मई में खुले नए डीमैट खातों से सरकार के स्वामित्व वाली जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की आईपीओ पेशकश के उत्साहजनक नहीं रहने से इन खातों की संख्या में नरमी आने का संकेत मिलता है। देश की दो डिपोजिटरी – सीडीएसएल और एनएसडीएल द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले महीने करीब 26.5 लाख नए डीमैट खाते खेले गए थे। यह संख्या जनवरी के मुकाबले करीब 750,000 तक कम थी। जनवरी में 34 लाख नए डीमैट खाते खुले थे। जनवरी से, खुलने वाले नए खातों में हरेक महीने कमी आई है और मई में अप्रैल में मुकाबले मामूली सुधार दर्ज किया गया।
कुल डीमैट खातों की संख्या अब 9.48 करोड़ है। एलआईसी के 21,000 करोड़ रुपये के आईपीओ से यह संख्या 20 करोड़ के पार पहुंचने की संभावना थी। 4-9 मई के बीच, एलआईसी के आईपीओ ने 61.3 लाख रिटेल आवेदन हासिल किए। हालांकि उद्योग के कारोबारियों का कहना है कि कई नए डीमैट खाते एलआईसी का आईपीओ बाजार में आने से तीन महीने पहले ही खुल गए थे।
येस सिक्योरिटीज के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी ई प्रशांत प्रभाकरन का कहना है, ‘एलआईसी आईपीओ को पिछले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में पेश किए जाने की संभावना थी, लेकिन इसे इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही के लिए टाल दिया गया। खाता खोलने की रफ्तार उससे पहले काफी तेज हो गई थी। बाजार भी तब अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे। इससे सरकार को एलआईसी आईपीओ लाने में मदद मिली और इस निर्गम ने निवेशकों नए खाते खोलने के लिए प्रोत्साहित किया। ज्यादातर खाते पिछले साल दूसरी या तीसरी तिमाही में खुले थे।’
हाल के महीनों में नए खाते खोलने में नरमी मार्च 2020 में कोविड-19 महामारी फैलने के बाद दर्ज की गई शानदार तेजी के पश्चात आई है। मार्च 2020 और मार्च 2022 के बीच, डीमैट खातों की संख्या 4.09 करोड़ से दोगुनी बढ़कर 8.97 करोड़ हो गई। हालांकि ये विशेष निवेशक नहीं हैं, क्योंकि कई खास निवेशकों के विभिन्न ब्रोकरों के पास डीमैट खाते हैं।
बड़ी तादाद में नए निवेशकों द्वारा डायरेक्ट इक्विटी निवेश से घरेलू बाजार को राहत मिली और उसे विदेशी निवेशकों द्वारा की जाने वाली बिकवाली से आई गिरावट की भरपाई करने में मदद मिली।
हालांकि उतार-चढ़ाव बढ़ने से निवेशक धारणा पर दबाव शुरू हो गया है।
कुछ का मानना है कि डीमैट खाते खुलने की मौजूदा रफ्तार भी अच्छी है। लेकिन उनका कहना है कि कई निवेशक उतार-चढ़ाव बढ़ने की वजह से सक्रियता कम दिखा रहे हैं।
5पैसा कैपिटल के मुख्य
कार्याधिकारी प्राकर्ष गगडानी ने कहा, ‘पिछले तीन महीनों से बाजार एकतरफा रहे हैं। कई स्मॉलकैप और मिडकैप (जिनमें ज्यादातर छोटे निवेशक दिलचस्पी दिखाते हैं) 20-30 प्रतिशत गिरे हैं। जब बाजार कमजोर होते हैं, छोटे निवेशक निवेश करने से परहेज करते हैं। वर्ष 2021 के दौरान बाजार में नए निवेशकों जैसी दिलचस्पी बरकरार नहीं रह सकती है, लेकिन और अधिक नए डीमैट खातों के खुलने का सिलसिला बना रहेगा।’ निफ्टी मिडकैप 100 सूचकांक मई में 5.3 प्रतिशत गिरा, जबकि निफ्टी स्मॉलकैप 100 में 18 प्रतिशत का उतार-चढ़ाव दर्ज किया गया और पिछले महीने इसमें 10.2 प्रतिशत का नुकसान हुआ।