले रुपये में 8.44 रुपये यानी 11.36 प्रतिशत की गिरावट आई है।
इसका मुख्य कारण अन्य प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर का मजबूत होना है। बाजार सूत्रों ने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व के बढ़ती मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिये आक्रामक रूप से ब्याज दरों में की गई वृद्धि से विदेशी बाजारों में डॉलर मजबूत हुआ। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 82.77 के स्तर पर खुला और कारोबार के अंत में यह 14 पैसे की मजबूती के साथ 82.73 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान रुपये ने 82.70 के उच्चस्तर और 82.82 के निचले स्तर को छुआ।
पिछले कारोबारी सत्र में रुपया 82.87 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। उल्लेखनीय है कि 31 दिसंबर 2021 को डॉलर के मुकाबले रुपया 74.29 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। बीएनपी पारिबा बाय शेयरखान में अनुसंधान विश्लेषक अनुज चौधरी के अनुसार, अमेरिकी डॉलर के कमजोर होने तथा वैश्विक बाजारों में जोखिम धारणा में सुधार के कारण शुक्रवार को रुपए में तेजी आई।
हालांकि, कच्चे तेल की कीमतों में तेजी और विदेशी निवेशकों की सतत बिकवाली से रुपये पर दबाव रहा। इस बीच, दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर की कमजोरी या मजबूती को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.02 प्रतिशत बढ़कर 103.85 हो गया। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.53 प्रतिशत घटकर 83.02 डॉलर प्रति बैरल रह गया। बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 293.14 अंक घटकर 60,840.74 अंक पर बंद हुआ। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे और उन्होंने गुरुवार को 572.78 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।