डॉलर के मुकाबले रुपये में लगातार तीसरे दिन उछाल दर्ज हुई, जो सोमवार को अब तक के सबसे निचले स्तर को छू गया था। रुपये में इसलिए बढ़ोतरी हुई क्योंकि अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतें उच्च स्तर से नीचे आईं क्योंंकि ओपेक सदस्य यूएई ने उत्पादन में बढ़ोतरी का समर्थन किया, जिससे रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण आपूर्ति में हुए अवरोध को लेकर थोड़ी राहत मिली।
भारतीय मुद्रा गुरुवार को डॉलर के मुकाबले 0.34 फीसदी चढ़ा और 76.31 पर बंद हुआ, जो एक दिन पहले 76.56 पर बंद हुआ था।
मैकलाई फाइनैंशियल ने कहा, डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 76.27 पर खुला, जो पिछले बंद भाव से 29 पैसे मजबूत है क्योंंकि रूस व यूक्रेन के बीच सकारात्मक बातचीत हुई। ड़ॉलर इंडेक्स भी हालिया सर्वोच्च स्तर 99.42 से करीब एक फीसदी टूटा और 98.12 के स्तर पर आ गया।
कोटक सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष ए बनर्जी ने कहा, डॉलर-रुपये का हाजिर भाव 25 पैसे घटकर 76.30 पर बंद हुआ, जिसकी वजह तेल की कीमतोंं में नरमी और विधानसभा चुनावों में भाजपा के मजबूत प्रदर्शन के चलते अवधारणा मेंं हुआ सुधार है।
सोमवार को अब तक के निचले स्तर 76.97 को छूने के बाद रुपया करीब 0.9 फीसदी चढ़ा है। डीलरों ने कहा कि सरकारी बैंकों ने केंद्रीय बैंंक के बदले डॉलर की बिकवाली की ताकि रुपये को 77 का स्तर छूने से संरक्षित किया जा सके।