साल 2024 में राइट्स इश्यू एक बार फिर पटरी पर लौटता दिखा क्योंकि इसके लेनदेन के आकार में इजाफा दर्ज हुआ। कुल 20 कंपनियों ने साल के दौरान 21,404.09 करोड़ रुपये राइट्स इश्यू के जरिये जुटाए जबकि साल 2023 में 12 कंपनियों ने इसके जरिये 7,266.33 करोड़ रुपये जुटाए थे।
सूचीबद्ध कंपनियों को मौजूदा शेयरधारकों को नए शेयरों की पेशकश कर पूंजी जुटाने की इजाजत है, जो मोटे तौर पर मौजूदा बाजार भाव से थोड़ी छूट पर दिए जाते हैं ताकि सबस्क्रिप्शन को प्रोत्साहन मिले। जब प्रवर्तक समूह अपनी हिस्सेदारी को बरकरार रखना चाहता है तब राइट्स इश्यू को प्राथमिकता दी जाती है।
साल 2024 में जिन कंपनियों ने राइट्स इश्यू जारी किए, उनमें ग्रासिम इंडस्ट्रीज (4,000 करोड़ रुपये जुटाए), इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनैंस (3,693 करोड़ रुपये), टाटा कंज्यूमर प्रॉडक्ट्स (2,998 करोड़ रुपये) और शोभा (1,999 करोड़ रुपये) प्रमुख हैं।
1990 के दशक में रकम जुटाने का आम जरिया राइट्स इश्यू रहा था और प्राइम डेटाबेस के मुताबिक, 1990 से 1996 तक सालाना औसतन 240 कंपनियों ने अपने-अपने राइट्स इश्यू पेश किए।
हाल के वर्षों में हालांकि पात्र संस्थागत नियोजन (क्यूआईपी) ज्यादा लोकप्रिय हो गया क्योंकि इसका क्रियान्वयन आसान है। साल 2024 में 95 कंपनियों ने क्यूआईपी के जरिये 1.36 लाख करोड़ रुपये जुटाए।